उप-राष्ट्रपति वैंकय्या ने हिंदी के बारे में ऐसी बात कह दी है, जिसे कहने की हिम्मत महर्षि दयानंद, महात्मा गांधी और डाॅ. राममनोहर लोहिया में ही थी। वैंकय्याजी ने कहा कि '‘अंग्रेजी एक भयंकर बीमारी है, जिसे अंग्रेज छोड़ गए हैं।’’ अंग्रेजी का स्थान हिंदी को मिलना चाहिए, जो कि ‘‘भारत को सामाजिक-राजनीतिक और भाषायिक दृष्टि से जोड़नेवाली भाषा है।’’ वैंकय्या नायडू के इस बयान ने भारत के … [Read more...] about हिंदी बहन है, मालकिन नहींः वैंकय्या
Archives for October 2018
मोदी का विकल्प कौन?
इन तीन दिनों में मैं इंदौर, उज्जैन, बड़नगर और रतलाम में हूं। इंदौर में कल शाम के प्रीति-भोज में अपने मित्रों, सहपाठियों और शहर के सैकड़ों भद्रलोकीय सज्जनों से भेंट हुई। मेरे साथ 55-60 साल पहले आंदोलनों में साथ रहे मित्रों (राजनीतिज्ञों) से भी बातचीत हुई। लगभग सभी लोग मुझे देश की वर्तमान दशा के बारे में चिंतित-से दिखाई पड़े। वे वर्तमान नेतृत्व के प्रति मोह-भंग की मुद्रा में थे … [Read more...] about मोदी का विकल्प कौन?
अध्यादेश के पहले संघ पहल करे
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर यह आरोप लगाना आसान है कि 2019 में मोदी को टेका लगाने के लिए उसने अब राम मंदिर का शोशा फिर से छोड़ दिया है। संघ के मुखिया मोहन भागवत ने अपने दशहरे के उद्बोधन में सरकार से मांग की है कि वह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए तुरंत अध्यादेश जारी करे। वह अदालत के फैसले का इंतजार न करे। यहां यह सवाल भी उठ रहा है कि पिछले चार साल से भागवत के मुंह पर पट्टी … [Read more...] about अध्यादेश के पहले संघ पहल करे
यौन-उत्पीड़नः नेताओं की चुप्पी?
यौन-शोषण के इतने अधिक आरोप उन पर लगे कि केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर को आखिरकार इस्तीफा देना ही पड़ा। इस्तीफा देने में उन्होंने 10 दिन लगा दिए। इन दस दिनों में भाजपा सरकार और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छवि काफी विकृत हुई। कई लोगों ने प्रश्न किए, अखबारों और टीवी चैनलों में, कि प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी का रहस्य क्या है? मैं पूछता हूं कि सोनिया गांधी, ममता बनर्जी और मायावती की … [Read more...] about यौन-उत्पीड़नः नेताओं की चुप्पी?
पड़ौसी राष्ट्रों पर ध्यान दें
हमारी विदेश नीति संबंधी दो खबरों ने आज सहसा मेरा ध्यान खींचा। इन दोनों खबरों का संबंध पड़ौसी देशों से है। एक है, श्रीलंका और दूसरा है, नेपाल। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल श्रीसेन ने भारत पर ऐसा आरोप लगा दिया है, जो पिछले 70 साल में किसी भी देश ने नहीं लगाया। उन्होंने अपनी मंत्रिमंडलीय बैठक में कहा कि भारत की गुप्तचर संस्था, राॅ, उनकी हत्या करने की कोशिश कर रही है। इधर हमारे … [Read more...] about पड़ौसी राष्ट्रों पर ध्यान दें
कहां नेहरु और कहां मोदी ?
तीन मूर्ति के बंगले में जवाहरलाल नेहरु स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय है। इस संग्रहालय और पुस्तकालय को महत्वपूर्ण बनाने में मेरे साथी और अभिन्न मित्र स्व. डा. हरिदेव शर्मा का विशेष योगदान है। वे डा. लोहिया के अनन्य भक्त थे। जब तक वे जीवित रहे, वहां अक्सर मेरा जाना होता था। मेरे जैसे कुछ लोगों के सैकड़ों-हजारों पत्र और दस्तावेज भी वहां संकलित हैं। वहां नेहरुजी की स्मृति को … [Read more...] about कहां नेहरु और कहां मोदी ?
खाशोगी: ट्रंप की गीदड़ भभकी
सउदी अरब मूल के अमेरिकी पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या का मामला अब गजब का तूल पकड़ रहा है। हर साल दर्जनों पत्रकारों की हत्या के मामले सामने आते हैं लेकिन वे उन देशों के आतंरिक मामले होते हैं। यह मामला तीन देशों के बीच का है। सउदी अरब, अमेरिका और तुर्की । तुर्की के शहर इस्तांबूल में सउदी वाणिज्य दूतावास है। खाशोगी इस दूतावास में अपने कानूनी कागजात लेने गए थे ताकि एक तुर्की महिला से … [Read more...] about खाशोगी: ट्रंप की गीदड़ भभकी
बुद्ध और कबीर की पुण्यभूमि में
मेरे पिछले दो दिन ऐसे बीते, जो जीवन में हमेशा याद रहेंगे। मैंने महात्मा बुद्ध का जन्म स्थान, लुम्बिनी देखा। उनका परिनिर्वाण-स्थल कुशीनगर देखा। संत कबीर के निर्वाण स्थल मगहर के भी दर्शन किए। यहां के अत्यंत लोकप्रिय भाजपा सांसद श्री जगदंबिका पाल का निमंत्रण था कि बस्ती के प्रेस क्लब के नव-निर्वाचित पत्रकारों के समारोह में आप मुख्य अतिथि बनें। सो बन गया। बस्ती में पत्रकारों ने … [Read more...] about बुद्ध और कबीर की पुण्यभूमि में
भारत-मुकुट थे डॉ. लोहिया
कल (12 अक्तूबर) डा. राममनोहर लोहिया की 51 वीं पुण्य-तिथि थी। 1967 में जब दिल्ली के विलिंगडन अस्पताल में वे बीमार थे, मैं वहां रोजाना जाया करता था। उन्हें देखने के लिए जयप्रकाश नारायण, इंदिरा गांधी, जाकिर हुसैन, मोरारजी देसाई और कौन-कौन नहीं आता था ? राजनारायणजी तो पास के एक कमरे में ही रहने लगे थे। मैं भी आखिरी तीन-चार दिन अस्पताल के सामने बने 216 और 218 नार्थ ऐवन्यू के श्री … [Read more...] about भारत-मुकुट थे डॉ. लोहिया
गंगाभक्त स्वामी सानंद का बलिदान
गंगाभक्त स्वामी सानंद (प्रो. जी.डी. अग्रवाल) का कल अनशन करते हुए निधन हो गया। वे 111 दिन से अनशन पर थे। उनकी आयु 86 वर्ष थी। उनके निधन को क्या कहें? बलिदान, मृत्यु या हत्या? उसे हरिद्वार के उनके साथी संन्यासियों ने हत्या ही कहा है। यह बेहद दुखद घटना है। जब मैं 8 जुलाई को उनसे मिला था तो उन्होंने मुझसे कहा था कि उन्होंने मोदी को दो पत्र लिखे हैं लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया। … [Read more...] about गंगाभक्त स्वामी सानंद का बलिदान