R Sahara, 25 May 2003 : अपने प्रधानमंत्रीजी जब भाषण देते हैं तो श्रोताओं को खूब हंसाते हैं| किसी भी वक्ता का यह असाधारण गुण होता है| श्रोताओं को हंसाने में उन्हें विशेष रस आता है| लखनऊ में उन्होंने अंग्रेजी को हटाने पर ऐसा जोर दिया कि अखबारों के पाठक भी हंस-हंसकर लोट-पोट हो रहे हैं| उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा कि यह अटलजी का भाषण है| मुंह अटलजी का और जुबान लोहियाजी की ! जब से … [Read more...] about प्रधानमंत्री और अंग्रेजी हटाओ
Archives for May 2003
अमेरिका में भारतीय करोड़पति
R Sahara, 18 May 2003: कबीर ने लिखा है कि शेरों के झुड नहीं होते और हंसों की पंक्तियॉं नहीं होतीं लेकिन अमेरिका में अजूबा हो रहा है| वहॉं करोड़पतियों की संख्या लाखों में है| वहां हर नौवां भारतीय करोड़पति है और इन करोड़पतियों की संख्या सौ-दो सौ नहीं, पूरी दो लाख है| 18 लाख भारतीयों में से 2 लाख भारतीय करोड़पति हैं| अमेरिका में करोड़पति होने का अर्थ है, कम से कम 50 करोड़ रु. का … [Read more...] about अमेरिका में भारतीय करोड़पति
रहस्योद्घाटन
R Sahara 11 May 2003: लोकसभा में पाकिस्तान पर बोलते हुए प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने अचानक एक रहस्योद्रघाटन कर दिया| वह यह िक् उनकी लाहौर-यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ से उनका यह गुप्त समझौता हुआ था कि कश्मीर के मुद्दे को दरी के नीचे सरका दिया जाए और शेष महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया जाए| यद्यपि लाहौर-घोषणा में कश्मीर का जिक्र जरूर है लेकिन उसे मुख्य मुद्दा नहीं … [Read more...] about रहस्योद्घाटन
रहस्योद्घाटन
R Sahara 11 May 2003: लोकसभा में पाकिस्तान पर बोलते हुए प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने अचानक एक रहस्योद्रघाटन कर दिया| वह यह िक् उनकी लाहौर-यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ से उनका यह गुप्त समझौता हुआ था कि कश्मीर के मुद्दे को दरी के नीचे सरका दिया जाए और शेष महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया जाए| यद्यपि लाहौर-घोषणा में कश्मीर का जिक्र जरूर है लेकिन उसे मुख्य मुद्दा नहीं … [Read more...] about रहस्योद्घाटन
कहीं चोर चिल्ला न पड़े
R Sahara, 4 May 2003 : शेरे-कश्मीर स्टेडियम में प्रधानमंत्री वाजपेयी ने दोस्ती का हाथ क्या बढ़ाया, मुशर्रफ और जमाली ने उसे कूदकर पकड़ लिया| वे उसे अब छोड़ ही नहीं रहे हैं| रोज़ दबा रहे हैं| रोज़ सहला रहे हैं| रोज़ कोई न कोई नया शिगूफा छोड़ देते हैं| अब वे कह रहे हैं कि कम से कम वही स्थिति बहाल कर दीजिए, जो दिसंबर 2001 (संसद पर हमले) के पहले थी| जब आपने सीमाओं पर चढ़ाई फौज वापस … [Read more...] about कहीं चोर चिल्ला न पड़े