पहले देश के लोगों को यही बड़ा धक्का लगा था कि सीबीआई के दो सबसे बड़े अधिकारी एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहे हैं। भारत की भ्रष्टतम सरकारों के जमाने में भी ऐसे वाकिए पहले कभी नहीं हुए। लेकिन अब तो खुद सरकार ही फंसती नजर आ रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय पर ही कीचड़ उछलने लगा है। सीबीआई के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल मनीष सिंहा जो कि भ्रष्टाचार-विरोधी विभाग की देखरेख करते हैं, ने … [Read more...] about भाजपा के गले का पत्थर ?
Archives for November 2018
अबू धाबी के महल में शाकाहारी भोजन करते हुए श्री श्री रविशंकरजी, डॉ. वैदिक और शेख नाह्यान। पास में बैठे हैं भारत के राजदूत श्री नवदीप पुरी और प्रसिद्ध उद्योगपति बी. आर. शेट्टी।
ऐसे अदभुत हैं, शेख नाह्यान
पिछले चार-पांच दिन दुबई और अबू धाबी में ऐसे बीते, जिनकी याद मुझे जिंदगी भर बनी रहेगी। यों तो दुबई में कई बार आ चुका हूं लेकिन इस बार यहां मैं दिल्ली की ‘दिया फाउंडेशन’ के कार्यक्रम में भाग लेने आया था। यह कार्यक्रम देश के प्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ डा. एस.सी. मनचंदा ने चला रखा है। वे विकलांग गरीब बच्चों के हृदय के आपरेशन मुफ्त करवाते हैं। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे- शेख … [Read more...] about ऐसे अदभुत हैं, शेख नाह्यान
इमरान भारत से क्यों नहीं मदद मांगे ?
मैं पिछले तीन-चार दिन से दुबई-अबूधाबी में हूं। यहां मेरे कई कार्यक्रम हो रहे हैं और कई अरब नेताओं से मिलना हो रहा है लेकिन आज मैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बारे में आपको बता रहा हूं। इमरान का कितना दुर्भाग्य है कि प्रधानमंत्री बनते ही उन्हें भिक्षाटन पर निकलना पड़ा है। सबसे पहले वे सउदी अरब गए, फिर चीन गए और अब वे संयुक्त अरब अमारात (यूएई) में आए हैं। इन तीनों देशों … [Read more...] about इमरान भारत से क्यों नहीं मदद मांगे ?
मां-बेटा पार्टी और भाई-भाई पार्टी
प्रादेशिक चुनावों के इस दौर में नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर क्या जबर्दस्त हमला किया है ! मोदी ने पूछा है कि यदि नेहरुजी की कृपा से एक चायवाला भारत का प्रधानमंत्री बन सकता है तो यह बताइए कि कांग्रेस का अध्यक्ष कोई चायवाला क्यों नहीं बन गया? यदि नेहरुजी ने भारत में लोकतंत्र को जन्म दिया है तो उनकी पार्टी में लोकतंत्र क्यों नहीं है ? देश में लोकतंत्र, और पार्टी में तानाशाही क्यों … [Read more...] about मां-बेटा पार्टी और भाई-भाई पार्टी
कश्मीरः अफरीदी ने क्या गलत कहा ?
पाकिस्तान के प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने ऐसा क्या कह दिया कि पाकिस्तान में हंगामा मच गया है ! उन्होंने यही तो कहा है कि पाकिस्तान से अपने चार प्रांत तो संभल नहीं रहे हैं। अब वह कश्मीर को अपना पांचवा प्रांत बनाकर क्या करेगा ? क्या यह तथ्य नहीं है ? पाकिस्तान का पंजाब प्रांत बाकी तीन प्रांतों पर भारी पड़ता है। सिंध, पख्तूनख्वाह और बलूचिस्तान- ये तीनों प्रांत पंजाब के … [Read more...] about कश्मीरः अफरीदी ने क्या गलत कहा ?
श्रीलंका में सिंहल-सिंहल संग्राम
श्रीलंका में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद और यहां तक कि उसके संविधान की जैसी दुर्गति आजकल हो रही है, पहले कभी नहीं हुई। मुझे वह 40 साल पुराना जमाना याद है जब श्रीमती श्रीमावो बंदारनायक और विरोधी नेता प्रेमदास के बीच कटुतम सार्वजनिक वार्तालाप हुआ करता था लेकिन तब भी श्रीलंका की संवैधानिक मर्यादा का पालन किया जाता था लेकिन आज तो उसकी हर संवैधानिक संस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो … [Read more...] about श्रीलंका में सिंहल-सिंहल संग्राम
ट्रंप और मेक्रों की नोक-झोंक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मेक्रों के बीच आजकल जैसी नोक-झोंक चल रही है, वैसी चार्ल्स दि गाल के जमाने में भी नहीं चली थी। सारी दुनिया के गोरे देशों में यह माना जाता है कि फ्रांस अपने आप को सबसे ऊंचा और सबसे अच्छा मानता है लेकिन डोनाल्ड ट्रंप, जो कि अपने बेलगाम बयानों के लिए कुख्यात हो चुके हैं, आजकल मेक्रों पर सीधे प्रहार कर रहे हैं। ट्रंप … [Read more...] about ट्रंप और मेक्रों की नोक-झोंक
रेफलः थोड़ी सफाई और ….
रेफल विमानों की खरीद के बारे में सरकार ने अब सही राह पकड़ी है। अभी तक वह इस बात पर अड़ी हुई थी कि वह यह नहीं बताएगी कि 500 करोड़ रु. का विमान उसने 1600 करोड़ रु. में क्यों खरीदा है? इस पहेली का उत्तर न तो वह उसके विरोधियों को दे रही थी, न वह संसद को बता रही थी और सर्वोच्च न्यायालय को भी उसने टरका दिया था लेकिन जब से यह विवाद सार्वजनिक हुआ है, मैं बराबर कहता रहा हूं कि सरकार की … [Read more...] about रेफलः थोड़ी सफाई और ….
नेताओं के चुनावी मुखौटे
पहले हर चुनाव के दौरान घोषणा-पत्र जारी होते थे। आजकल उन्हें संकल्प-पत्र और वचन-पत्र कहकर जारी किया जाता है। विभिन्न पार्टियों के घोषणा-पत्रों में उन पार्टियों की विचारधारा, नीतियों और कार्यक्रमों का विवरण हुआ करता था लेकिन भारत में कौन सी ऐसी पार्टी बची है कि जो कहे उसकी विचारधारा ये है। चुनाव के दिनों में तो बस एक ही विचारधारा होती है कि चुनाव कैसे जीता जाए? उसके लिए जितनी … [Read more...] about नेताओं के चुनावी मुखौटे