दैनिक भास्कर, 20 April 2011 : जिसका शुरू से मुझे डर था, अब वही हो रहा है। लोकपाल के नाम पर उमड़ा अपूर्व जनाक्रोश अब अपूर्व दिग्भ्रम बनता चला जा रहा है। सबसे पहले अन्ना हजारे को ही लें। जब उन्हें अनशन पर बिठाया गया था, तब और अब, जबकि वे लोकपाल विधेयक कमेटी के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं, उनकी अपनी कोई सोच दिखाई ही नहीं पड़ती। उन्हें जो भी तत्काल सूझ पड़ता है, उसे वे अखबारों को बोल … [Read more...] about हिरना समझ-बूझ वन चरना..
Archives for April 2011
अपने ही जाल में फँसता पाकिस्तान
राष्ट्रीय सहारा, 18 अप्रैल 2011 : पाकिस्तान और अमेरिका, दोनों के लिए एक नया सिरदर्द खड़ा हो गया है| भारत सरकार भी अब एक नई मुसीबत में फंस गई है| इस मुसीबत का जनक है, तस्व्वुर हुसैन राणा ! राणा यों तो कनाडा का नागरिक है लेकिन वह है मूलत: पाकिस्तानी| उसे भी डेविड कोलमन हेडली के साथ पकड़ा गया था| इन दोनों पाकिस्तानियों ने ही मुंबई-हमले की साजिश रची थी| ये दोनों षडयंत्र्कारी इस समय … [Read more...] about अपने ही जाल में फँसता पाकिस्तान
अपने ही जाल में फँसता पाकिस्तान
राष्ट्रीय सहारा, 18 अप्रैल 2011 : पाकिस्तान और अमेरिका, दोनों के लिए एक नया सिरदर्द खड़ा हो गया है| भारत सरकार भी अब एक नई मुसीबत में फंस गई है| इस मुसीबत का जनक है, तस्व्वुर हुसैन राणा ! राणा यों तो कनाडा का नागरिक है लेकिन वह है मूलत: पाकिस्तानी| उसे भी डेविड कोलमन हेडली के साथ पकड़ा गया था| इन दोनों पाकिस्तानियों ने ही मुंबई-हमले की साजिश रची थी| ये दोनों षडयंत्र्कारी इस समय … [Read more...] about अपने ही जाल में फँसता पाकिस्तान
‘ब्रिक्स’ से सधे भारत के कई बड़े हित
Dainik Hindustan, 17 April 2011 : प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का चीन जाकर ‘ब्रिक्स’ शिखर सम्मेलन में भाग लेना भारत के लिए काफी फायदेमंद रहा। सबसे पहला फायदा तो यही हुआ है कि चीन पटरी पर लौट आया है। पिछले साल पहले तो चीन ने जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को बाकायदा वीजा देने की बजाय यात्रा-कागज पकड़ाना शुरू कर दिया और फिर उसने हमारी उत्तरी कमांड के अफसर को वीजा देने से मना कर … [Read more...] about ‘ब्रिक्स’ से सधे भारत के कई बड़े हित
हजारे का लोकपाल : राई को पहाड़ न समझें
दैनिक भास्कर, 13 अप्रैल 2011 : आजादी के बाद अनशन तो कई हुए, लेकिन अन्ना हजारे का अनशन अपूर्व था| इतने कम समय में इतनी जबर्दस्त प्रतिक्रिया पहले कभी नहीं हुई| श्रीरामुलू के अनशन ने आंध्रप्रदेश बनाया और तारासिंह और फतेह सिंह के अनशन ने पंजाब बनाया| अन्ना के अनशन ने अभी तक कुछ नहीं बनाया| लोकपाल भी नहीं| लेकिन इस अनशन ने सब सीमाएं तोड़ दीं| प्रांत, भाषा, जाति, मज़हब – कोई भी दीवार … [Read more...] about हजारे का लोकपाल : राई को पहाड़ न समझें
