नवभारत टाइम्स, 12 जनवरी 2006 : वृंदा कारत ने किसका भला किया? न खुद का, न मजदूरों का, न देश का, न आयुर्वेद का, न मार्क्सवादी पार्टी का! हर दृष्टि से उनका अभियान गलत साबित हो रहा है| वृंदाजी ने पहले इतने सही मुद्दों पर लड़ाइयाँ लड़ी हैं कि जब उन्होंने स्वामी रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोला तो किसी को भी उसमें से दुराशय की आहट तक नहीं मिली| सबने यही समझा कि दिव्य योग फार्मेसी के … [Read more...] about रामदेव नहीं, भारत पर हमला
Archives for January 2006
नेपाल : दुविधा नहीं, दायित्व निभाए
राष्ट्रीय सहारा, 6 जनवरी 2006 : नेपाल के माओवादियों ने फिर पुरानी राह पकड़ ली है| चार माह से चले आ रहे संघर्ष-विराम को उन्होंने समाप्त घोषित कर दिया है| उन्होंने न तो संयुक्तराष्ट्र, न नेपाल के राजनीतिक दलों और न ही भारत सरकार के अनुरोध को स्वीकार किया| वे अब मनमानी पर उतर आए हैं| यह अकारण नहीं है| इसके कई कारण हैं| पहला तो यह कि संघर्ष-विराम को माओवादी एकतरफा पा रहे थे| … [Read more...] about नेपाल : दुविधा नहीं, दायित्व निभाए
ग्यारह निकाले गए, अब आगे क्या
नवभारत टाइम्स, 02 जनवरी 2006 : कोई संसद अपने 11 सदस्यों को एक साथ निकाल बाहर करे, ऐसा पहले कभी देखा-सुना नहीं गया| निकालने में जो फुर्ती दिखाई गई, वह भी अपूर्व थी| अगर अदालत को मौका मिल जाता तो अंजाम शायद झारखंड रिश्वत कांड से भी बुरा हो सकता था| उस मामले में तो बाक़ायदा रिश्वत दी गई थी और रिश्वत लेकर सांसदों ने मतदान किया था| यहाँ तो अपराध नहीं, अपराध का नाटक हुआ था| स्टिंग … [Read more...] about ग्यारह निकाले गए, अब आगे क्या