संविधान के मुताबिक वित्त विधेयक को पास करने का अधिकार सिर्फ लोकसभा को है। राज्यसभा उस पर बहस तो कर सकती है लेकिन उसे गिरा नहीं सकती। इस बार लाए गए इस वित्त विधेयक में सरकार ने 40 संशोधन पेश किए हैं। राज्यसभा के विरोधी सदस्यों का कहना है कि इन संशोधनों का का वित्त विधेयक से क्या लेना-देना है? इनमें से कई संशोधन ऐसे हैं, जिन पर राज्यसभा में मतदान होना चाहिए। राज्यसभा ने उन पर … [Read more...] about यह कैसा ‘बड़ों का सदन’?
Archives for March 2017
मोहन भागवत का राष्ट्रपति होना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक याने मुखिया श्री मोहन भागवत का नाम राष्ट्रपति पद के लिए उछला है। शिवसेना के एक प्रवक्ता ने उन्हें राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव किया है। शिव सेना के इस प्रस्ताव की नरेंद्र मोदी उपेक्षा नहीं कर सकते, क्योंकि उप्र में प्रचंड विजय पाने के बावजूद भाजपा को राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के लिए अभी कम से कम 20 हजार वोट कम पड़ रहे हैं। जबकि शिवसेना के 21 … [Read more...] about मोहन भागवत का राष्ट्रपति होना
एक मुस्लिम नास्तिक की हत्या
तमिलनाडु के कोयंबतूर में एक 31 वर्षीय मुस्लिम नौजवान की हत्या कर दी गई। उसका नाम फारुक था। उसकी हत्या इसलिए हुई कि वह नास्तिक था। वह अपनी वेबसाइट पर मजहबी मुद्दों के बारे में खुलकर लिखा करता था। वह अपने सैकड़ों साथियों को अक्सर व्हाट्सअप भेजा करता था। उसकी हत्या किसने की? उन लोगों ने की, जो अपने आप को इस्लाम के सिपाही मानते हैं। याने कुछ कट्टर मुसलमानों ने फारुक को उसकी काफिराना … [Read more...] about एक मुस्लिम नास्तिक की हत्या
जनरल शरीफ, जरा सावधान रहें
पाकिस्तान के पूर्व सेनापति राहील शरीफ को दुनिया के इस्लामी राष्ट्रों की फौजों के गठबंधन का प्रमुख नियुक्त किया गया है। पाकिस्तान सरकार ने उन्हें इसकी इजाजत भी दे दी है। इस 39 मुस्लिम राष्ट्रों के फौजी गठबंधन का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से लड़ना है। इसकी पहल सउदी अरब ने की है। यह पहल 2015 में हुई थी लेकिन यह परवान अब चढ़ रही है। यदि वास्तव में यह गठबंधन खड़ा हो गया और इसने … [Read more...] about जनरल शरीफ, जरा सावधान रहें
तीन बड़े प्रेरणादायक आंदोलन
मेरे पिछले दो-तीन दिन इंदौर और जोधपुर में बीते। लगभग आधा दर्जन समारोहों में मैंने भाग लिया। जिन तीन खास समारोहों में जाकर मुझे विशेष प्रेरणा मिली और जो देश के लिए बहुत लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं, उनका यह जिक्र करना जरुरी है। इंदौर में कुछ नौजवानों ने मिलकर एक संगठन बनाया है, मिशन-21 । याने शादी-विवाह में 21 से ज्यादा चीज़ें न परोसी जाएं। मैंने कहा, 21 की बजाय इसे 11 क्यों न कर … [Read more...] about तीन बड़े प्रेरणादायक आंदोलन
नया पिछड़ा आयोग अगड़ा बने
पिछड़ा वर्ग आयोग की जगह अब सरकार एक सामाजिक-शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग राष्ट्रीय आयोग स्थापित करेगी। इस खबर को लेकर राज्यसभा में काफी हंगामा हो गया। राज्यसभा के कुछ सदस्यों ने यह आरोप लगाया कि यह आयोग इसलिए बनाया जा रहा है कि पिछड़ों और अनुसूचितों को मिलने वाले आरक्षण में कटौती की जा सके। इस घोषणा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के उस बयान से भी जोड़ा जा रहा है, जो … [Read more...] about नया पिछड़ा आयोग अगड़ा बने
शिक्षा में मप्र की नई मिसाल
मैं पिछले दो दिन से इंदौर में हूं। आज यहां के ‘नई दुनिया’ अखबार में एक खबर पढ़कर दिल खुश हो गया। मुझे पता नहीं कि वह खबर कैसे बनी? वह महत्वपूर्ण फैसला मध्यप्रदेश सरकार ने मेरा लेख पढ़कर किया है या अपनी प्रेरणा से किया है, मैं नहीं कह सकता। मैं अपने पिछले कुछ लेखों में देश की शिक्षा के बारे में दो सुझाव देता रहा हूं। एक तो यह कि देश के सारे जन-प्रतिनिधियों और समस्त सरकारी … [Read more...] about शिक्षा में मप्र की नई मिसाल
सरकारी भर्तियां: नींद कब खुलेगी?
संघ लोग सेवा आयोग ही सरकार की भर्ती-परीक्षाओं का सबसे बड़ा केंद्र है। इसका नाम है- लोक सेवा आयोग लेकिन इसकी मुख्य परीक्षाएं किसी भी लोक भाषा में नहीं होती हैं। वे एक विदेशी भाषा में होती है, जिसका नाम अंग्रेजी है। सरकार से कोई पूछे कि अफसर बनने के बाद ये लोग किसकी सेवा करेंगे? भारतीयों की या अंग्रेजों की? यह लोक सेवा आयोग है या परलोक सेवा आयोग है? अपने लोगों पर पराई भाषा थोपने … [Read more...] about सरकारी भर्तियां: नींद कब खुलेगी?
अयोध्या: मसला बातचीत से हल हो
सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या के मंदिर-मस्जिद विवाद को आपसी बातचीत और सर्वसम्मति से हल करने की सलाह दी है। मुख्य न्यायाधीश जे.एस. खेहर ने कहा है कि दोनों तरफ की पार्टियां राजी हों तो वे स्वयं मध्यस्थता करने को तैयार हैं। यह फैसला लगभग छह साल तक इंतजार करने के बाद आया है। 2010 में इलाहाबाद न्यायालय ने जो फैसला दिया था, वह मुकदमा लड़ने वाली तीनों पार्टियों को स्वीकार नहीं था। … [Read more...] about अयोध्या: मसला बातचीत से हल हो
भारत इतना दुखी देश क्यों है?
संयुक्त राष्ट्रसंघ हर साल एक रपट जारी करता है, जिसका नाम है- सुखी देश की अनुक्रमणिका याने कौनसा देश कितना सुखी है। इस बार अपनी 2017 की वार्षिक रपट में उसने भारत को 122 वें स्थान पर बिठाया है। लगभग डेढ़ सौ देशों में भारत का स्थान इतना नीचे है, जितना कि अफ्रीका के कुछ बेहद पिछड़े देशों का है। पिछले एक साल में भारत 118 से चार सीढ़ियां फिसलकर 122 वें पायदान पर क्यों चला गया है? … [Read more...] about भारत इतना दुखी देश क्यों है?