R Sahara, 29 June 2003 : बोस्टन में जनरल मुशर्रफ से मिलना लगभगग तय था| वे वहॉं अपने बेटे बिलाल के पास गए थे| उनके छोटे भाई डॉ. नावीद मुशर्रफ शिकागो में रहते हैं| संयोग की बात है कि जिस दिन पाकिस्तान में तख्ता-पलट हुआ (12 अक्तू्र-1999)मैं शिकागो पहुंचा और उसी रात डॉ. नावीद के घर मेरा भोजन हुआ, जो कि पहले से तय था| डॉ. नावीद के साथ् इस बीच सम्पर्क बना रहा और यह तय हुआ कि इस बार … [Read more...] about अमेरिका में बुशर्रफ
Archives for June 2003
हिन्दी कैसे बने विश्व-भाषा
राष्ट्रीय सहारा, 27 जून 2003: : अगर विश्व – भाषा का ताज हिन्दी के सिर पर न रखा जाए तो किसके सिर रखा जा सकता है? हिन्दी की पगड़ी में ऐसे रत्न जड़े हुए हैं, जो दुनिया की किसी अन्य भाषा के पास नहीं हैं| सबसे पहले संख्या की बात ही लें| यों तो माना जाता है कि चीनी और अंग्रेजी के बाद हिन्दी दुनिया की तीसरी बड़ी भाषा है लेकिन यह मान्यता अब पुरानी पड़ गई है| इस मान्यता का आधार यह था कि … [Read more...] about हिन्दी कैसे बने विश्व-भाषा
हिन्दी कैसे बने विश्व-भाषा
R Sahara, 27 June 2003 : अगर विश्व – भाषा का ताज हिन्दी के सिर पर न रखा जाए तो किसके सिर रखा जा सकता है? हिन्दी की पगड़ी में ऐसे रत्न जड़े हुए हैं, जो दुनिया की किसी अन्य भाषा के पास नहीं हैं| सबसे पहले संख्या की बात ही लें| यों तो माना जाता है कि चीनी और अंग्रेजी के बाद हिन्दी दुनिया की तीसरी बड़ी भाषा है लेकिन यह मान्यता अब पुरानी पड़ गई है| इस मान्यता का आधार यह था कि चीनी … [Read more...] about हिन्दी कैसे बने विश्व-भाषा
मरीज़ बादशाह
R Sahara, 22 June 2003 : जिन्दा जादू क्या होता है, यह मैंने इस बार अमेरिका में अपनी ऑंख से देखा| संदीप पटेल नामक नौजवान को देखने हम पिट्सबर्ग के एक अस्पताल में गए| संदीप का पूरा घड़ लकवाग्रस्त है| केवल सिर काम करता है| उसे पूर्ण चेतना है लेकिन वह अपने किसी भी अंग को हिला-डुला नहीं सकता| संदीप इंदौर का निवासी है और तीन साल पहले वह पिट्रसबर्ग आया था| वह अपनी किराने की दुकान पर … [Read more...] about मरीज़ बादशाह
विश्व हिन्दी: एक पंथ दो काज
रा. सहारा, 15 जून 2003: सूरीनाम में हुआ सातवॉं विश्व हिंदी सम्मेलन कैसा रहा? इस प्रश्न का जवाब लोगों ने अपने-अपने ढंग से दिया है| जो लोग कई सम्मेलनों में गए हैं, उनका कहना है कि पिछले कई सम्मेलनों के मुकाबले यह सर्वश्रेष्ठ रहा| कुछ लोगों का कहना है कि इस सम्मेलन में पूर्ण अराजकता रही| ऐसे लोग इस तरह के सम्मेलन में पहली बार आए थे| यह उनका आखरी बार भी हो सकता है, क्योंकि उनका … [Read more...] about विश्व हिन्दी: एक पंथ दो काज
विश्व हिन्दी: एक पंथ दो काज
R Sahara, 15 June 2003 : सूरीनाम में हुआ सातवॉं विश्व हिंदी सम्मेलन कैसा रहा? इस प्रश्न का जवाब लोगों ने अपने-अपने ढंग से दिया है| जो लोग कई सम्मेलनों में गए हैं, उनका कहना है कि पिछले कई सम्मेलनों के मुकाबले यह सर्वश्रेष्ठ रहा| कुछ लोगों का कहना है कि इस सम्मेलन में पूर्ण अराजकता रही| ऐसे लोग इस तरह के सम्मेलन में पहली बार आए थे| यह उनका आखरी बार भी हो सकता है, क्योंकि उनका … [Read more...] about विश्व हिन्दी: एक पंथ दो काज
विश्व हिंदी सम्मान
R Sahara, 8 June 2003 : विश्व हिंदी सम्मेलन का सम्मान स्वीकार करना कितना भारी पड़ रहा है| औपचारिक सम्मानों और पुरस्कारों के प्रति यों ही मेरे मन में वितृष्णा का भाव रहा है| फिर हिंदी के नाम पर सम्मान लेना तो बहुत ही असमंजसकारी है| जिस भाषा का राज-काज में निरंतर अपमान होता हो, उस भाषा के नाम पर सम्मान कैसे ले लें| सम्मान समिति के तीन सदस्यों ने जब मुझे फोन किया तो मैंने उन्हीं … [Read more...] about विश्व हिंदी सम्मान
विश्व हिंदी सम्मान
R Sahara, 8 June 2003 : विश्व हिंदी सम्मेलन का सम्मान स्वीकार करना कितना भारी पड़ रहा है| औपचारिक सम्मानों और पुरस्कारों के प्रति यों ही मेरे मन में वितृष्णा का भाव रहा है| फिर हिंदी के नाम पर सम्मान लेना तो बहुत ही असमंजसकारी है| जिस भाषा का राज-काज में निरंतर अपमान होता हो, उस भाषा के नाम पर सम्मान कैसे ले लें| सम्मान समिति के तीन सदस्यों ने जब मुझे फोन किया तो मैंने उन्हीं … [Read more...] about विश्व हिंदी सम्मान
केंचुली या गैंडे की खाल
R Sahara, 1 June 2003: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभी सिर्फ एक पास ही फेंका है लेकिन यह मामूली पासा कहीं पूरी शतरंज के उलटने का बहाना न बन जाए| अब केंद्र सरकार भी कह रही है कि वह सारे देश में ऊंची जातियों के गरीबों को भी आरक्षण देगी| अब मुसलमानों में भी जो गरीब हैं, उनके लिए आरक्षण की मांग उठ आई है| यदि ऊंची जाति के गरीबों को आरक्षण मिल रहा है तो नीची जातियों के … [Read more...] about केंचुली या गैंडे की खाल