राष्ट्रीय सहारा, 28 सितंबर 2007 : बर्मा, जिसे हम ब्रह्रमदेश कहते रहे हैं, भ्रमदेश बन गया है| बर्मा को लेकर भारत जितना भ्रमित है, कोई अन्य देश नहीं है| बर्मा के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का सारी दुनिया समर्थन कर रही है लेकिन हमारे विदेश मंत्री कहते हैं कि यह बर्मा का आंतरिक मामला है| फौज और जनता मिलकर इसे सुलझाए| ऐसा कहने का क्या मतलब है? कुछ भी नहीं| यह कूटनीतिक शून्य है| भारत के … [Read more...] about बर्मा के मामले में भारत चुप न बैठे
Archives for September 2007
नेपाल फिर चौराहे पर
रा. सहारा, 21 सितंबर 2007 : माओवादियों ने कोईराला सरकार से इस्तीफा क्या दिया, नेपाल को दुबारा चौराहे पर ला खड़ा किया है| अभी केवल चार माओवादी मंत्री ही सरकार से बाहर आए हैं| कोई आश्चर्य नहीं कि सारे माओवादी सांसद अपने पद से इस्तीफा दे दें| यों तो आज की नेपाली सरकार और संसद दोनों ही जनता द्वारा नहीं चुनी गई हैं| वे नेताओं के आपसी समझौंतों की उपज हैं लेकिन फिर भी यह माना जा रहा … [Read more...] about नेपाल फिर चौराहे पर
मुशर्रफ सिंहासन खाली करो कि नवाज़ आते है
जनसत्ता, 7 सितंबर 2007 : रावलपिंडी में हुए दो बम-विस्फोटों ने मुशर्रफ-बेनज़ीर सौदेबाजी के कोढ़ में नई खाज पैदा कर दी है| जिस आधार पर अमेरिका इस समझौते को बढ़ावा दे रहा है, वह ढहता हुआ नज़र आ रहा है| अमेरिका का लक्ष्य बहुत सीमित है| तानाशाह से भी हाथ मिलाना पड़े तो उसे कोई एतराज़ नहीं है| आतंकवादियों ने पाकिस्तान के फौजी मुख्यालय के निकट बम-विस्फोट करके यह स्प”ट संदेश दे दिया है … [Read more...] about मुशर्रफ सिंहासन खाली करो कि नवाज़ आते है
भाजपा के पैंतरा-पलट की पहेली
रा. सहारा, 1 सितंबर 2007 : परमाणु समझौते के सवाल पर भाजपा के बदलते हुए पैतरे जनता के लिए एक पहेली बन गये है| क्या प्रतिपक्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शीर्षासन कर दिया था? क्या उन्होंने मनमोहनसिंह-सरकार से गुपचुप हाथ मिला लिया था? क्या अमेरिकियों ने उन्हें अपने जाल में वैसे ही फॅंसा लिया है, जैसे उन्होंने बेनज़ीर भुट्टो को फॅंसा रखा है? जैसे बेनज़ीर मुशर्रफ से हाथ मिलाने को … [Read more...] about भाजपा के पैंतरा-पलट की पहेली