नवभारत टाइम्स, 29 जून 2005 : क्या यह जरूरी है कि मोहम्मद अली जिन्ना को हम देवता मानें या दानव ! देव और दानव के परे क्या कोई अन्य श्रेणी नहीं है, जिसमें गांधी, जिन्ना और सावरकर जैसे लोगों को रखा जा सके? क्या अपने इतिहास के प्रति हम थोड़े निस्संग, थोड़े निष्पक्ष, थोड़े तटस्थ हो सकते हैं? यदि साठ साल बाद भी हम में यह परिपक्वता नहीं आ सकी तो क्या हम किसी दिन अपने इतिहास को … [Read more...] about जिन्ना तो सिर्फ मिस्टर जिन्ना थे
Archives for June 2005
वोटों की फसल काटने की जुगत
राष्ट्रीय सहारा, 23 जून 2005 : वोट की राजनीति जो भी करतब दिखाए, कम है| स्वतंत्र भारत में मज़हब के नाम पर आरक्षण दिया जाए, यह काबे में कुफ्र से कम नहीं| भारत का संविधान खुद को पंथ-निरपेक्ष या मज़हब-निरपेक्ष कहता है| इसीलिए अभी तक हर तरह के आरक्षण दिए गए लेकिन ‘महासेक्यूलर’ कम्युनिस्ट सरकारों की भी हिम्मत नहीं पड़ी कि वे मज़हब के नाम पर स्कूलों, कालेजों और सरकारी दफ्तरों में कुछ … [Read more...] about वोटों की फसल काटने की जुगत
वोटों की फसल काटने की जुगत
राष्ट्रीय सहारा, 23 जून 2005 : वोट की राजनीति जो भी करतब दिखाए, कम है| स्वतंत्र भारत में मज़हब के नाम पर आरक्षण दिया जाए, यह काबे में कुफ्र से कम नहीं| भारत का संविधान खुद को पंथ-निरपेक्ष या मज़हब-निरपेक्ष कहता है| इसीलिए अभी तक हर तरह के आरक्षण दिए गए लेकिन ‘महासेक्यूलर’ कम्युनिस्ट सरकारों की भी हिम्मत नहीं पड़ी कि वे मज़हब के नाम पर स्कूलों, कालेजों और सरकारी दफ्तरों में कुछ … [Read more...] about वोटों की फसल काटने की जुगत
अब्बास की अंधेरी गलियाँ
Dainik Bhaskar, 19 Jan 2005 : महमूद अब्बास ने फ्ऎलस्तीन के राष्ट्रपति का चुनाव क्या जीता, सारे अरब जगत में आशा और उमंग की लहरें दौड़ा दीं। यह ठीक है कि यासर अराफ्ऎात की तरह अब्बास सारी दुनिया में चमचमाने वाली कुतुब मीनार नहीं है लेकिन उन्हें दुनिया उस बंदरगाह की तरह देख रही है, जिसमें शांति के जहाज को पनाह मिल सकती है। इसीलिए बुश, पूतिन, श्रोडर तथा दुनिया के सभी महत्वपूर्ण … [Read more...] about अब्बास की अंधेरी गलियाँ
आडवाणी के तूफान का अर्थ
राष्ट्रीय सहारा, 10 जून 2005 : श्री लालकृष्ण आडवाणी का इस्तीफा मंजूर हो या न हो, रातोंरात उनकी छवि में चार चांद लग गए हैं| पाकिस्तान के कुछ बड़े नेताओं, विद्वानों और पत्रकारों के फोन पिछले एक हफ्ते से लगातार आ रहे हैं| उनका कहना है कि आडवाणी अचानक ही पूरे उपमहाद्वीप के नेता के तौर पर उभर गए हैं| पाकिस्तान के सत्तारूढ़ और विरोधी दल, सभी के नेता उनके बयानों पर न्यौछावर हैं| उनके … [Read more...] about आडवाणी के तूफान का अर्थ
आडवाणी गलत नहीं
नवभारत टाइम्स, 08 जून 2005 : श्री लालकृष्ण आडवाणी की कौनसी बात गलत है? सबसे पहला मुद्दा जिन्ना का ! यदि मुशर्रफ गांधी की समाधि पर जा सकते हैं तो आडवाणी जिन्ना की समाधि पर क्यों नहीं जा सकते? अटलजी लाहौर गए तो ‘मीनारे-पाकिस्तान’ पर गए, जो पाकिस्तान का प्रसव-स्थल है| आडवाणीजी कराची गए तो उन्हें जिन्ना के मज़ार पर जाना ही था| जिन्ना को उन्होंने दो विशेषण दिए| इतिहास का निर्माता और … [Read more...] about आडवाणी गलत नहीं
ईरान में अमेरिका की हार
R Sahara, 20 June 2005 : ईरान में कमाल हो गया| वहां पहली बार ऐसा राष्ट्रपति चुना गया है, जो न आयतुल्लाह न हुज्जतुल्लाह है| सरल हिंदी में कहें तो यह कहेंगे कि वह न तो कोई मुल्ला हैं, न मौलाना हैं, न मौलवी ! वह एक 49 साल का सीधा-साधा नेता है, जो दो साल तक तेहरान का महापौर रह चुका है| उसका नाम है, महमूद अहमदीनिजाद ! उसने जिन्हें हराया है, वे प्रसिद्घ धर्मध्वजी आयतुल्लाह हाशिम … [Read more...] about ईरान में अमेरिका की हार
यूरोपीय संविधान रद्द क्यों हुआ
नवभारत टाइम्स, 03 जून 2005 : फ्रांस और हॉलेंड ने यूरोपीय संघ को जबर्दस्त झटका दे दिया है| यूरोपीय संविधान के टायरों में दो बड़े पंचर हो गए हैं| फ्रांस की जनता ने 55 प्रतिशत और डच जनता ने 63 प्रतिशत वोटों से यूरोप के नए संविधान को रद्द कर दिया है| इन दोनों से पहले जिस देश में भी यह संविधान पेश किया गया, उसने इसकी पुष्टि की| यूरोपीय संघ के 25 में से 10 देशों ने इसे सहर्ष स्वीकार … [Read more...] about यूरोपीय संविधान रद्द क्यों हुआ