शी चिन फिंग अब चीन के सर्वेसर्वा बन गए हैं, बिल्कुल माओ त्से तुंग की तरह ! अब वे जब तक चाहेंगे, चीन के राष्ट्रपति बने रहेंगे। उनकी खातिर 1982 के चीनी संविधान में यह संशोधन होगा कि चीनी राष्ट्रपति की अवधि सिर्फ 10 साल तक नहीं रहेगी। शी 2013 में राष्ट्रपति बने थे। उनकी एक अवधि पूरी हो गई। वे दूसरी अवधि याने 2023 तक के लिए फिर चुन लिए गए हैं। लेकिन 64 वर्षीय शी अब चाहें तो 84 … [Read more...] about नए माओ की नई चुनौतियां
Archives for February 2018
भागवत का नया हिंदुत्व
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने 25 वें ‘राष्ट्रोदय समारोह’ में हिंदुत्व के बारे में कुछ ऐसी नई और बुनियादी बातें कही हैं, जिन पर गंभीरता से विचार किया जाए तो भारतीय राजनीति को सांप्रदायिकता से छुटकारा मिल सकता है। सांप्रदायिकता भी दोनों। मुस्लिम सांप्रदायिकता और हिंदू सांप्रदायिकता ! उन्होंने तीन लाख स्वयंसेवकों की उपस्थिति में कहा कि जो भी भारत में रहता है, … [Read more...] about भागवत का नया हिंदुत्व
अमेरिका की बंदूक-संस्कृति
अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा बंदूकबाज राष्ट्र है। अमेरिका के नागरिकों के पास जितनी बंदूकें हैं, उतनी दुनिया के किसी भी राष्ट्र के नागरिकों के पास नहीं है। अमेरिका में सिर्फ 31 करोड़ लोग रहते है लेकिन उनके पास लगभग 30 करोड़ बंदूकें हैं। दुनिया के सबसे उन्नत 22 देशों में बंदूकों से जितनी हत्याएं होती है, उनसे 25 गुना ज्यादा हत्या अकेले अमेरिका में हो जाती हैं। अमेरिकी टीवी चैनल और … [Read more...] about अमेरिका की बंदूक-संस्कृति
Our watchman doesn’t steal
Lokmat Times, 25 Febuary: A few days back one of the television channels asked me how would I rate Modi for eliminating corruption from our system? Four years ago, I was sure that I would give 8 marks out of 10 for this government but now I will give only 4. The anchor asked me that you were one of those who brought this government in power, so why such a low score for the Modi … [Read more...] about Our watchman doesn’t steal
त्रूदो की टेढ़ी भारत-यात्रा
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन त्रूदो की भारत-यात्रा भी अजीब-सी रही। वे एक सप्ताह की सरकारी यात्रा पर सपरिवार आए लेकिन आगंतुक प्रधानमंत्री को आजकल जिस गर्मजोशी से लिपट-लिपटकर सम्मान दिया जाता है, उन्हें नहीं दिया गया। वे आगरा, अहमदाबाद और मुंबई गए। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री से भी भेंट की। आखिरी दिन वे दिल्ली आए। उनकी पत्नी और बच्चों के चित्रों ने भारतीयों को करीब-करीब … [Read more...] about त्रूदो की टेढ़ी भारत-यात्रा
A new dawn in Nepal
There was a good news from Nepal that the Nepali Communist Party (Unified Marxist-Leninist) and Nepali Communist Party (Maoist Center) have resolved their differneces. Both Parties fought the December polls jointly. They got 174 seats out of 275 in the Parliament. If they had acquired 10 more seats they could have had 2/3 majority. UML got 121 seats, whereas Maoist got 53 … [Read more...] about A new dawn in Nepal
आखिर बैंकों की लूटपाट के लिए दोषी कौन ?
दैनिक भास्कर, 24 फरवरी 2018: विजय माल्या के बाद अब नीरव मोदी और विक्रम कोठारी के नाम उछले हैं। कहने के लिए ये लोग उद्योगपति कहाते हैं लेकिन हैं ये, महाठग! इन्होंने अपनी करतूतों से स्वयं को तो कलंकित कर ही लिया है, भारत की बैकिंग व्यवस्था और सरकार की प्रतिष्ठा भी पैंदे में बिठा दी है। ऐसा नहीं है कि सारे कर्जदार उद्योगपति ठगी करते हैं। यह ठीक है कि उनमें से कई अपनी व्यावसायिक … [Read more...] about आखिर बैंकों की लूटपाट के लिए दोषी कौन ?
नेपाल में नया सबेरा
नेपाल से खुश खबर यह है कि वहां की कम्युनिस्ट पार्टी एकीकृत मार्क्सवादी- लेनिनवादी पार्टी (एमाले) और प्रचंड की माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी में अब एक व्यावहारिक समझौता हो गया है। इन दोनों पार्टियों ने दिसंबर के आम चुनाव में साझा मोर्चा बनाया था। इन्हें 275 की संसद में 174 सीटें मिली थीं। यदि इन्हें 10 सीटें और मिल जातीं तो इन्हें 2/3 बहुमत मिल जाता। एमाले को 121 और माओवादियों को … [Read more...] about नेपाल में नया सबेरा
Matribhasha Diwas means what ?
Lokmat Times: every country of the world has celebrated International Mothertongue Day or Matribhasha Diwas. What is so special about this day? UNESCO has recognized this day in 1999. 21st February is considered as Matribhasha Diwas because on this day in 1952 Youngmen from Eastern Pakistan (now Bangladesh) martyred for their mothertongue Bengali. Pakistan forced them to adopt … [Read more...] about Matribhasha Diwas means what ?
यह कैसा मातृभाषा दिवस है ?
आज सारी दुनिया के देश मातृभाषा दिवस मना रहे हैं। 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस क्यों मनाया जाता है ? क्योंकि यूनेस्को ने इसे 1999 में मान्यता दी थी। 21 फरवरी को इसलिए मान्यता दी गई क्योंकि इसी दिन 1952 में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के नौजवानों ने अपनी मातृभाषा बांग्ला के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए थे। पाकिस्तान इन पर उर्दू थोप रहा था और वे बांग्ला चाहते थे। उर्दू तो … [Read more...] about यह कैसा मातृभाषा दिवस है ?