नवभारत, 28 अगस्त 2002: केन्द्र सरकार मुग्धा नायिका की तरह गर्व से भरी हुई है| उसने राष्ट्रपति को झुका लिया , उच्चतम न्यायालय को ठेंगा दिखा दिया और चुनाव आयोग को उसका ठिकाना बता दिया| चुनाव-सुधार पर अध्यादेश जारी क्या किया, पूरा पोंचा ही फिरा दिया| जाहिर है कि यह अध्यादेश वह नहीं है, जिस पर डॉ. कलाम दस्तखत करना चाहते थे बल्कि वह है, जिस पर देश के सारे नेताओं ने अपनी इज्जत दाँव … [Read more...] about कलाम कृष्ण और नेता दुर्योधन
Archives for August 2002
झंडाबरदार नहीं, डंडाबरदार मुशर्रफ
हिन्दुस्तान, 27 अगस्त 2002: जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने सत्तारूढ़ होते ही कहा था कि वे पाकिस्तान में लोकतंत्र लाएँगे और ठीक समय पर कुर्सी को नमस्कार कह देंगे| वे सत्ता में एक दिन भी जरूरत से ज्यादा नहीं रहेंगे| अब लगभग तीन साल तक डटे रहने के बावजूद उन्हें वह ‘एक दिन’ कहीं दूर-दूर तक दिखाई नहीं पड़ रहा है| उस ‘एक दिन’ को उन्होंने अब एक झटके में ही पाँच साल आगे खिसका दिया है| अब जो … [Read more...] about झंडाबरदार नहीं, डंडाबरदार मुशर्रफ
भारत की वर्षगांठ और संसद को गठिया
हिन्दुस्तान, 15 अगस्त 2002 : हमने अभी-अभी स्वाधीनता की 55वीं वर्षगांठ मनाई| वह हमारे लोकतंत्र और संप्रभुता की भी वर्षगांठ है| भारत वर्षगांठ मनाए और उसकी संसद की गठिया हो जाए, इससे बढ़कर विडम्बना क्या होगी ? पावस-सत्र में संसद कैसे चली ? चलते-चलते कैसे रुकी और रुकते-रुकते वह सत्रावसान के गह्रवर में कैसे गिरी, क्या सारा देश इस परम कारुणिक दृश्य को देख नहीं रहा है ? संसद अगर अपंग … [Read more...] about भारत की वर्षगांठ और संसद को गठिया
यह है, हमारे नेताओं का भाईचारा !
नवभारत टाइम्स, 05 अगस्त 2002 : पहले हमने कहा था, क्या खूब चोर दरवाज़ा ? अब क्या कहें ? अब तो वह भी नहीं| अब जो नया विधेयक संसद के सामने लाया जा रहा है, उसमें से वह प्रावधान भी निकाल दिया गया है, जिसके कारण किसी नेता को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता था| वह प्रावधान यह था कि अगर किसी उम्मीदवार ने चुनाव के छह माह पहले कोई दो जघन्य अपराध किए हों और उनके कारण उस पर मुकदमे चल रहे हों … [Read more...] about यह है, हमारे नेताओं का भाईचारा !
यह है, हमारे नेताओं का भाईचारा !
नवभारत टाइम्स, 05 अगस्त 2002 : पहले हमने कहा था, क्या खूब चोर दरवाज़ा ? अब क्या कहें ? अब तो वह भी नहीं| अब जो नया विधेयक संसद के सामने लाया जा रहा है, उसमें से वह प्रावधान भी निकाल दिया गया है, जिसके कारण किसी नेता को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता था| वह प्रावधान यह था कि अगर किसी उम्मीदवार ने चुनाव के छह माह पहले कोई दो जघन्य अपराध किए हों और उनके कारण उस पर मुकदमे चल रहे हों … [Read more...] about यह है, हमारे नेताओं का भाईचारा !