2017 राजनारायणजी का जन्म शताब्दि वर्ष है। आज वे जीवित होते तो उनका सौंवा साल शुरु होता। उनको गए 31 साल होने आ रहे हैं लेकिन हमारी युवा-पीढ़ी के कितने लोग उनका जानते हैं? उनकी स्मृति में कल विट्लभाई हाउस में जो सभा हुई, उसमें कोई भी समाजवादी कहे जाने वाला नेता दिखाई नहीं पड़ा लेकिन मुझे खुशी है कि आयोजकों में कुछ ऐसे उत्साही नौजवान भी थे, जिन्होंने राजनारायणजी को देखा तक नहीं … [Read more...] about राजनारायणः एक संन्यासी नेता
Archives for October 2017
सिर्फ अंग्रेजी काफी नहीं: राष्ट्रपति कोविंद
हमारे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केरल में वही बात कह दी, जो मैं अपने भाषणों में अक्सर कहा करता हूं। वे हमारे शायद ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने हमारी न्याय-व्यवस्था की सबसे गंभीर बीमारी पर उंगली रख दी है। उन्होंने केरल उच्च न्यायालय की हीरक जयंति के अवसर पर कहा कि अदालत के फैसले वादी और प्रतिवादी की भाषाओं में होने चाहिए, न कि सिर्फ अंग्रेजी में ! केरल के फैसले मलयालम और … [Read more...] about सिर्फ अंग्रेजी काफी नहीं: राष्ट्रपति कोविंद
स्पेन का टूटना अच्छा नहीं
स्पेन के एक प्रांत केटेलोनिया में अलगाववाद या आजादी का जो आंदोलन चल रहा है, वह एशिया और अफ्रीका के देशों में चल रहे ऐसे आंदोलनों से काफी अलग है। केटोलोनिया का आंदोलन हिंसक नहीं है। तोड़-फोड़ वाला नहीं है। स्पेन के इस प्रांत ने अपनी संसद में आजादी का प्रस्ताव 1 अक्तूबर को पास कर दिया लेकिन उसके नेता चार्ल्स पियुजडिमोंट ने आजादी की घोषणा नहीं की। वे सारे मामले को बातचीत से हल करना … [Read more...] about स्पेन का टूटना अच्छा नहीं
चीन में दूसरे माओ का जन्म
चीन में इस साल नए माओत्सेतुंग का जन्म हुआ है। माओ जितना ताकतवर नेता चीन में अब तक कोई और नहीं हुआ है। माओ के रहते ल्यू शाओ ची और चाऊ एन लाई प्रसिद्ध जरुर हुए लेकिन वे माओ के हाथ के खिलौने ही बने रहे। माओ के बाद चीन में एक बड़े नेता और हुए। तंग श्याओ पिंग, जिनका यह कथन बहुत प्रसिद्ध हुआ था कि मुझे इससे मतलब नहीं कि बिल्ली काली है या गोरी है, मुझे यह देखना है कि वह चूहा मारती है … [Read more...] about चीन में दूसरे माओ का जन्म
टिलरसनः कुछ खास बातें और ही
पाकिस्तान की दृष्टि से देखें तो अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने भारत आकर कोई खास बात नहीं कही। वे जो बात पाकिस्तान के बारे में वाशिंगटन, काबुल और इस्लामाबाद में कहते रहे, वही उन्होंने नई दिल्ली में भी देाहरा दी। जो खास बातें उन्होंने भारत में कहीं, वे कुछ दूसरी ही हैं। जैसे उन्होंने कहा कि चीनी महापथ (ओबोर) के मुकाबले भारतीय महापथ बनाना क्यों शुरु नहीं किया जाए? इस … [Read more...] about टिलरसनः कुछ खास बातें और ही
अफगान ने अड़ाया अंगद का पांव
अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी की कुछ घंटों की भारत-यात्रा बहुत सार्थक रही। यह यात्रा बहुत संक्षिप्त थी लेकिन एक तो यह तब हुई जबकि अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन काबुल और इस्लामाबाद में दोनों देशों के नेताओं से बात कर चुके थे और तीसरे देश, भारत के नेताओं से बात करने दिल्ली आए हुए हैं। टिलरसन से पहले ही गनी दिल्ली पहुंचे और उन्होंने भारतीय नेताओं से विचार-विमर्श किया, इसका … [Read more...] about अफगान ने अड़ाया अंगद का पांव
कश्मीरः बात बननी मुश्किल
गृहमंत्री राजनाथसिंह की इस घोषणा का स्वागत किया जाना चाहिए कि अब कश्मीर पर बातचीत का दरवाजा सबके लिए खुला रहेगा। यह बातचीत करेंगे, खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख दिनेश्वर शर्मा। शर्मा को यह छूट दी गई है कि वे जिससे चाहें, बात करें। शर्मा को इस नाजुक संवाद के लिए चुनना पड़ा है, इसका अर्थ क्या है? क्या यह नहीं कि भाजपा के पास कोई ऐसा भरोसेमंद और बुद्धिमान नेता नहीं है, जो … [Read more...] about कश्मीरः बात बननी मुश्किल
बाल सफा की बजाय गाल सफा!
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने जीएसटी (एकीकृत कर) के बारे में जो कहा है, उससे आप किस नतीजे पर पहुंचते हैं? हम नतीजों के बारे में विचार करें, उसके पहले हमें दो बातों पर ध्यान देना चाहिए। पहली तो यह कि अधिया हमारी सरकार के राजस्व सचिव हैं, कोई विरोधी दल के नेता नहीं है। दूसरी यह कि वे गुजरात सेवा के अफसर हैं और नरेंद्र मोदी के खास विश्वासपात्र हैं। ऐसे अधिया अब जीएसटी लागू होने के … [Read more...] about बाल सफा की बजाय गाल सफा!
दलाई लामा से क्यों डरे चीन?
चीनी सरकार का यह अजीब-सा रवैया है कि जो व्यक्ति या देश दलाई लामा से मिलता है या उन्हें अपने यहां बुलाता है, उसे वह अपराधी मानेगी। तो इसका अर्थ यह हुआ कि भारत सबसे बड़ा अपराधी है, क्योंकि दलाई लामा 1959 से भारत में ही रह रहे हैं। वैसे दुनिया के लगभग प्रमुख राष्ट्र दलाई लामा का स्वागत कर चुके हैं। चीन का कहना है कि दलाई लामा भारत में रहकर तिब्बत को चीन से अलग करने का अभियान चला … [Read more...] about दलाई लामा से क्यों डरे चीन?
देश में कोई नेता है, क्या ?
जैसा कि मैंने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर लिखा था, लगभग वही हुआ। पटाखों की बिक्री पर लगी रोक से कोई खास मतलब सिद्ध नहीं हुआ। लोगों ने जमकर पटाखे छुड़ाए और दिल्ली में प्रदूषण 23 गुना ज्यादा बढ़ गया। इसी दिन छपे ‘लांसेट’ के सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में 2015 में प्रदूषण के कारण कोई 25 लाख लोग मौत के घाट उतर गए। सरकार ने इस सर्वेक्षण के आंकड़े पर कई प्रश्न-चिन्ह लगाए हैं और इस … [Read more...] about देश में कोई नेता है, क्या ?