राष्ट्रीय सहारा, 22 जनवरी 2006 : भारत के सिर पर बोफोर्स का भूत कब तक नाचता रहेगा? क्या इसे दफन करने का वक्त नहीं आ गया है? जिस भूत ने राजीव सरकार और नेहरू परिवार की प्रतिष्ठा को दफन कर दिया, जिसने वी.पी. सिंह, देवगौड़ा, गुजराल और अटल सरकार को निकम्मा सिद्घ कर दिया, जिसने नरसिंहराव सरकार के विदेश मंत्री को लील लिया, जिसने भारत की सी.बी.आई. की इज्जत दो कौड़ी कर दी, जिसने अदालती … [Read more...] about यह है बोफोर्स को दफन करने का समय
Archives for 2006
विश्व हिंदी : मजबूरी नहीं, चुनौती
राष्ट्रीय सहारा, 22 जनवरी 2006 : हर 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाएगा, यह घोषणा सरकार ने इतनी दबी जुबान से की है कि बहुत से हिंदी अखबारों को ही कुछ पता नहीं चला है हैदराबाद के प्रवासी सम्मेलन के दौरान सरकार को याद आया कि पहला विश्व हिंदी सम्मेलन नागपुर में 10 जनवरी 1975 को आयोजित किया गया था| इस घोषणा को खुद सरकार ने कितना महत्व दिया है, वह इसी से साबित हो जाता है कि … [Read more...] about विश्व हिंदी : मजबूरी नहीं, चुनौती
यह है बोफोर्स को दफन करने का समय
राष्ट्रीय सहारा, 22 जनवरी 2006 : भारत के सिर पर बोफोर्स का भूत कब तक नाचता रहेगा? क्या इसे दफन करने का वक्त नहीं आ गया है? जिस भूत ने राजीव सरकार और नेहरू परिवार की प्रतिष्ठा को दफन कर दिया, जिसने वी.पी. सिंह, देवगौड़ा, गुजराल और अटल सरकार को निकम्मा सिद्घ कर दिया, जिसने नरसिंहराव सरकार के विदेश मंत्री को लील लिया, जिसने भारत की सी.बी.आई. की इज्जत दो कौड़ी कर दी, जिसने अदालती … [Read more...] about यह है बोफोर्स को दफन करने का समय
कर्नाटक में दोहरा तख्ता-पलट
दैनिक भास्कर, 21 जनवरी 2006 : कर्नाटक से बढ़कर बुरी खबर काँग्रेस के लिए क्या हो सकती थी? वोल्कर रिपोर्ट और क्वात्रेची-प्रसंग के बादलों ने काँग्रेस की मलिका को पहले से घेर रखा था और अब कर्नाटक में वज्रपात हो गया| काँग्रेस को पता था कि देवगौड़ा उसकी सरकार गिराने पर आमादा हैं और वह इस धक्के को सहने के लिए तैयार भी हो गई थी| वह जानती थी कि यदि विधानसभा भंग हुई तो चुनाव में उसकी … [Read more...] about कर्नाटक में दोहरा तख्ता-पलट
चंग पर चढ़ा ईरान और बेबस अमेरिका
दैनिक भास्कर, 12 जनवरी 2006 : ईरान ने अपनी परमाणु भट्टी दुबारा सुलगा ली है| उसने 30 माह पहले यूरोपीय देशों के आग्रह पर अपना यूरेनियम संवर्द्घन का कार्यक्रम बंद कर दिया था| उसका कहना है कि उसने अपनी मर्जी से यह कार्यक्रम बंद किया था और अब अपनी मर्जी से उसे वह चालू कर रहा है| वह किसी से भी कोई अनुमति क्यों ले? क्या वह संप्रभु राष्ट्र नहीं है? क्या अपनी नीति वह स्वयं निर्धारित … [Read more...] about चंग पर चढ़ा ईरान और बेबस अमेरिका
