म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों ने भारत सरकार को गहरे पसोपेश में डाल दिया है। भारत सरकार उनके इतने विरुद्ध थी कि वह 40 हजार रोंहिग्या शरणार्थियों को भारत से निकाल बाहर करना चाहती थी। उसने सर्वोच्च न्यायालय को यह समझाने की भी कोशिश की कि इन रोहिंग्या मुसलमानों से देश को क्या-क्या खतरे हैं। उनके संबंध अरब आतंकवादियों से हैं, वे पाकिस्तानपरस्त हैं और अपराधी प्रवृत्ति के हैं, ऐसे … [Read more...] about रोहिंग्या-नीतिः शीर्षासन की मुद्रा
Archives for September 2017
शाकाहार करें, बेहतर इंसान बनें
आजकल अपने देश में इस मुद्दे पर काफी बहस चल रही है कि लोग क्या खाएं और क्या न खाएं? हमारे प्रधानमंत्री ने भी कह दिया है कि खाने-पीने का संस्कृति से कोई संबंध नहीं है। यह बड़ी मजेदार बात है कि हमारे हिंदुत्ववादी नेता भी पर्यटन मंत्री अल्फोंस के चेले बनते जा रहे हैं। अल्फोंस ने भाजपा सरकार के मंत्री बनते ही बयान दे दिया कि गोमांस खाने में क्या बुराई है? इस बयान को वे तरह-तरह से … [Read more...] about शाकाहार करें, बेहतर इंसान बनें
सरदार सरोवरः शुभारंभ
सरदार सरोवर बांध का निर्माण भारत की एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। नर्मदा नदी पर बांध खड़ा करने का सपना सरदार पटेल ने देखा था और जवाहरलाल नेहरु ने 1961 में इसकी नींव रखी थी। यह सौभाग्य नरेंद्र मोदी को मिला कि उन्होंने अपने जन्मदिन पर इसका उद्घाटन किया। इस बांध का लाभ सिर्फ गुजरात को ही नहीं, मप्र, राजस्थान और महाराष्ट्र को भी मिलेगा। यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। इस बांध के … [Read more...] about सरदार सरोवरः शुभारंभ
पेट्रोलः ठगी का गुप्त पैंतरा
पर्यटन राज्यमंत्री अल्फोंस ने फिर एक अजीब-सा बयान दे दिया है। उन्होंने पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतों को ठीक बताते हुए कह दिया कि कार और मोटर साइकिल वाले भूखे थोड़े ही मर रहे हैं, जो पेट्रोल पर चार-पांच रु. ज्यादा नहीं खर्च कर सकते। इसी तरह का बयान उन्होंने गोमांस-भक्षण पर दे दिया था लेकिन मैं उन्हें खूब जानता हूं। वे चाटुकारिता की कला के महापंडित हैं। इन विवादास्पद बयानों के … [Read more...] about पेट्रोलः ठगी का गुप्त पैंतरा
हिंदी पर राष्ट्रपति का नया संदेश
हिंदी दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जो संदेश दिया है, यह मुझे ऐसा लगा, जैसे कि मैं ही बोल रहा हूं। उन्होंने राष्ट्र को वह सूत्र दे दिया है जिसे लागू कर दिया जाए तो जो बेचारी हिंदी राजभाषा बनकर हर जगह बेइज्जत हो रही है, वह सचमुच भारत की राष्ट्रभाषा बन जाए। यदि वह राष्ट्रभाषा बन जाए तो वह सही अर्थों में राजभाषा तो अपने आप बन ही जाएगी। राष्ट्रपति ने कहा है कि … [Read more...] about हिंदी पर राष्ट्रपति का नया संदेश
दक्षिण एशिया में नया शीतयुद्ध
भारत-जापान संयुक्त घोषणा पर आज चीनी प्रवक्ता ने जो प्रतिक्रिया दी है, उससे साफ जाहिर होता है कि दक्षिण एशिया में अब एक नया शीतयुद्ध शुरु हो गया है। इस शीतयुद्ध के एक खेमे में अमेरिका, भारत और जापान हैं और दूसरे खेमें में चीन और पाकिस्तान है। जहां तक रुस का प्रश्न है, वह अभी बीच में हैं लेकिन ऐन मौके पर वह भी दूसरे खेमे के साथ जाना पसंद करेगा। यदि पूरी तरह से नहीं तो भी कई … [Read more...] about दक्षिण एशिया में नया शीतयुद्ध
भारत-जापान संबंध गहराए लेकिन…
भारत-जापान मैत्री की नींव आज मजबूत हो गई है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे की इस भारत-यात्रा के दौरान यह स्पष्ट हो गया है कि दोनों देश आपसी मामलों में तो एक-दूसरे को काफी फायदा पहुंचा ही सकते हैं, इसके अलावा लगभग आधा दर्जन प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मामलों में उनकी एक-जैसी दृष्टि है। चीन, उ. कोरिया, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, प्रशांत महासागर, आतंकवाद, अफ्रो-एशियाई महापथ, … [Read more...] about भारत-जापान संबंध गहराए लेकिन…
राहुल राजनीति से पिंड छुड़ाएं
अमेरिका की केलिफोर्निया युनिवर्सिटी में छात्रों के सामने बोलते हुए राहुल गांधी ने अपने आप को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बताया। उन्हें राजवंशी या खानदानी नेता बताने की मजाक उड़ाई और नरेंद्र मोदी की नीतियों पर उन्होंने खुलकर प्रहार किया। उनके इस भाषण को देश के अखबारों ने मुखपृष्ठ पर छापा, वरना अब उन्हें एक-दो कालम से कम ही जगह अंदर के पृष्ठों पर ही मिलती है। इस भाषण की खूबी यह … [Read more...] about राहुल राजनीति से पिंड छुड़ाएं
काबुल में कहीं हम फिसल न जाएं
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अफगान विदेश मंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी ने दिल्ली में चार समझौतों पर दस्तखत किए हैं। ये समझौते 2011 में हुए सामरिक भागीदारी के बड़े समझौते के तहत हुए हैं। अब तक भारत दो बिलियन डालर से ज्यादा राशि अफगानिस्तान में लगा चुका है। भारत ने वहां सड़कें, अस्पताल, नहरें, बिजली घर, स्कूल आदि और संसद भवन भी बनाया है। चार हेलिकाप्टर भी दिए हैं। बरसों से … [Read more...] about काबुल में कहीं हम फिसल न जाएं
रोहिंग्या: भारत की बेहतर कूटनीति
पिछले सप्ताह जब बर्मा में प्रधानमंत्री मोदी ने वहां के रोंहिग्या मुसलमानों की दुर्गति पर तटस्थता जाहिर की थी तो मैंने लिखा था, ‘बर्मा में मोदी का मौन ?’ लेकिन यह भी लिखा था कि मोदी को कूटनीतिक चतुराई दिखानी चाहिए थी। उन्हें बर्मी नेताओं और बांग्लादेश के बीच ऐसा संवाद कायम करवा देना था कि रोहिंग्या लोगों को कुछ राहत मिल जाती। मुझे खुशी है कि यह काम अब हमारे विदेश सचिव डा. जयशंकर … [Read more...] about रोहिंग्या: भारत की बेहतर कूटनीति