Dainik Hindustan, 25 March 2010 : भारत में जो हैसियत कभी जवाहरलाल नेहरू की हुआ करती थी, वही नेपाल में गिरिजाप्रसाद कोइराला की थी। नेहरूजी के जमाने में अक्सर यह सवाल पूछा जाता था कि नेहरू के बाद कौन? लेकिन नेपाल में यह सवाल नहीं पूछा जा रहा है, क्योंकि गिरिजा बाबू ने अपनी बेटी सुजाता, अपने भतीजे सुशील कोइराला को जमा दिया था। नेपाल में अब असली सवाल यह है कि कोइराला के बाद … [Read more...] about नेपाल अपना रास्ता खुद तय करे
Archives for March 2010
यह लोहिया की सदी हो
Dainik Bhaskar, 23 March 2010 : जन्म शताब्दियां तो कई नेताओं की मन रही हैं, लेकिन प्रश्न यह है कि स्वतंत्र भारत में क्या राममनोहर लोहिया जैसा कोई और नेता हुआ है? इसमें शक नहीं कि पिछले 63 सालों में कई बड़े नेता हुए, कुछ बड़े प्रधानमंत्री भी हुए, लेकिन लोहिया ने जैसे देश हिलाया, किसी अन्य नेता ने नहीं हिलाया। उन्हें कुल 57 साल का जीवन मिला, लेकिन इतने छोटे से जीवन में … [Read more...] about यह लोहिया की सदी हो
यह लोहिया की सदी हो
Dainik Bhaskar, 23 March 2010 : जन्म शताब्दियां तो कई नेताओं की मन रही हैं, लेकिन प्रश्न यह है कि स्वतंत्र भारत में क्या राममनोहर लोहिया जैसा कोई और नेता हुआ है? इसमें शक नहीं कि पिछले 63 सालों में कई बड़े नेता हुए, कुछ बड़े प्रधानमंत्री भी हुए, लेकिन लोहिया ने जैसे देश हिलाया, किसी अन्य नेता ने नहीं हिलाया। उन्हें कुल 57 साल का जीवन मिला, लेकिन इतने छोटे से जीवन में … [Read more...] about यह लोहिया की सदी हो
ये भी कोई हर्जाना है !
Dainik Bhaskar, 17 March 2010 … [Read more...] about ये भी कोई हर्जाना है !
ये भी कोई हर्जाना है !
Dainik Bhaskar, 17 March 2010 … [Read more...] about ये भी कोई हर्जाना है !
भारत-रूस बहाएँ एशिया में नई हवाएँ
Dainik Hindustan, 16 March 2010 : रूसी प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन की इस भारत-यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों को नया आयाम दे दिया है। ख्रुश्चेव, बुल्गानिन और ब्रेझनेव का युग न तो अब लौट सकता है और न ही इस बहुध्रुवीय विश्व में अब उसकी जरूरत है लेकिन भारत-रूस संबंधों में अचानक जो ठंडापन आ गया था, उनमें ऊष्मा भरने का काम ब्लादिमीर पुतिन ने किया है, पहले राष्ट्रपति के रूप में और … [Read more...] about भारत-रूस बहाएँ एशिया में नई हवाएँ
काबुल हमले का अर्थ
Dainik Bhaskar, 3 March 2010 : जब तक पाकिस्तान में फौज का बोलबाला रहेगा, न आतंकवाद खत्म होगा, न अफगानिस्तान में शांति होगी, न कश्मीर हल होगा। पाक फौज अच्छे से समझ चुकी है कि वह युद्ध के जरिए कश्मीर नहीं छीन सकती। अब उसके पास आतंकवाद ही एकमात्र ब्रrास्त्र रह गया है। पाकिस्तान की जनता आतंकवाद के विरुद्ध है लेकिन वह आतंकवाद की असली अम्मा(फौज) के विरुद्ध कटिबद्ध कैसे हो? काबुल … [Read more...] about काबुल हमले का अर्थ
An Indian view of new Challenges in Afghanistan
. Edited by Dr.Vaidik SLUG: Afghan imbroglio The declaration of President Barak Husain Obama’s Af-Pak policy and the successful conclusion of the London conference on Afghanistan are a welcome development. They are correct steps in the right direction. However, the current situation in Afghanistan has thrown up several new challenges. It is nearly impossible to wind up … [Read more...] about An Indian view of new Challenges in Afghanistan
New Challenges in Afghanistan : An Indian View
The declaration of President Barak Husain Obama’s Af-Pak policy and the successful conclusion of the London conference on Afghanistan are a welcome development. They are correct steps in the right direction. However, the current situation in Afghanistan has thrown up several new challenges. It is nearly impossible to wind up the war and stabilize Afghanistan without analyzing … [Read more...] about New Challenges in Afghanistan : An Indian View