नवभारत टाइम्स, 30 Jan 2008 : भारत में विदेश नीति के क्षेत्र में पिछला हफ्ता यूरोप के नाम रहा। पहले ब्रिटेन केप्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन भारत आए और फिर फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सार्कोजी। दोनों ने भारतके साथ परमाणु समझौते की पेशकश की और भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की वकालत भी। पहले यह देखें कि इस यूरोपीय पहल का महत्व क्या है और फिर यह कि दोनों में अंतर क्या … [Read more...] about हम अमेरिका के मोहताज क्यों रहें
Archives for January 2008
हम अमेरिका के मोहताज क्यों रहें
NavBharat Times, 30 Jan 2008 : भारत में विदेश नीति के क्षेत्र में पिछला हफ्ता यूरोप के नाम रहा। पहले ब्रिटेन केप्रधानमंत्री गॉर्डन ब्राउन भारत आए और फिर फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सार्कोजी। दोनों ने भारतके साथ परमाणु समझौते की पेशकश की और भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाने की वकालत भी। पहले यह देखें कि इस यूरोपीय पहल का महत्व क्या है और फिर यह कि दोनों में अंतर … [Read more...] about हम अमेरिका के मोहताज क्यों रहें
हमारे कम्युनिस्ट चीन पर मौन तोड़ें
दैनिक भास्कर, 28 जनवरी 2008 : हमारे कॉमरेड अब क्या कर रहे हैं? प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जैसे ही चीन से लौटे, भारत की कम्युनिस्ट पार्टियों ने झॉंझ-मजीरे कूट-कूटकर उनका स्वागत किया| करना ही था| दूसरों ने भी किया, क्योंकि उनकी यात्र सफल मालूम पड़ रही थी| यात्र की सफलता के पीछे व्यापार-वृद्घि आदि दूसरे तत्व तो थे ही, सबसे बड़ी बात यह थी कि सीमा-विवाद ने तूल नहीं पकड़ा| … [Read more...] about हमारे कम्युनिस्ट चीन पर मौन तोड़ें
हमारे कम्युनिस्ट चीन पर मौन तोड़ें
दैनिक भास्कर, 28 जनवरी 2008 : हमारे कॉमरेड अब क्या कर रहे हैं? प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जैसे ही चीन से लौटे, भारत की कम्युनिस्ट पार्टियों ने झॉंझ-मजीरे कूट-कूटकर उनका स्वागत किया| करना ही था| दूसरों ने भी किया, क्योंकि उनकी यात्र सफल मालूम पड़ रही थी| यात्र की सफलता के पीछे व्यापार-वृद्घि आदि दूसरे तत्व तो थे ही, सबसे बड़ी बात यह थी कि सीमा-विवाद ने तूल नहीं पकड़ा| … [Read more...] about हमारे कम्युनिस्ट चीन पर मौन तोड़ें
तीसरे मोर्चे का तिनका
जनसत्ता, 25 जनवरी 2008 : भाजपा की जैसी सेवा हमारे मार्क्सवादी कर रहे हैं, कोई नहीं कर सकता| यदि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी अपने कौल पर डटी रही तो अगले साल दिल्ली पर भगवा झंडा फहरे बिना नहीं रहेगा| भाजपा को स्पष्ट बहुमत पाने में शायद ही कोई कठिनाई हो| यदि तीसरा मोर्चा बन गया तो मार्क्सवादियों के ‘पहले दुश्मन’ की फतेह सुनिश्चित है| भाजपा पहली दुश्मन है और कॉंग्रेस दूसरी दुश्मन … [Read more...] about तीसरे मोर्चे का तिनका
पश्चिम एशिया में बुश हुए फुस !
