राष्ट्रीय सहरा, 29 सितंबर 09 : ऐसा कहा जा रहा है कि सुरक्षा-परिषद् के ताजातरीन प्रस्ताव का भारत-अमेरिकी परमाणु सौदे पर कोई असर नहीं पड़ेगा| प्रधानमंत्री को अमेरिकी नेताओं ने आश्वस्त कर दिया है और वे गद्गद् हैं| लेकिन इसमें गद्गद् होने की बात क्या है ? भारत को गद्गद् तो तब होना चाहिए, जब सुरक्षा परिषद्र उसे वह मान्यता दे, जो उसने अन्य पांच परमाणु शस्त्र्-संपन्न राष्ट्रों को दे … [Read more...] about भारत धारण करे, सिंह-मुद्रा !
Archives for September 2009
गरीब देशों के दर्द की सुनवाई
दैनिक भास्कर, 29 सितंबर 2009 : दुनिया की अर्थ-व्यवस्था चलाने का ठेका कई वर्षों से पांच-सात देशों ने ले रखा था याने दुनिया में प्रच्छन्न साम्राज्यवाद चल रहा था लेकिन अब ग्रुप-20 याने 20 देशों के समूह ने यह जिम्मेदारी अपने सिर ले ली है| यह भी सीमित साम्राज्यवाद ही है, क्योंकि दुनिया में अभी 190 देश हैं| सिर्फ 10 प्रतिशत देश मिलकर सौ प्रतिशत देशों के भाग्य-नियंता बन जाएं, यह क्या … [Read more...] about गरीब देशों के दर्द की सुनवाई
क्यों डरें हम चीन से
दै. भास्कर, 27 सितंबर 2009 : चीन को लेकर भारत में अजीब-सी स्थिति पैदा हो गई है| ऐसा लगता है कि जनता जाग रही है और सरकार सो रही है| सीमा पर चीन क्या-क्या हरकतें कर रहा है, यह जानने के जितने साधन जनता के पास हैं, उनसे कहीं ज्यादा सरकार के पास हैं| जनता को जगानेवाले सिर्फ अखबार और टीवी चैनल हैं| अखबार और टीवी कह रहे हैं कि चीनी सैनिक हमारी सीमाओं में घुसकर हमारे नागरिकों को तंग … [Read more...] about क्यों डरें हम चीन से
सादगी दिखावा, अय्याशी आदर्श
दैनिक भास्कर, 23 सितंबर 2009 : किसे सादगी कहे और किसे अय्याशी ? हवाई जहाज की ‘इकॉनामी क्लास’ में यात्रi को सादगी कहा जा रहा है| इन सादगीवालों से कोई पूछे कि हवाई-जहाज में कितने लोग यात्र करते हैं ? मुश्किल से दो-तीन करोड़ लोग ! 100 करोड़ से ज्यादा लोग तो हवाई जहाज को सिर्फ आसमान में उड़ता हुआ ही देखते हैं| तो हवाई-यात्र सादगी हुई या अय्रयाशी ? देश में करोड़ों लोग ऐसे हैं, जो … [Read more...] about सादगी दिखावा, अय्याशी आदर्श
सादगी दिखावा, अय्याशी आदर्श
दैनिक भास्कर, 23 सितंबर 2009 : किसे सादगी कहे और किसे अय्याशी ? हवाई जहाज की ‘इकॉनामी क्लास’ में यात्रi को सादगी कहा जा रहा है| इन सादगीवालों से कोई पूछे कि हवाई-जहाज में कितने लोग यात्र करते हैं ? मुश्किल से दो-तीन करोड़ लोग ! 100 करोड़ से ज्यादा लोग तो हवाई जहाज को सिर्फ आसमान में उड़ता हुआ ही देखते हैं| तो हवाई-यात्र सादगी हुई या अय्रयाशी ? देश में करोड़ों लोग ऐसे हैं, जो … [Read more...] about सादगी दिखावा, अय्याशी आदर्श
भाजपा को बचाएगा नया हिंदुत्व
दैनिक भास्कर, 2 सितंबर 2009 : अगर आज भाजपा बिखर जाए तो क्या होगा ? देश का बड़ा अहित हो जाएगा| स्वयं प्रधानमंत्री ने यह चिंता व्यक्त की है| वे देश का रथ चला रहे हैं| रथ का दूसरा पहिया टूट जाए तो रथ चलेगा क्या ? रथ का यह दूसरा पहिया हिल जरूर रहा है लेकिन यह इतना कमजोर नहीं है कि टूट जाए| इसका हश्र वह नहीं हो सकता, जो जनता पार्टी, स्वतंत्र् पार्टी या संसोपा का हुआ| ये पार्टियां या … [Read more...] about भाजपा को बचाएगा नया हिंदुत्व
करजई बने सबकी मजबूरी
दैनिक भास्कर, 17 सितंबर 2009 : अफगानिस्तान में राष्ट्रपति का चुनाव किसने जीता है, इसकी अधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है ? यह निश्चित है कि डॉ. अब्दुल्ला अब्दुल्ला के वोट 28 प्रतिशत से कूदकर 54 प्रतिशत के आंकड़े को नहीं छू सकते| वे 50 प्रतिशत तक भी नहीं पहुंच सकते| यदि पहुंच जाते तो यह चुनाव दुबारा होता| हामिद करज़ई और अब्दुल्ला के बीच एक टक्कर और … [Read more...] about करजई बने सबकी मजबूरी
नेपाल से खरी-खरी
दैनिक भास्कर, 9 सितंबर 2009 : नेपाल का हाल भी अजीब है| जरा दो मामलों पर गौर कीजिए-एक उपराष्ट्रपति की हिंदी शपथ का और दूसरा पशुपतिनाथ मंदिर के पुजारियों का ! यूं तो ये नेपाल के आंतरिक मामले मालूम पड़ते हैं और कहा जा रहा है कि इनका भारत से क्या लेना-देना ? लेकिन सच्चाई यह है कि ये दोनों मामले जुड़े हुए हैं और ये भारत पर नेपाल के भारत-विरोधी तत्वों का सीधा प्रहार हैं| यदि ये मामले … [Read more...] about नेपाल से खरी-खरी
जापान में सत्ता परिर्वतन के निहितार्थ
रा. सहारा, 3 सितंबर 2009 : जापान की संसद का जैसा चुनाव अभी हुआ, आधुनिक जापान के इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ| भूकंपों के देश में यह पहला राजनीतिक भूकंप है| एकाध साल का अपवाद छोड़ दें तो जो ‘लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी’ पिछले 55 वर्षों से लगातार सत्तारूढ़ थी, उसका धराशायी हो जाना सिर्फ जापान ही नहीं, एशिया और विश्व की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण घटना है| सत्तारूढ़ ‘लिडेपा’ को 480 … [Read more...] about जापान में सत्ता परिर्वतन के निहितार्थ