R Sahara, 31 Aug 2003 : अब से ठीक सोलह माह पहले ! 28 फरवरी 2002 ! दिल्ली का हैदराबाद हाउस, जहॉं प्रधानमंत्री की दावतें होती हैं| अफगानिस्तान के राष्ट्र्रपति हामिद करज़ई के सम्मान में दावत थी | जैसे ही अतिथिगण भोज-कक्ष में घुसे, प्रधानमंत्री से आमना-सामना हुआ | मैंने पूछा ‘करज़ई को हमने क्या-क्या दिया?’ वे बोले, ‘ये बात तो बाद में हो जाएगी, पहले यह बताइए कि लखनउ में क्या किया … [Read more...] about मुलायम और अटल
Archives for August 2003
काबुल में भारत का भूत देखता है पाकिस्तान
R Sahara, 30 Aug 2003 : अविश्वास प्रस्ताव की बहस के दौरान अफगानिस्तान का अनायास उल्लेख अपने आप में अजूबा था | प्रधानमंत्री ने आखिर अफगानिस्तान की स्थिति पर चिन्ता क्यों व्यक्त की? शायद इसीलिए कि आजकल भारत और पाकिस्तान के बीच अफगानिस्तान भी विवाद का मुद्रदा बनता जा रहा है | अफगानिस्तान में यदि कोई भी पाकिस्तान-विरोधी गतिविधि होती है तो पाकिस्तानी सरकार पलक झपकाए बिना ही उसे भारत … [Read more...] about काबुल में भारत का भूत देखता है पाकिस्तान
सड़क पर पंगु, संसद में पहलवान
रा. सहारा, 26 अगस्त 2003: अविश्वास प्रस्ताव तो गिर गया लेकिन गिरते-गिरते वह कई प्रश्न उठा गया ! जैसे पहला प्रश्न तो यही कि यह सरकार के प्रति अविश्वास था या खुद के प्रति? विपक्ष की नेता को खुद के नेता होने में भी विश्वास है या नहीं ? इसी विश्वास को जॉंचने के लिए उन्होंने शायद यह दॉंव फेंका था ! इस एक पत्थर से कई शिकार हो सकते थे ! जैसे कॉंग्र्र्रेस पार्टी में सोनिया गॉंधी की धाक … [Read more...] about सड़क पर पंगु, संसद में पहलवान
सड़क पर पंगु, संसद में पहलवान
R Sahara, 26 Aug 2003 : अविश्वास प्रस्ताव तो गिर गया लेकिन गिरते-गिरते वह कई प्रश्न उठा गया ! जैसे पहला प्रश्न तो यही कि यह सरकार के प्रति अविश्वास था या खुद के प्रति? विपक्ष की नेता को खुद के नेता होने में भी विश्वास है या नहीं ? इसी विश्वास को जॉंचने के लिए उन्होंने शायद यह दॉंव फेंका था ! इस एक पत्थर से कई शिकार हो सकते थे ! जैसे कॉंग्र्र्रेस पार्टी में सोनिया गॉंधी की धाक … [Read more...] about सड़क पर पंगु, संसद में पहलवान
ये वेंकटरामन कौन हैं
R Sahara, 24 Aug 2003 : प्रसिद्घ नृत्यांगना उमा शर्मा ने जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में कृष्ण-लीला पर नृत्य-नाटिका आयोजित की | इंडिया इंटरनेशनल सेंटर का हाल खचाखच भरा हुआ था | हम ठीक समय पर पहॅुचे लेकिन कुर्सी खाली नहीं थी | कोई बात नहीं | आगे जाकर मैं और मेरी पत्नी ज़मीन पर ही बैठ गए | उमाजी हम लोगों की निजी मित्र हैं तो क्या उनकी खातिर इतनी असुविधा भी नहीं उठा सकते? थोड़ी देर बाद … [Read more...] about ये वेंकटरामन कौन हैं
ये वेंकटरामन कौन हैं
R Sahara, 24 Aug 2003 : प्रसिद्घ नृत्यांगना उमा शर्मा ने जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में कृष्ण-लीला पर नृत्य-नाटिका आयोजित की | इंडिया इंटरनेशनल सेंटर का हाल खचाखच भरा हुआ था | हम ठीक समय पर पहॅुचे लेकिन कुर्सी खाली नहीं थी | कोई बात नहीं | आगे जाकर मैं और मेरी पत्नी ज़मीन पर ही बैठ गए | उमाजी हम लोगों की निजी मित्र हैं तो क्या उनकी खातिर इतनी असुविधा भी नहीं उठा सकते? थोड़ी देर बाद … [Read more...] about ये वेंकटरामन कौन हैं
मुसलमानों की संस्कृत सेवा
R Sahara, 17 Aug 2003 : मुसलमानों की संस्कृत-सेवा और हिन्दी-सेवा को लेकर दिल्ली में पिछले हफ्रते दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम हुए ! जवाहरलाल नेहरू वि वि के विशिष्ट संस्कृत अध्ययन केंद्र ने मुसलमानों की संस्कृत-सेवा पर डॉ मोहम्मद इस्माइल खान और मुझे बोलने के लिए कहा और डॉ म्लिक मुहम्मद की पुस्तक हिन्दी की संस्कृति का विमोचन हुआ ! दोनों कार्यक्रमों में ऐसे दुर्लभ तथ्य प्रकाश में आए, … [Read more...] about मुसलमानों की संस्कृत सेवा
धन्य है, प्रसार भारती !
R Sahara, 10 Aug 2003 : प्रसार भारती को आजकल पैसे की चिंता बहुत सता रही है ! उसके वित्त-सदस्य ने बोर्ड के गले यह बात उतार दी है कि यदि अ-हिन्दी क्षेत्रों में हिन्दी कार्यक्रम दिखाए जाऍंगे तो दूरदर्शन को विज्ञापन नहीं मिलेंगे और इसी कारण अब भी नहीं मिल रहे हैं ! इसीलिए बोर्ड की पिछली बैठक में यह निर्णय हो गया कि अ-हिन्दी क्षेत्रों में राष्ट्र्रीय चैनल पर हिन्दी कार्यक्रम न दिखाए … [Read more...] about धन्य है, प्रसार भारती !
फायदेमंद हैं एक-साथ चुनाव
NavBharat Times, 7 Aug 2003 : लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव साथ-साथ हों, यह प्रस्ताव नया नहीं है| इसमें संदेह नहीं कि उप-राष्ट्रपति और उप-प्रधानमंत्री के समर्थन के कारण यह प्रस्ताव इधर मीडिया में उछाल खा गया है लेकिन इसे अब से 20 साल पहले खुद चुनाव आयोग ने जमकर आगे बढ़ाया था| चुनाव आयोग ने भी 15-20 साल तक अलग-अलग चुनावों की विभीषिका को भुगतने के बाद यह नतीजा निकाला था कि यदि … [Read more...] about फायदेमंद हैं एक-साथ चुनाव
फिर लौटे भारत
R Sahara, 3 Aug 2003 : जब से सुपर्ण (बेटा) दुबई में रहने लगा है, अमेरिका या यूरोप या अरब देशों में जाते या आते समय मुझे दुबई रूकना ही होता है| गत वर्ष वहॉं विदेश नीति पर इतने व्याख्यान हुए और अखबारों ने उन्हें इतने अच्छे ढंग से छापा कि संयुक्त अरब अमारात (अमीरात नहीं) में अब मित्रों की कमी नहीं है| इस छोटे-से देश में कई हफ्ते रहना हो तो भी दिन-रात व्यस्तता बनी रहती है| अमारात … [Read more...] about फिर लौटे भारत