Dainik Bhaskar, 23 Feb 2011 : सऊदी अरब की तरह लीबिया को भी स्थायित्व का अभेद्य गढ़ माना जाता था, लेकिन मुअम्मर गद्दाफी का यह गढ़ ताश के पत्तों का महल सिद्ध हो रहा है। 41 साल से लीबिया के सीने पर सवार गद्दाफी को टीवी चैनल पर आकर कहना पड़ा है कि वे देश छोड़कर भागे नहीं हैं। जिस लीबिया में उनके इशारे के बिना पंछी भी अपने पर नहीं हिला सकते थे, उसमें अब उन्हें अपनी ही जनता पर जहाजों … [Read more...] about गद्दाफी के लिए कौन दुखी है
Archives for February 2011
भारत-विरोधी चीनी लेख पर चुप्पी क्यों
दैनिक हिन्दुस्तान, 18 फरवरी 2011 : अपने पड़ौसियों के बारे में चीन का असली सोच क्या है, यह पता लगाना आसान नहींहै| साम, दंड, भेद से भरी चीनी कूटनीति कब कौनसा पैंतरा अख्तियार करेगी, पता नहीं चलता| कौटिल्य का अर्थशास्त्र् लिखातो गया है भारत में लेकिन उसे लागू किया जाता है, चीन में ! चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की प्रसिद्घ सैद्घांतिक पत्रिका, … [Read more...] about भारत-विरोधी चीनी लेख पर चुप्पी क्यों
भारत के झुकने का अर्थ
दैनिक भास्कर (दिल्ली, 16 फरवरी 2011) … [Read more...] about भारत के झुकने का अर्थ
काबुल को चाहिए अपनी एक फौज
Dainik Hindustan, 10 Feb 2011 : हाल ही में सम्पन्न म्यूनिख के अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में यों तो मिस्र की उथल-पुथल और ‘स्टार्ट’ संधि पर ज्यादा चर्चा हुई लेकिन नाटो राष्ट्रों- अमेरिका, रूस, भारत और पाकिस्तान- ने अफगानिस्तान पर काफी जोर दिया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने खुद सम्मेलन को संबोधित किया और सार्वजनिक तौर पर पहली बार पश्चिम को अफगान रणनीति पर पुनर्विचार … [Read more...] about काबुल को चाहिए अपनी एक फौज
काबुल को चाहिए अपनी एक फौज
Dainik Hindustan, 10 Feb 2011 : हाल ही में सम्पन्न म्यूनिख के अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में यों तो मिस्र की उथल-पुथल और ‘स्टार्ट’ संधि पर ज्यादा चर्चा हुई लेकिन नाटो राष्ट्रों- अमेरिका, रूस, भारत और पाकिस्तान- ने अफगानिस्तान पर काफी जोर दिया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने खुद सम्मेलन को संबोधित किया और सार्वजनिक तौर पर पहली बार पश्चिम को अफगान रणनीति पर पुनर्विचार … [Read more...] about काबुल को चाहिए अपनी एक फौज
ये महाघोटालों का मौसम है
Dainik Bhaskar, 09 Feb 2011 : अब तक राजा था, अब महाराजा है। ए राजा ने अपनी चहेती कंपनियों को लाइसेंस दिए और देश के पौने दो लाख करोड़ रुपए का नुकसान किया, लेकिन सरकारी संगठन ‘इसरो’ ने देवास मल्टीमीडिया को एस-बेंड की लीज दी और पूरे दो लाख करोड़ रुपए का नुकसान कर दिया। राजा ने अपनी रेवड़ियां दर्जनों कंपनियों को बांटीं, जबकि ‘इसरो’ ने अकेली एक ही कंपनी को निहाल कर दिया। वह थी सौ … [Read more...] about ये महाघोटालों का मौसम है
ये महाघोटालों का मौसम है
Dainik Bhaskar, 09 Feb 2011 : अब तक राजा था, अब महाराजा है। ए राजा ने अपनी चहेती कंपनियों को लाइसेंस दिए और देश के पौने दो लाख करोड़ रुपए का नुकसान किया, लेकिन सरकारी संगठन ‘इसरो’ ने देवास मल्टीमीडिया को एस-बेंड की लीज दी और पूरे दो लाख करोड़ रुपए का नुकसान कर दिया। राजा ने अपनी रेवड़ियां दर्जनों कंपनियों को बांटीं, जबकि ‘इसरो’ ने अकेली एक ही कंपनी को निहाल कर दिया। वह थी सौ … [Read more...] about ये महाघोटालों का मौसम है
राजा की गिरफ्तारी काफी नहीं
दैनिक भास्कर (नई दिल्ली), 04 फरवरी 2011 : स्वतंत्र् भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ है| सरकार ने अपने ही एक पूर्व मंत्री को गिरफ्तार कर लिया| मंत्री और मुख्यमंत्री पहले भी गिरफ्तार हुए हैं लेकिन दूसरी सरकारों द्वारा ! इस एतिहासिक गिरफ्तारी से आम जनता में खुशी की लहर दौड़ गई है, यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन देश ने संतोष की सांस जरूर ली है, यह तो स्पष्ट ही है| लोग मानकर चलते … [Read more...] about राजा की गिरफ्तारी काफी नहीं
मुबारक को जाना ही होगा
Dainik Hindustan, 04 Feb 2011 : ट्यूनीशिया के पूर्व तानाशाह बिन अली के मुकाबले मिस्र के तानाशाह हुस्नी मुबारक कहीं ज्यादा मंजे हुए खिलाड़ी हैं। उन्होंने पूरा एक सप्ताह निकाल दिया और वह अभी तक देश छोड़कर भागे नहीं। उनका बेटा गमाल लंदन भाग चुका है, लेकिन वह अभी तक काहिरा में डटे हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि जैसे उन्होंने 2003 के दंगों पर ठंडा पानी डाल दिया था, वैसे ही इस बार भी … [Read more...] about मुबारक को जाना ही होगा
दाल में कुछ काला जरूर है
जनसत्ता, 03 फरवरी 2011 : स्विस बैंकों में भारत का कितना धन जमा है ? विभिन्न रपटों के मुताबिक यह लगभग 70 लाख करोड़ रू. है| यह इतनी बड़ी राशि है कि साधारण आदमी इसका हिसाब ही नहीं लगा सकता लेकिन इसे समझने का एक दूसरा तरीका भी है| अगर हम यह कहें तो बात बहुत जल्दी समझ में आ जाएगी कि यदि इस राशि को भारत के गरीबों में बांट दें तो एक ही रात में 70 करोड़ गरीब लोग लखपति बन जाएंगे| जो … [Read more...] about दाल में कुछ काला जरूर है