24.01.2002 : भारत का गणतंत्र-दिवस हो और उसके मुख्य अतिथि ईरान के राष्ट्रपति हों, इस घटना को पाकिस्तान में किस तरह देखा जाएगा ? पाकिस्तान की तरह ईरान भी मुस्लिम राष्ट्र है और पाकिस्तान का पड़ौसी है| ईरान का इस्लामीपन पाकिस्तान से अधिक गहन और प्रामाणिक है| फिर भी ईरान के राष्ट्रपति भारत जैसे ‘काफिर मुल्क’ के मेहमान-ए-खासमखास बनकर क्यों आ रहे हैं ? शायद इसलिए कि भारत-ईरान और … [Read more...] about ईरानी राष्ट्रपति की भारत-यात्रा
Archives for January 2002
दुबारा म्यान में जाने का वक्त नहीं
Nav Bharat Times, 18 Jan 2002 : मुशर्रफ के भाषण का भारत के लिए क्या अर्थ है ? इस प्रश्न का उत्तर खोजने के पहले हमें यह तय कर लेना चाहिए कि वह भाषण किसके लिए था ? भारत के लिए या पाकिस्तान के लिए ? उस भाषण का असली निशाना क्या था ? भारत था या पाकिस्तान था ? उस भाषण से किसे खुश किया जाना था ? भारत को या अमेरिका को ? मुशर्रफ के भाषण से कुछ लोग निराश हैं| वे पूछते हैं कि उस भाषण … [Read more...] about दुबारा म्यान में जाने का वक्त नहीं
शेर पर सवार मुशर्रफ
हिंदुस्तान, 17 जनवरी 2002 : मुशर्रफ के भाषण से भारत को निराशा है लेकिन अगर उसे इस्लाम और पाकिस्तान की नज़र से देखें तो वह लाजवाब था| वह भाषणों का भाषण था, भाषणों का सरताज़ था| वैसा भाषण तो जिन्ना, अयूब, भुट्टो और जि़या तक ने भी नहीं दिया| अगर कभी दिया होता और उस पर अमल किया होता तो पाकिस्तान सचमुच पाकिस्तान बन जाता याने पवित्र् स्थान| पाक याने पवित्र् और स्तान याने स्थान! पिछले … [Read more...] about शेर पर सवार मुशर्रफ
शेर पर सवार मुशर्रफ
हिंदुस्तान, 17 जनवरी 2002 : मुशर्रफ के भाषण से भारत को निराशा है लेकिन अगर उसे इस्लाम और पाकिस्तान की नज़र से देखें तो वह लाजवाब था| वह भाषणों का भाषण था, भाषणों का सरताज़ था| वैसा भाषण तो जिन्ना, अयूब, भुट्टो और जि़या तक ने भी नहीं दिया| अगर कभी दिया होता और उस पर अमल किया होता तो पाकिस्तान सचमुच पाकिस्तान बन जाता याने पवित्र् स्थान| पाक याने पवित्र् और स्तान याने स्थान! पिछले … [Read more...] about शेर पर सवार मुशर्रफ
प्रवासी मेला: यह पहला कदम है
नवभारत टाइम्स, 15 जनवरी 2002 : डेढ़ हजार प्रवासियों का तीन दिन तक एक ही जगह डटे रहना, भाषण-भोजन, मेल-जोल, गहमागहमी सब कुछ अपूर्व था| अपूर्वत्व का प्रारंभ बिस्मिल्लाह खान और रविशंकर की जुगलबंदी से हुआ| दो देशों के प्रधानमंत्री, दो नोबेल विजताओं, अनेक मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और प्रवासी मंत्रिायों, सांसदों, विद्वानों, कलाकारों, व्यापारियों ने इस मेले में चार चाँद लगा दिए| … [Read more...] about प्रवासी मेला: यह पहला कदम है
दक्षेस में पाकिस्तान का भविष्य
नभाटा,11 जनवरी 2002 : दक्षेस सम्मेलन हो गया, यही गनीमत है| जैसे पहले सोलह में से पाँच नहीं हुए, यह भी नहीं होता| इसके होने के जितने आसार थे, उससे ज्यादा नहीं होने के थे| नेपाल में माओवादियों का हमला और भारत में संसद पर आतंकवादियों का हमला, ये दो ऐसे तात्कालिक कारण थे कि अगर सातों राष्ट्र काठमाँडो में नहीं मिलते तो भी उन्हें कोई कुछ नहीं कहता| जब मेज़बान राष्ट्र में हिंसा का … [Read more...] about दक्षेस में पाकिस्तान का भविष्य
भय बिनु होत न प्रीति !
हिन्दुस्तान, 3 जनवरी 2002 : दक्षेस सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री और पाकिस्तानी राष्ट्रपति यदि एक-दूसरे से मिल लें तो किसी को कोई आश्चर्य क्यों होना चाहिए ? भारत के सभी राजनीतिक दलों और पूर्व प्रधानमंत्रियों ने श्री अटलबिहारी वाजपेयी को अपना समर्थन दे ही दिया है| इसके अलावा आतंकवादी सरगनों की गिरफ्तारी ने भारत को काफी संतोष प्रदान किया है| भारत के संतोष पर पाकिस्तान सरकार ने … [Read more...] about भय बिनु होत न प्रीति !