रा. सहारा, 30 मई 2008 : नेपाल में राजशाही का अंत जिस सहजता से हो रहा है, शायद इसके पहले दुनिया में कहीं नहीं हुआ| संविधान सभा एक प्रस्ताव पारित करे और एक क्षण में ही भगवान विष्णु का अवतार, श्री श्रीपॉंच, सेनाधिपति, महाराजाधिराज और न जाने किन-किन उपाधियों से मंडित नेपाल-नरेश, साधारण नेपाली नागरिक बन जाए यह किसी जादू से कम नहीं है| अपनी ऑंखों और कानों पर विश्वास नहीं होता कि इतना … [Read more...] about नेपाल की गुलाबी क्रांति
Archives for May 2008
तो अब पाकिस्तान में क्या होगा?
दैनिक भास्कर, 15 मई 2008 : पाकिस्तान में जो नहीं होना चाहिए था, वह हो रहा है| दुनिया के किसी देश में क्या कोई गठबंधन-सरकार सिर्फ दो-माह में गिरी है? पाकिस्तान में पीपीपी और मुस्लिम लीग का गठबंधन लगभग टूट गया है| नवाज़ शरीफ के 9 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है| सरकार अभी क़ायम है लेकिन वह लंगड़ी हो गई है| इस समय जनरल परवेज़ मुर्शरफ से ज्यादा खुश आदमी पाकिस्तान में कौन होगा? उनको … [Read more...] about तो अब पाकिस्तान में क्या होगा?
हटा विदेश नीति का लांछन
रा. सहारा, 13 मई 2008 : ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदी निजाद की नई दिल्ली यात्र इतनी छोटी थी कि उनकी जगह और किसी संक्षिप्त राष्ट्र के राष्ट्रपति होते तो उनकी तरफ किसी का ध्यान भी नहीं जाता| क्या बजह है कि पॉंच छ: घंटे की इस भारत-यात्रi पर दुनिया ने इतना ध्यान दिया? पहला कारण तो यही है कि अहमदीनिजाद को अमेरिका का दुश्मन माना जाता है और आजकल भारत अमेरिका से दोस्ती गांठने में … [Read more...] about हटा विदेश नीति का लांछन
हटा विदेश नीति का लांछन
रा. सहारा, 13 मई 2008 : ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदी निजाद की नई दिल्ली यात्र इतनी छोटी थी कि उनकी जगह और किसी संक्षिप्त राष्ट्र के राष्ट्रपति होते तो उनकी तरफ किसी का ध्यान भी नहीं जाता| क्या बजह है कि पॉंच छ: घंटे की इस भारत-यात्रi पर दुनिया ने इतना ध्यान दिया? पहला कारण तो यही है कि अहमदीनिजाद को अमेरिका का दुश्मन माना जाता है और आजकल भारत अमेरिका से दोस्ती गांठने में … [Read more...] about हटा विदेश नीति का लांछन
प्रणब को चीन जाकर क्या मिला
रा. सहारा, 12 जून 2008 : प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह को अभी चीन गए, छह माह भी नहीं हुए थे कि प्रणव मुखर्जी चीन चले गए| क्यों गए, यह समझ में नहीं आया| कोई मंत्री, खासतौर से विदेश मंत्री, जब किसी देश की यात्रi करता है तो उसके साथ कई उच्च अधिकारियों और सहायकों का लाव-लवाजिमा जाता है| वे हवाई जहाज की प्रथम श्रेणी में यात्रi करते हैं और पॉंच-सितारा होटलों में ठहरते हैं| खाने और पीने की … [Read more...] about प्रणब को चीन जाकर क्या मिला
भंवर में फंसी नेपाल की नाव
NavBharat Times, 12 May 2008 : नेपाल का हाल पाकिस्तान से भी ज्यादा टेढ़ा है। पाकिस्तान में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला, लेकिन वहां सरकार बन गई। नेपाल में भी किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला, लेकिन चार प्रमुख पार्टियां अभी तक यही तय नहीं कर पाई हैं कि सरकार बने तो कैसे बने? 10 अप्रैल को जो चुनाव हुए थे, वे नई सरकार नहीं, नया संविधान बनाने के लिए हुए थे। चुनाव के बाद नई अंतरिम … [Read more...] about भंवर में फंसी नेपाल की नाव
राजनीति में स्त्री-शक्ति का उदय
दैनिक भास्कर, 8 मई 2008 : महिलाओं के बारे में हमारा रवैया कैसा है, इसका प्रमाण है, महिला आरक्षण विधेयक! उसे वनवास करते हुए 12 साल हो गए लेकिन अभी तक उसका राजतिलक नहीं हुआ| ऐसा नहीं है कि उसका विरोध केवल वे लोग कर रहे हैं, जो विरोध करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं| उसके विरोधी वे भी हैं, जो उसका समर्थन कर रहे हैं| उसके असली विरोधी वे ही हैं, जो उसे प्रस्तावित कर रहे हैं और अनुमोदित कर … [Read more...] about राजनीति में स्त्री-शक्ति का उदय
राजनीति में स्त्री-शक्ति का उदय
दैनिक भास्कर, 8 मई 2008 : महिलाओं के बारे में हमारा रवैया कैसा है, इसका प्रमाण है, महिला आरक्षण विधेयक! उसे वनवास करते हुए 12 साल हो गए लेकिन अभी तक उसका राजतिलक नहीं हुआ| ऐसा नहीं है कि उसका विरोध केवल वे लोग कर रहे हैं, जो विरोध करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं| उसके विरोधी वे भी हैं, जो उसका समर्थन कर रहे हैं| उसके असली विरोधी वे ही हैं, जो उसे प्रस्तावित कर रहे हैं और अनुमोदित कर … [Read more...] about राजनीति में स्त्री-शक्ति का उदय
राजनीति में स्त्री-शक्ति का उदय
दैनिक भास्कर, 8 मई 2008 : महिलाओं के बारे में हमारा रवैया कैसा है, इसका प्रमाण है, महिला आरक्षण विधेयक! उसे वनवास करते हुए 12 साल हो गए लेकिन अभी तक उसका राजतिलक नहीं हुआ| ऐसा नहीं है कि उसका विरोध केवल वे लोग कर रहे हैं, जो विरोध करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं| उसके विरोधी वे भी हैं, जो उसका समर्थन कर रहे हैं| उसके असली विरोधी वे ही हैं, जो उसे प्रस्तावित कर रहे हैं और अनुमोदित कर … [Read more...] about राजनीति में स्त्री-शक्ति का उदय