चंग पर चढ़ा ईरान और बेबस अमेरिका
दैनिक भास्कर, 12 जनवरी 2006 : ईरान ने अपनी परमाणु भट्टी दुबारा सुलगा ली है| उसने 30 माह पहले यूरोपीय देशों के आग्रह पर अपना यूरेनियम संवर्द्घन का कार्यक्रम बंद कर दिया था| उसका कहना है कि उसने अपनी मर्जी से यह कार्यक्रम बंद किया था और अब अपनी मर्जी से उसे वह चालू कर रहा है| वह किसी से भी कोई अनुमति क्यों ले? क्या वह संप्रभु राष्ट्र नहीं है? क्या अपनी नीति वह स्वयं निर्धारित … [Read more...] about चंग पर चढ़ा ईरान और बेबस अमेरिका
रामदेव नहीं, भारत पर हमला
नवभारत टाइम्स, 12 जनवरी 2006 : वृंदा कारत ने किसका भला किया? न खुद का, न मजदूरों का, न देश का, न आयुर्वेद का, न मार्क्सवादी पार्टी का! हर दृष्टि से उनका अभियान गलत साबित हो रहा है| वृंदाजी ने पहले इतने सही मुद्दों पर लड़ाइयाँ लड़ी हैं कि जब उन्होंने स्वामी रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोला तो किसी को भी उसमें से दुराशय की आहट तक नहीं मिली| सबने यही समझा कि दिव्य योग फार्मेसी के … [Read more...] about रामदेव नहीं, भारत पर हमला
रामदेव नहीं, भारत पर हमला
नवभारत टाइम्स, 12 जनवरी 2006 : वृंदा कारत ने किसका भला किया? न खुद का, न मजदूरों का, न देश का, न आयुर्वेद का, न मार्क्सवादी पार्टी का! हर दृष्टि से उनका अभियान गलत साबित हो रहा है| वृंदाजी ने पहले इतने सही मुद्दों पर लड़ाइयाँ लड़ी हैं कि जब उन्होंने स्वामी रामदेव के खिलाफ मोर्चा खोला तो किसी को भी उसमें से दुराशय की आहट तक नहीं मिली| सबने यही समझा कि दिव्य योग फार्मेसी के … [Read more...] about रामदेव नहीं, भारत पर हमला
नेपाल : दुविधा नहीं, दायित्व निभाए
राष्ट्रीय सहारा, 6 जनवरी 2006 : नेपाल के माओवादियों ने फिर पुरानी राह पकड़ ली है| चार माह से चले आ रहे संघर्ष-विराम को उन्होंने समाप्त घोषित कर दिया है| उन्होंने न तो संयुक्तराष्ट्र, न नेपाल के राजनीतिक दलों और न ही भारत सरकार के अनुरोध को स्वीकार किया| वे अब मनमानी पर उतर आए हैं| यह अकारण नहीं है| इसके कई कारण हैं| पहला तो यह कि संघर्ष-विराम को माओवादी एकतरफा पा रहे थे| … [Read more...] about नेपाल : दुविधा नहीं, दायित्व निभाए
ग्यारह निकाले गए, अब आगे क्या
नवभारत टाइम्स, 02 जनवरी 2006 : कोई संसद अपने 11 सदस्यों को एक साथ निकाल बाहर करे, ऐसा पहले कभी देखा-सुना नहीं गया| निकालने में जो फुर्ती दिखाई गई, वह भी अपूर्व थी| अगर अदालत को मौका मिल जाता तो अंजाम शायद झारखंड रिश्वत कांड से भी बुरा हो सकता था| उस मामले में तो बाक़ायदा रिश्वत दी गई थी और रिश्वत लेकर सांसदों ने मतदान किया था| यहाँ तो अपराध नहीं, अपराध का नाटक हुआ था| स्टिंग … [Read more...] about ग्यारह निकाले गए, अब आगे क्या