Dainik Bhaskar, 30 April 2010 : लोकसभा में कटौती प्रस्ताव क्या गिरा उसने भारतीय राजनीति के चेहरे पर उगे हुए सारे फुंसी-फोड़े और मस्से उजागर कर दिये। कांग्रेस के संसदीय मामलों के प्रबंधक बेशक अपनी पीठ थपथपा सकते हैं कि उन्होंने विपक्ष को चारों खाने चित्त कर दिया लेकिन उन्हें भी पता है कि उनकी विजय के इस अमृत-घट में कितना गरल भरा हुआ है। उन्हें समझ में आ गया है कि यदि यह सरकार … [Read more...] about इस नौटंकी में सब मसखरे
Archives for April 2010
बदलाव जो बहुत जरूरी हैं
Dainik Hindustan, 29 April 2010 : भारतीय लोकतंत्र में कई ऐसी चीजें हैं जो चौंका देती हैं। हमारी संसद में आमतौर पर ऐसे पांच या दस सदस्य भी नहीं होते, जो कुल मतों के 50 प्रतिशत से चुने जाते हों। स्पष्ट बहुमत से चुने हुए सदस्य पांच प्रतिशत भी नहीं होते यानी 95 प्रतिशत से ज्यादा सदस्यों को अपने कुल मतदाताओं के आधे वोट भी नहीं मिलते और वे जन-प्रतिनिधि कहलाते हैं। सिर्फ 1977 के चुनाव … [Read more...] about बदलाव जो बहुत जरूरी हैं
बहादुरी के रिकॉर्ड बनाता ईरान
राष्ट्रीय सहारा, 28 अप्रैल 2010 … [Read more...] about बहादुरी के रिकॉर्ड बनाता ईरान
क्रिकेट की बीमारी और गुलामी
Dainik Bhaskar, 23 April 2010 : शशि थरूर और ललित मोदी तो बीमारी के ऊपरी लक्षण हैं| असली बीमारी तो खुद क्रिकेट ही है| क्रिकेट खेल नहीं है, बीमारी है| यह कैसा खेल है, जिसमें 11 खिलाडि़यों की टीम में से सिर्फ एक खेलता है और शेष 10 बैठे रहते हैं ? विरोधी टीम के बाकी 11 खिलाड़ी खड़े रहते हैं| उनमें से भी एक रह-रहकर गेंद फेंकता है| कुल 22 खिलाडि़यों में 20 तो ज्यादातर वक्त निठल्ले … [Read more...] about क्रिकेट की बीमारी और गुलामी
जिन्ना से बड़े किसी नेता का इंतजार
Dainik Hindustan, 22 April 2010 : पाकिस्तान जब से पैदा हुआ है, ज्यादातर वक्त वह फौज के शिकंजे में कसा रहा। जाहिर है कि जिन्ना और लियाक़त के सपनों का पाकिस्तान आज भी एक सपना ही है लेकिन उसकी संसद ने 18वां संशोधन क्या पास किया, बुझे हुए चिरागों में रोशनी पैदा हो गई है।कई लोग मान रहे हैं कि राष्ट्रपति आसिफ ज़रदारी ने ऐतिहासिक साहस और त्याग का परिचय दिया है। उन्होंने अपने पर खुद ही … [Read more...] about जिन्ना से बड़े किसी नेता का इंतजार
सिंहल-सम्राट की नई चुनौतियां
राष्ट्रीय सहारा, 16 अप्रैल 2010 : श्रीलंका के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति महिंद राजपक्ष के गठबंधन को प्रचंड विजय मिली है| जनवरी में उन्होंने राष्ट्रपति का चुनाव जीता और अब संसद पर भी उनका वर्चस्व कायम हो गया है| 225 सदस्यों की संसद में उन्हें दो-तिहाई बहुमत मिल जाता, अगर उन्हें पांच सीटें और भी मिल जातीं| इन पांच सीटों की भरपाई ज्यादा कठिन नहीं होगी| विरोधी दलों के पांच सदस्यों … [Read more...] about सिंहल-सम्राट की नई चुनौतियां
सिंहल-सम्राट की नई चुनौतियां
राष्ट्रीय सहारा, 16 अप्रैल 2010 : श्रीलंका के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति महिंद राजपक्ष के गठबंधन को प्रचंड विजय मिली है| जनवरी में उन्होंने राष्ट्रपति का चुनाव जीता और अब संसद पर भी उनका वर्चस्व कायम हो गया है| 225 सदस्यों की संसद में उन्हें दो-तिहाई बहुमत मिल जाता, अगर उन्हें पांच सीटें और भी मिल जातीं| इन पांच सीटों की भरपाई ज्यादा कठिन नहीं होगी| विरोधी दलों के पांच सदस्यों … [Read more...] about सिंहल-सम्राट की नई चुनौतियां
ओबामा की नट चाल
Dainik Bhaskar, 14 April 2010 : अमेरिका की अफ-पाक नीति इतनी दिग्भ्रमित है कि वॉशिंगटन सम्मेलन में उसे पाक को ससम्मान बुलाना पड़ा। जो आतंकवाद का गढ़ व परमाणु चोरी के लिए दुनिया में कुख्यात राष्ट्र है, उसके प्रधानमंत्री का ह्वाइट हाउस में स्वागत करना कितनी बड़ी मजबूरी है। ईरान और उत्तरी कोरिया को दुत्कारना और पाकिस्तान को पुचकारना ओबामा की नियति है, लेकिन क्या यह भारत की नीति हो … [Read more...] about ओबामा की नट चाल
चीन से डर-डर के बात क्यों करें
Dainik Hindustan, 12 April 2010 : सभी पूछ रहे हैं कि हमारे विदेश मंत्री आखिर चीन गए ही क्यों? वहां जाकर क्या मिला? सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि दोनों देशों के बीच ‘हॉट लाइन’ कायम हो गई। इस ‘हॉट लाइन’ की जरूरत क्या थी? संचार क्रांति के इस जमाने में दोनों प्रधानमंत्रियों को अगर आपस में बातकरनी हो तो उसमें कितने सेकेंड या मिनट की देर लग सकती है? भारत और पाकिस्तान के बीच ‘हॉट लाइन’ … [Read more...] about चीन से डर-डर के बात क्यों करें
आजाद भारत की गुलामी
Dainik Bhaskar (Bhopal), 7 April 2010 : हमारे देश का भद्रलोक अंग्रेजों का उत्तराधिकारी क्यों बना हुआ है? यह बगुलाभगत अपने स्वार्थ की माला जपना कब बंद करेगा? दिमागी गुलामी और नकल से भारत का छुटकारा कब होगा? इसकी पहल जनता को ही करनी होगी। गुलामी के खंडहरों को ढहाने का अभियान यदि जनता स्वयं शुरू करे तो नेतागण अपने आप पीछे चले आएंगे।देश अभी रेंग रहा है। जिस दिन सचमुच गुलामी हटेगी, … [Read more...] about आजाद भारत की गुलामी