राष्ट्रीय सहारा, 29 जनवरी 2010 | श्रीलंका में राष्ट्रपति का चुनाव बहुत ही नीरस होनेवाला था लेकिन अचानक सारी दुनिया की नज़रें उस पर गड़ गइंर्| तमिल उग्रवादियों का समूल-नाश करनेवाले राष्ट्रपति महिंद्र राजपक्ष की विजय इतनी एकतरफा और प्रचंड होती कि वह अपने आप में एक मिसाल बन जाती लेकिन इसी डर से सारे नेता खिसक गए और उन्होंने राष्ट्रपति राजपक्ष से उनके ही सेनापति शरत फोन्सेका को … [Read more...] about अब बने नया श्रीलंका
Archives for January 2010
ओबामा का पहला साल बुरा नहीं रहा
दैनिक भास्कर (नई दिल्ली), 25 जनवरी 2010 | बराक हुसैन ओबामा के एक साल में ऐसा क्या कर दिया कि उनकी लोकपि्रयता का ग्राफ 80 से गिरकर 50 के आस-पास आ गया है ? ऐसा तो प्राय: तभी होता है, जब कोई राष्ट्रपति वाटरगेट में फंस जाए या ल्यूंस्की मामले में उलझ जाए या वियतनाम और एराक़ में पटकनी खा जाए| ओबामा के साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ है| फिर भी अमेरिका के कई राजनीतिक पंडित निराशाजनक … [Read more...] about ओबामा का पहला साल बुरा नहीं रहा
काबुल के हमले के पीछे कौन है
हिन्दुस्तान, 21 जनवरी 2010 | काबुल के पश्तून चौक में हुआ तालिबानी हमला कोई पहला हमला नहीं है| लेकिन पिछले आठ साल में जितने भी हमले हुए हैं, उनमें यह हमला सबसे अधिक दुस्साहसिक था| भारतीय दूतावास और संयुक्तराष्ट्र की अतिथि-शाला पर हुए हमलों में ज्यादा लोग मारे गए थे और उनका शोर भी काफी मचा था लेकिन इस हमले ने यह सिद्घ किया है कि अब तालिबान का धैर्य टूट गया है और अब वे बड़े से … [Read more...] about काबुल के हमले के पीछे कौन है
हसीना का हसीन सफर
दैनिक भास्कर, भोपाल, 13 January 2010 : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की यह भारत यात्रा ऐतिहासिक सिद्ध होगी, इसमें जरा भी शक नहीं है। यह भारत-बांग्ला स्वर्ण युग का प्रारंभ है। बांग्लादेश का जन्म 1971 में हुआ, लेकिन पिछले 39 सालों में से ३क् से भी ज्यादा साल तक ढाका में ऐसी सरकारें बनीं, जिनका एक ही मूल मंत्र रहा, भारत विरोध। भारत विरोध के नाम पर या तो वे चुनाव जीतती थीं … [Read more...] about हसीना का हसीन सफर
आतंकवाद का धर्म से क्या नाता?
Dainik Bhaskar, 12 Jan 2010 : क्या आतंक का कोई रंग होता है? कोई मजहब होता है? होता तो नहीं है, लेकिन मुख-सुख के लिए लोग उसका वैसा नामकरण कर देते हैं। यह नामकरण बड़ा विनाशकारी सिद्ध होता है। कुछ सिरफिरों का उन्माद उनसे संबंधित सारे समुदाय के लिए कलंक का टीका बन जाता है। यह टीका कभी सिखों के सिर पर लगा, कभी मुसलमानों के और अब यह हिंदुओं के सिर पर लग रहा है। जब से असीमानंद का … [Read more...] about आतंकवाद का धर्म से क्या नाता?
अनिवार्य मतदान है लोकशक्ति का शंखनाद
हिन्दुस्तान, 7 जनवरी 2010 : गुजरात विधानसभा ने अनिवार्य मतदान का विधेयक क्या पास किया, सारे देश में हंगामा मच रहा है| सारे देश से इस विधेयक का कोई संबंध नहीं है| यह सिर्फ गुजरात के लिए है| वह भी स्थानीय चुनावों के लिए ! विधानसभा और लोकसभा के चुनाव तो जैसे अब तक होते हैं, वैसे ही होते रहेंगे| यदि उनमें कोई मतदान न करना चाहे तो न करे| सारे देश में अनिवार्य मतदान लागू करना तब तक … [Read more...] about अनिवार्य मतदान है लोकशक्ति का शंखनाद