रा. सहारा, 26 जुलाई 2004। जहॉं तक दक्षेस का सवाल है, इस्लामाबाद में हुआ विदेश मंत्रियों का सम्मेलन सफल ही माना जाएगा| इसके कई कारण हैं| एक तो इस सम्मेलन में किन्हीं भी दो देशों के बीच तू-तू – मैं-मैं नहीं हुई| सभी विदेशमंत्रियों ने कूटनीतिक सौजन्य का प्रदर्शन किया| दूसरा, 13वें दक्षेस शिखर सम्मेलन की तिथियॉं निश्चित हुईं और उसके विचारणीय विषयों पर सहमति हुई| तीसरा, दक्षेस के … [Read more...] about हथेली पर न सरसों उगाऍं, न केक्टस उगने दें!
Archives for July 2004
हथेली पर न सरसों उगाऍं, न केक्टस उगने दें!
R Sahara 26 July 2004 : जहॉं तक दक्षेस का सवाल है, इस्लामाबाद में हुआ विदेश मंत्रियों का सम्मेलन सफल ही माना जाएगा| इसके कई कारण हैं| एक तो इस सम्मेलन में किन्हीं भी दो देशों के बीच तू-तू – मैं-मैं नहीं हुई| सभी विदेशमंत्रियों ने कूटनीतिक सौजन्य का प्रदर्शन किया| दूसरा, 13वें दक्षेस शिखर सम्मेलन की तिथियॉं निश्चित हुईं और उसके विचारणीय विषयों पर सहमति हुई| तीसरा, दक्षेस के … [Read more...] about हथेली पर न सरसों उगाऍं, न केक्टस उगने दें!
मजहबी आरक्षण : कई पाकिस्तानों की नींव
Dainik Bhaskar, 24 July 2004 : समझ में नहीं आता कि कॉंग्रेस पार्टी किधर जा रही है? क्या वही भूल वह अब भी दोहराना चाहती है, जो 1916 के लखनऊ-पेक्ट में कॉग्रेसी नेताओं ने दोहराई थी| मुस्लिम लीगियों के आगे उन्होंने घुटने टेके और यह मान लिया कि भारत के मुसलमानों के लिए अलग चुनाव-क्षेत्र बना दिए जाऍं, केंद्र में भी और राज्यों में भी! मुसलमान सिर्फ मुसलमानों को वोट दें| यह अलग … [Read more...] about मजहबी आरक्षण : कई पाकिस्तानों की नींव
कठपुतलियों के डूबने का गम क्या?
R Sahara, 09 July 2004 : भाजपा और कॉंग्रेस, दोनों ही गलत हैं| चार राज्यपालों की बर्खास्तगी जितनी गलत है, उतनी ही गलत है, भाजपा की हंगामेबाजी ! अगर इसी बात को उलटकर कहें तो यह भी कह सकते हैं कि राज्यपालों की बर्खास्तगी जितनी सही है, उतनी ही सही है, उसकी निंदा ! भारत में राज्यपालों का मामला इतना उलझ गया है कि उनके बारे में एकदम स्पष्ट राय बनाना बेहद कठिन हो गया है| सीधा-सादा … [Read more...] about कठपुतलियों के डूबने का गम क्या?
भारत-पाक : नए युग का सूत्रपात
Dainik Bhaskar, 3 July 2004 : विदेश सचिवों की मुलाकात एक थर्मामीटर थी, यह जानने के लिए कि पिछले हफ्ते घटी दो घटनाओं में कुछ दम है या नहीं| ये दोनों घटनाऍं एक साथ घटीं| एक पेइचिंग में और दूसरी दिल्ली में| एक में दोनों देशों के विदेश मंत्री परदेस में मिले और बड़ी शालीनता और सौजन्य के साथ मिले ! दूसरी में दोनों देशों के अतिरिक्त सचिवों ने पारम्परिक विश्वास-वृद्घि के उपायों पर … [Read more...] about भारत-पाक : नए युग का सूत्रपात
पाक में मनमोहन प्रधानमंत्री
NavBharat Times, 3 July 2004 : कैसा चमत्कार है कि भारत-पाकिस्तान, दोनों ही अपनी-अपनी अंदरूनी राजनीति में अब लगभग एक ही राह पर चल पड़े हैं| कम से कम प्रधानमंत्रियों के बारे में तो यह सच पूरी तरह लागू हो रहा है| यदि भारत में डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बन गए हैं तो बिल्कुल उनके जैसे ही विलक्षण अर्थशास्त्री शौकत अजीज़ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने वाले हैं| लेकिन इसके साथ ही … [Read more...] about पाक में मनमोहन प्रधानमंत्री