हजारे का लोकपाल : राई को पहाड़ न समझें
दैनिक भास्कर, 13 अप्रैल 2011 : आजादी के बाद अनशन तो कई हुए, लेकिन अन्ना हजारे का अनशन अपूर्व था| इतने कम समय में इतनी जबर्दस्त प्रतिक्रिया पहले कभी नहीं हुई| श्रीरामुलू के अनशन ने आंध्रप्रदेश बनाया और तारासिंह और फतेह सिंह के अनशन ने पंजाब बनाया| अन्ना के अनशन ने अभी तक कुछ नहीं बनाया| लोकपाल भी नहीं| लेकिन इस अनशन ने सब सीमाएं तोड़ दीं| प्रांत, भाषा, जाति, मज़हब – कोई भी दीवार … [Read more...] about हजारे का लोकपाल : राई को पहाड़ न समझें
धर्म के नाम पर दहाड़ता अधर्म
दैनिक हिन्दुस्तान, 8 अप्रैल 2011 : अगर आज ईसा मसीह होते तो क्या करते ? अपना माथा कूट लेते| अगर कोई उन्हें टेरी जोन्स की हरकतों से वाकिफ करवा देता तो वे कहते कि ऐसे ईसाई धर्म से मेरा कोई लेना-देना नहीं है| फ्लोरिडा के किसी गुमनाम चर्च के पादरी जोन्स ने 20 मार्च को कुरान शरीफ की एक प्रति क्या जलाई, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में दर्जनों लोगों को अपनी जान से हाथ धोने पड़े हैं| सारे … [Read more...] about धर्म के नाम पर दहाड़ता अधर्म
धर्म के नाम पर दहाड़ता अधर्म
दैनिक हिन्दुस्तान, 8 अप्रैल 2011 : अगर आज ईसा मसीह होते तो क्या करते ? अपना माथा कूट लेते| अगर कोई उन्हें टेरी जोन्स की हरकतों से वाकिफ करवा देता तो वे कहते कि ऐसे ईसाई धर्म से मेरा कोई लेना-देना नहीं है| फ्लोरिडा के किसी गुमनाम चर्च के पादरी जोन्स ने 20 मार्च को कुरान शरीफ की एक प्रति क्या जलाई, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में दर्जनों लोगों को अपनी जान से हाथ धोने पड़े हैं| सारे … [Read more...] about धर्म के नाम पर दहाड़ता अधर्म
गांधी के ब्रह्यचर्य पर नई बहस
जनसत्ता, 07अप्रैल 2011 : जोज़फ लेलीवेल्ड का भला हो कि उनकी वजह से गांधी पर एक बार फिर लंबी-चौड़ी बहस शुरू हो गई है| कृतज्ञ भारत गांधी को सिर्फ हर 2 अक्तूबर या 30 जनवरी को याद करने को मजबूर हो जाता है वरना गांधी अब अजायबघर की वस्तु हो गए हैं| लेलीवेल्ड की पुस्तक ”ग्रेट सोल : महात्मा गांधी एंड हिज़ स्ट्रगल विथ इंडिया” कोई चालू किताब नहीं है| लेलीवेल्ड ने वर्षों के अनुसंधान के बाद … [Read more...] about गांधी के ब्रह्यचर्य पर नई बहस
गांधी के ब्रह्यचर्य पर नई बहस
जनसत्ता, 07अप्रैल 2011 : जोज़फ लेलीवेल्ड का भला हो कि उनकी वजह से गांधी पर एक बार फिर लंबी-चौड़ी बहस शुरू हो गई है| कृतज्ञ भारत गांधी को सिर्फ हर 2 अक्तूबर या 30 जनवरी को याद करने को मजबूर हो जाता है वरना गांधी अब अजायबघर की वस्तु हो गए हैं| लेलीवेल्ड की पुस्तक ”ग्रेट सोल : महात्मा गांधी एंड हिज़ स्ट्रगल विथ इंडिया” कोई चालू किताब नहीं है| लेलीवेल्ड ने वर्षों के अनुसंधान के बाद … [Read more...] about गांधी के ब्रह्यचर्य पर नई बहस