दैनिक भास्कर, 22 जनवरी 2008 : अमेरिका के राष्ट्रपति बुश की मति मारी गई है, क्या? एराक और अफगानिस्तान के दलदल में से वे अभी तक निकल नहीं पाए हैं और अब वे ईरान की खाई में कूदने को तैयार हैं| अपनी हुकूमत के आखिरी साल में उन्हें क्या सूझी कि वे पश्चिम एशिया के दौरे पर निकल पड़े| पिछले हफ्ते उन्होंने कुवैत, अबूधाबी, सउदी अरब, मिस्र और बहरीन का दौरा किया| इस दौरे में उन्हें लोकतंत्र् … [Read more...] about पश्चिम एशिया में बुश हुए फुस !
बेनज़ीर भुट्टो : जैसा मैंने उन्हें जाना
जनसत्ता, 16 जनवरी 2008 : 27 दिसंबर की शाम 6 बजे के आस-पास ! भोपाल का राजभवन ! श्री बलराम जाखड़ और मैंने ज्यों ही चाय के प्याले अपने मुह से लगाए, उनके एडीसी ने हड़बड़ाते हुए बताया कि बेनज़ीर भुट्टो की हत्या हो गई ! मैं अवाक रह गया ! मेरी ऑंखें डबडबा गईं| बलरामजी को पता था कि बेनज़ीर से मेरी कितनी गहरी दोस्ती थी | फरवरी 1999 में जब 40 सांसदों का एक प्रतिनिधि मंडल इस्लामाबाद गया … [Read more...] about बेनज़ीर भुट्टो : जैसा मैंने उन्हें जाना
काँग्रेस ही बनाए वाजपेयी को भारत रत्न
दैनिक भास्कर, 11 जनवरी 2008 : भारत रत्न के लिए श्री अटलबिहारी वाजपेयी से बेहतर उम्मीदवार कौन हो सकता है और उनको यह सम्मान देने के लिए कॉंग्रेस सरकार से बेहतर सरकार कौन हो सकती है? कॉंग्रेसियों के लिए यह कदम वरदान साबित हो सकता है| अब तक कॉंग्रेसी अटल बिहारी वाजपेयी को ‘गलत पार्टी में सही आदमी’ कहते रहे| अब उन्हें मौका है कि वे इस ‘सही आदमी’ के सिर पर ताज़ रख दें| अटलजी अभी … [Read more...] about काँग्रेस ही बनाए वाजपेयी को भारत रत्न
अब शक की सुई मुशर्रफ खुद अपनी तरफ घुमा रहे हैं
दैनिक भास्कर, 9 जनवरी 2008 : बेनज़ीर भुट्टो की हत्या कैसे हुई और किसने की, इन सवालों का पाकिस्तान की राजनीति पर गहरा असर हो रहा है| पहले-पहल शक की सुई मुशर्रफ की तरफ घूमने का सवाल ही नहीं उठता था| सभी मानकर चल रहे थे कि बेनज़ीर को अल-क़ायदा ने मारा है, क्योंकि वह इस्लामी आतंकवादियों के खिलाफ खुलकर बोल रही थीं| पहले उन्होंने 18 अक्तूबर को कराची में बेनजीर को मारने की कोशिश की … [Read more...] about अब शक की सुई मुशर्रफ खुद अपनी तरफ घुमा रहे हैं
पाकिस्तान की राजनीति पर बेनज़ीर का साया
रा. सहारा, 4 जनवरी 2008 : अगर बेनज़ीर भुट्टो जिंदा रहतीं तो भी अनेक सवाल उठते लेकिन उनकी हत्या के बाद अब कई पेचीदा सवालों का अंबार खड़ा हो गया है| पाकिस्तानी चुनाव पर और उसके बाद बननेवाली सरकार के भविष्य पर भी बेनज़ीर का साया मंडराता रहेगा| सबसे पहला प्रश्न तो यही है कि बेनज़ीर की हत्या हुई या उनकी मौत कार की छत के लीवर से टकराने के कारण हुई? मुशर्रफ-सरकार और उनके अफसरों के … [Read more...] about पाकिस्तान की राजनीति पर बेनज़ीर का साया