Dainik Bhaskar, 06 April 2011 : भ्रष्टाचार ने माहौल को इतना गर्म कर दिया है कि इस समय लोकपाल के मुद्दे की प्रतिध्वनि सारे देश में सुनाई पड़ रही है। लोकपाल का अर्थ है, ऐसे पद की स्थापना जो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सर्वोच्च न्यायाधीश से लेकर छोटे से छोटे सरकारी कर्मचारी के भ्रष्टाचार को पकड़े और उसे सजा दिलवाए। यह बड़ी टेढ़ी खीर है। इस खीर को संसद के कढ़ाव में चढ़े 42 साल बीत … [Read more...] about लोकपाल दूर का ढोल क्यों?
Archives for April 2011
लोकपाल दूर का ढोल क्यों?
Dainik Bhaskar, 06 April 2011 : भ्रष्टाचार ने माहौल को इतना गर्म कर दिया है कि इस समय लोकपाल के मुद्दे की प्रतिध्वनि सारे देश में सुनाई पड़ रही है। लोकपाल का अर्थ है, ऐसे पद की स्थापना जो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सर्वोच्च न्यायाधीश से लेकर छोटे से छोटे सरकारी कर्मचारी के भ्रष्टाचार को पकड़े और उसे सजा दिलवाए। यह बड़ी टेढ़ी खीर है। इस खीर को संसद के कढ़ाव में चढ़े 42 साल बीत … [Read more...] about लोकपाल दूर का ढोल क्यों?
मोहाली में मुखौटों की मेहमानी
दैनिक भास्कर, 1 अप्रैल 2011 : कि्रकेट और कूटनीति में कितना गहरा रिश्ता है| कि्रकेट अगर अंग्रेज की गुलामी है तो हमारी कूटनीति अमेरिकियों की गुलामी है| इन दोनो गुलामियों का क्या सुंदर समागम हुआ है, मोहाली में ! दोनों गुलामियॉं दोनों देशों को एक-जैसी पि्रय हैं, क्योंकि दोनों अंग्रेज के गुलाम रहे हैं और आज दोनों ही अमेरिका के भुज-पाश में बंधे हुए हैं| बि्रटेन के इशारे पर इस देश में … [Read more...] about मोहाली में मुखौटों की मेहमानी
मोहाली में मुखौटों की मेहमानी
दैनिक भास्कर, 1 अप्रैल 2011 : कि्रकेट और कूटनीति में कितना गहरा रिश्ता है| कि्रकेट अगर अंग्रेज की गुलामी है तो हमारी कूटनीति अमेरिकियों की गुलामी है| इन दोनो गुलामियों का क्या सुंदर समागम हुआ है, मोहाली में ! दोनों गुलामियॉं दोनों देशों को एक-जैसी पि्रय हैं, क्योंकि दोनों अंग्रेज के गुलाम रहे हैं और आज दोनों ही अमेरिका के भुज-पाश में बंधे हुए हैं| बि्रटेन के इशारे पर इस देश में … [Read more...] about मोहाली में मुखौटों की मेहमानी