नया इंडिया, 21 मई 2014 : कांग्रेस की कार्यसमिति में क्या हुआ? वही हुआ, जो मैंने कहा था। चुनाव में इतनी शर्मनाक हार हुई लेकिन एक भी ‘नेता’ ने मुंह नहीं खोला। बस वे दबी जुबान से फुसफुसाते रहे। लकवाग्रस्त जुबान से हकलाते रहे। सिर्फ चिदंबरम ने थोड़ी-सी हिम्मत जुटाई, यह कहने के लिए कि टिकिट ठीक से नहीं बांटे गए। दो उम्मीदवार तो टिकिट लेकर भी खिसक गए। भाजपा में शामिल हो गए। बाकी सभी … [Read more...] about इस प्रा. लि. कंपनी को पार्टी बनने दें
Archives for May 2014
मां-बेटा कांग्रेस पर कृपा करें
नया इंडिया, 18 मई 2014: कांग्रेस ने इस चुनाव में जैसी मार खाई, क्या पहले कभी खाई? लेकिन कोई भी मुंह क्यों नहीं खोल रहा है? क्योंकि इस पार्टी के बड़े-बड़े नेपोलियन बोनापार्ट पिछले 40-45 साल में बौने हो गए हैं। वे नेता और कार्यकर्त्ता नहीं रहे। उनका चरित्र ही बदल गया। वे किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के कर्मचारी बन गए हैं। उनकी हालत बंधुआ मजदूरों-जैसी हो गई है। वे अब भी यह मान रहे … [Read more...] about मां-बेटा कांग्रेस पर कृपा करें
नया इंडिया: हिंदी भद्रलोक का कंठहार!
नया इंडिया, 16 मई 2014: ‘नया इंडिया’ अखबार अपने आप में अजूबा है। सबसे पहली बात तो यह कि इस अखबार का संचालक या मालिक स्वयं पत्रकार है। मालिक ही संपादक भी हों, ऐसे अखबार आज भी कई हैं लेकिन क्या वे मालिक सचमुच पत्रकार होते हैं? उनके नाम से जो लेख छपते हैं, कई बार वे स्वयं भी उन्हें नहीं पढ़ते। हां, कुछ वास्तविक पत्रकार कुछ अखबारों के मालिक भी हैं लेकिन उनके अखबार भी व्यापार की तरह … [Read more...] about नया इंडिया: हिंदी भद्रलोक का कंठहार!
देता है बोसा, बगैर इल्तिज़ा किए!
नया इंडिया, 15 मई 2014 : न भाजपा ने कहा और न ही नरेंद्र मोदी ने! दोनों ने ही नहीं कहा कि हमें आपसे संबंध बढ़ाने हैं लेकिन फिर भी ओबामा प्रशासन बधाइयां भेज रहा है। भारत की दाढ़ी सहला रहा है। मुझे गालिब की एक पंक्ति इस मौके पर याद आ रही है। ‘देता है बोसा बगैर इल्तिज़ा किए।’ बिना मांगे ही अमेरिका भारत को चुंबन दे रहा है। अभी 16 वीं लोकसभा का चुनाव-परिणाम आया भी नहीं हैं। अभी से … [Read more...] about देता है बोसा, बगैर इल्तिज़ा किए!
अब राहुल बचाओ!
नया इंडिया, 14 मई 2014: कांग्रेस खुद को तो बचा न सकी। अब वह राहुल को बचाने में लगी हुई है। सोनिया गांधी के दरबारी सलाहकार, जिन्हें हम ‘बड़े नेता’ कहें तो उन्हें अच्छा लगता है, वे इकट्ठे होकर सोच रहे हैं कि अब क्या करें? सत्ता के सूत्रों का संचालन ये दरबारी ही करते हैं। कांगेस के अनेक बुजुर्ग और तपस्वी नेता भी इन दरबारी सामंतों के इशारों का इंतजार करते रहते हैं। इन दरबारियों को … [Read more...] about अब राहुल बचाओ!
मतदान के अंदाजी घोड़े
नया इंडिया, 13 मई 2014: मतदान के अंदाजी घोड़े अभी से दौड़ने शुरू हो गए हैँ। नरेंद्र मोदी को अपना दुश्मन मानने वाले टीवी चैनल भी यह कहने को मजबूर हो गए हैं कि भाजपा को कम से कम 250 सीटें तो मिलेंगी ही। कोई भी चैनल नहीं कह रहा है कि कांग्रेस को 100 से ज्यादा सीटें मिलेंगी। याने भाजपा दुगुनी से भी ज्यादा हो जाएगी और कांग्रेस आधी से भी कम रह जाएगी। इसी तरह मतदान-सर्वेक्षण यह भी बता … [Read more...] about मतदान के अंदाजी घोड़े
मोदी पीएम नहीं बने तो क्या होगा?
दैनिक भास्कर, 10 मई 2014 : एक औसत पाठक को लगेगा कि इस लेख का शीर्षक इतना बेढंगा क्यों है? भला, क्या ऐसा भी हो सकता है कि भाजपा के प्रत्याशी नरेंद्र मोदी सरकार न बना पाएं? क्या उनको 272 सीटें भी नहीं मिलेंगी? माहौल तो एकदम उलट है। ऐसा जोशीला स्वागत तो स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी नेता का कभी नहीं हुआ। नेहरू अपवाद थे। आजादी के पहले ही वे जन-जन के कंठहार बन चुके थे, लेकिन उनके … [Read more...] about मोदी पीएम नहीं बने तो क्या होगा?
बड़े अफसर भी नहीं बच पाएंगे
नया इंडिया, 10 मई 2014: सर्वोच्च न्यायालय की संविधान-पीठ ने इधर दो एतिहासिक फैसले किए, उनमें से दूसरा सरकारी अधिकारियों के बारे में है। उसका पहला फैसला तो हमारी समझ में नहीं आया था, क्योंकि वह घुमा-फिराकर बच्चों पर अंग्रेजी थोपने का समर्थन कर रहा था लेकिन यह उसका दूसरा फैसला भारत की नौकरशाही को सुधारने में बड़ा योगदान करेगा। इस फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार के उस नियम … [Read more...] about बड़े अफसर भी नहीं बच पाएंगे
बड़े अफसर भी नहीं बच पाएंगे
नया इंडिया, 10 मई 2014: सर्वोच्च न्यायालय की संविधान-पीठ ने इधर दो एतिहासिक फैसले किए, उनमें से दूसरा सरकारी अधिकारियों के बारे में है। उसका पहला फैसला तो हमारी समझ में नहीं आया था, क्योंकि वह घुमा-फिराकर बच्चों पर अंग्रेजी थोपने का समर्थन कर रहा था लेकिन यह उसका दूसरा फैसला भारत की नौकरशाही को सुधारने में बड़ा योगदान करेगा। इस फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार के उस नियम … [Read more...] about बड़े अफसर भी नहीं बच पाएंगे
भाषा: अदालत फिर सोचे
नया इंडिया, 8 मई 2014 : सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के पांच जजों ने बच्चों की शिक्षा के माध्यम पर एक एतिहासिक फैसला दिया है। यह फैसला कर्नाटक सरकार के 1994 के उस नियम के विरुद्ध दिया है, जिसके अनुसार कर्नाटक की समस्त प्राथमिक शालाओं के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया था कि पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को या तो वे कन्नड़ में पढ़ाएं या उनकी मातृभाषा में! यदि वे किसी अन्य भाषा … [Read more...] about भाषा: अदालत फिर सोचे