Dainik Bhaskar, 22 sept. 2010 : सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल की कश्मीर यात्रा बहुत सार्थक सिद्ध हो रही है। महाभारत के युद्ध के दौरान श्रीकृष्ण ने कौरवों के साथ वार्ता में जो चतुराई दिखाई थी, वही अब श्रीनगर में भी दिखाई पड़ रही है। अलगाववादी नेताओं के घर जाकर मिलना लचीली कूटनीति का सुंदर उदाहरण है। इसी लचीलेपन को यदि हमारे नेता थोड़ा और आगे बढ़ा दें तो अंधी सुरंग के पार रोशनी दिखना … [Read more...] about आजादी या अलगाव?
Archives for September 2010
फलस्तीन का हल आसान नहीं
राष्ट्रीय सहारा, 20 सितंबर 2010 : इस्राइल और फलस्तीन के बीच आजकल जो बात चल रही है, वह तलवार की धार पर चलने से कम नहीं है| यह तो स्पष्ट है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पहल नहीं करते तो यह संवाद संभव ही नहीं होता| पिछले साल गाजा पट्रटी में हमास और इस्राइल की सरकार ने इतनी तगड़ी धींगामुश्ती की कि लगभग डेढ़ हजार लोग मारे गए और हजारों घर बर्बाद हो गए| ओबामा के दबाव में आकर अब … [Read more...] about फलस्तीन का हल आसान नहीं
‘Caste census will encourage reservation politics’ Special Correspondent
THE Hindu , 20 sept 2010 : JAIPUR: Activists spearheading a campaign against the caste-basedcensus here on Sunday opposed the Union Government’s decision to collect the caste data in a separate exercise in June next year fearing that it would encourage “reservation politics” and give rise to renewed demands for splitting the quota for sub-castes. Academicians, former judges … [Read more...] about ‘Caste census will encourage reservation politics’ Special Correspondent
कहाँ गए वो हिंदी आंदोलन ?
दैनिक भास्कर, 14 सितंबर 2010 | यह सवाल ‘भास्कर’ को पूछना चाहिए था, देश के गांधीवादियों से, आर्य समाजियों से, समाजवादियों से, संघियों से, हिंदी साहित्य सम्मेलनों से और दक्षिण के हिंदी प्रचारकों से लेकिन उन्होंने यह मुझसे पूछ लिया है| क्यों पूछा है, यह तो वे ही बता सकते हैं लेकिन इस सवाल का जवाब आसान नहीं है| इसका पहला जवाब तो यही दिया जाता है कि देश में अब हिंदी आंदोलन की … [Read more...] about कहाँ गए वो हिंदी आंदोलन ?
शिखरों पर शून्य
Dainik Bhaskar, 8 Sept. 2010 : मोटे तौर पर देखें तो भारत में सब ठीक-ठाक ही चल रहा है। न हम किसी युद्ध में फंसे हैं, न कोई दंगे हो रहे हैं, न चीन और पाकिस्तान की तरह हजारों लोग बाढ़ में मर रहे हैं, न सरकार के गिरने की कोई नौबत है। विकास दर में बढ़ोतरी हो रही है, महंगाई थोड़ी घटी है, करोड़पतियों की संख्या बढ़ी है, श्रीलंका, नेपाल और पाकिस्तान जैसे देशों को हम करोड़ों रुपए यों … [Read more...] about शिखरों पर शून्य
क्या है कश्मीर का असली मर्ज
Daink Hindustan, New Delhi 18 sept. 2010 : कश्मीर पर हुई सर्वदलीय बैठक को कई बागी नेताओं ने निर्थक घोषित कर दिया है। सैयद अली शाह गिलानी का कहना है असली मर्ज़ पर किसी ने उंगली ही नहीं रखी। सर्वदलीय बैठक में कश्मीर की ‘आजादी’ का कोई जि़क्र तक नहीं हुआ। तो बागी नेता क्या भ्रम पाले हुए थे? वे शायद इस गलतफहमी में हैं कि भारत के सारे नेता डर गए हैं। डरे हुए नेताओं की इस सर्वदलीय … [Read more...] about क्या है कश्मीर का असली मर्ज
शिखरों पर शून्य
Dainik Bhaskar, 8 Sept. 2010 : मोटे तौर पर देखें तो भारत में सब ठीक-ठाक ही चल रहा है। न हम किसी युद्ध में फंसे हैं, न कोई दंगे हो रहे हैं, न चीन और पाकिस्तान की तरह हजारों लोग बाढ़ में मर रहे हैं, न सरकार के गिरने की कोई नौबत है। विकास दर में बढ़ोतरी हो रही है, महंगाई थोड़ी घटी है, करोड़पतियों की संख्या बढ़ी है, श्रीलंका, नेपाल और पाकिस्तान जैसे देशों को हम करोड़ों रुपए … [Read more...] about शिखरों पर शून्य
ये वापसी भी क्या वापसी है
दैनिक हिन्दुस्तान, 07 सितंबर 2010 : अगर ओबामा की जगह बुश होते तो अमेरिका के लिए कहा जाता कि ‘बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले’ | एराक से निकलना कोरिया और वियतनाम से भी बदतर ही रहा, हालांकि वहां बहुत ज्यादा अमेरिकी मारे गए थे| एराक में बुश क्यों घुसे थे, यह आज तक स्पष्ट नहीं हो पाया| क्या एक भी सर्वनाशकारी हथियार एराक़ में आज तक मिल पाया ? इन्हीं हथियारों का बहाना बनाकर … [Read more...] about ये वापसी भी क्या वापसी है
ये वापसी भी क्या वापसी है
दैनिक हिन्दुस्तान, 07 सितंबर 2010 : अगर ओबामा की जगह बुश होते तो अमेरिका के लिए कहा जाता कि ‘बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले’ | एराक से निकलना कोरिया और वियतनाम से भी बदतर ही रहा, हालांकि वहां बहुत ज्यादा अमेरिकी मारे गए थे| एराक में बुश क्यों घुसे थे, यह आज तक स्पष्ट नहीं हो पाया| क्या एक भी सर्वनाशकारी हथियार एराक़ में आज तक मिल पाया ? इन्हीं हथियारों का बहाना बनाकर … [Read more...] about ये वापसी भी क्या वापसी है