रा सहारा, 20 अप्रैल 2007 : संयुक्तराष्ट्र संघ में अगर अब भी हिंदी नहीं आएगी तो कब आएगी ? हिंदी का समय तो आ चुका है लेकिन अभी उसे एक हल्के-से धक्के की जरूरत है| भारत सरकार को कोई लंबा चौड़ा खर्च नहीं करना है, उसे किसी विश्व अदालत में हिंदी का मुकदमा नहीं लड़ना है, कोई प्रदर्शन और जुलूस आयोजित नहीं करने हैं| उसे केवल डेढ़ करोड़ डॉलर प्रतिवर्ष खर्च करने होंगे, संयुक्तराष्ट्र के … [Read more...] about अब संयुक्तराष्ट्र में बैठे हिंदी
Archives for April 2007
क्या नेपाल बनेगा बांग्लादेश ?
प्रथम प्रवक्ता, 17 अप्रैल 2007 : नेपाल में ऐसे-ऐसे अजूबे हो रहे हैं, जो दुनिया के शायद ही किसी देश में हुए हों| विष्णु के अवतार और सर्वशक्तिमान समझे जाने वाले नेपाल नरेश अब नारायणहिटी राजमहल में कैदी की तरह सिकुड़ गए हैं| यह करिश्मा अगर किसी अन्य देश में हुआ होता तो पहले खून की नदियाँ बहती, फौजी तख्ता-पलट होता, राजवंश का सफाया होता या लोगों ने उसे भगाया होता लेकिन अचरज है कि … [Read more...] about क्या नेपाल बनेगा बांग्लादेश ?
प्रेम है रस और मज़हब गुठली!
नवभारत टाइम्स, 17 अप्रैल 2007 : पि्रयंका और उमर की शादी को लेकर इतना हंगामा क्यों है, समझ में नहीं आता| दोनों वयस्क हैं, दोनों ने स्वेच्छा से शादी की है, दोनों ने अपने-अपने दबावों को रद्द कर दिया है| अदालत ने भी दोनों की शादी पर मुहर लगा दी है| यह शादी पूरी तरह वैधानिक है| तो हंगामा किसलिए है? क्या इसलिए कि यह अनैतिक है? इसमें अनीति क्या है? सबसे पहले बजरंग दल को लें| बजरंग … [Read more...] about प्रेम है रस और मज़हब गुठली!
दिल्ली-दक्षेस के कुछ प्रशंसनीय पहलू
रा. सहारा, 10 अप्रैल 2007 … [Read more...] about दिल्ली-दक्षेस के कुछ प्रशंसनीय पहलू
रिजर्वेशन को बचाएं पॉलिटिक्स से
नवभारत टाइम्स, 7 अप्रैल 2007 : उच्च शिक्षा में पिछड़ों को आरक्षण दिया जाए या नहीं, इस मुद्दे को उच्चतम न्यायालय ने एक बाद फिर जिंदा कर दिया है| देश के सभी राजनीतिक दल न्यायालय के फैसले का विरोध कर रहे हैं लेकिन अनेक संगठन एवं लाखों छात्र् इस फैसले पर फिदा हुए जा रहे हैं| राजनीतिक दलों की अपनी मजबूरी है| उन्हें वोट चाहिए| वे ठकुरसुहाती के अलावा कुछ कह ही नहीं सकते| उनके लिए … [Read more...] about रिजर्वेशन को बचाएं पॉलिटिक्स से
रिजर्वेशन को बचाएं पॉलिटिक्स से
नवभारत टाइम्स, 7 अप्रैल 2007 : उच्च शिक्षा में पिछड़ों को आरक्षण दिया जाए या नहीं, इस मुद्दे को उच्चतम न्यायालय ने एक बाद फिर जिंदा कर दिया है| देश के सभी राजनीतिक दल न्यायालय के फैसले का विरोध कर रहे हैं लेकिन अनेक संगठन एवं लाखों छात्र् इस फैसले पर फिदा हुए जा रहे हैं| राजनीतिक दलों की अपनी मजबूरी है| उन्हें वोट चाहिए| वे ठकुरसुहाती के अलावा कुछ कह ही नहीं सकते| उनके लिए … [Read more...] about रिजर्वेशन को बचाएं पॉलिटिक्स से
अनंत कष्टों से घिरा नया नेपाल
रा. सहारा, 5 अप्रैल 2007 : नेपाल राजनीति की अद्रभुत प्रयोगशाला बन गया है| वहाँ असंभव भी संभव हो रहा है| दो साल पहले तक कौन सोच सकता था कि माओवादी और लोकतंत्र्वादी एक ही थाल में जीम सकते हैं| जो लोग दस साल तक आपस में लड़े और जिनके कारण 13 हजार लोग मौत के घाट उतरे, वे एक ही मंत्र्िमंडल के सदस्य बन गए हैं| पाँच माओवादियों को लेकर गिरिजाप्रसाद कोइराला ने जो मंत्र्िमंडल खड़ा किया … [Read more...] about अनंत कष्टों से घिरा नया नेपाल