नया इंडिया, 11 नवंबर 2013 : अमेरिका-जैसा महाशक्ति राष्ट्र भी कैसे अपनी कौड़ी पलटता है,यह देखने लायक है। भारत के कुछ वामपंथी और प्रचारप्रिय बुद्धिजीवियों के जोर देने पर अमेरिकी सरकार ने नरेन्द्र मोदी के अमेरिका प्रवेश पर रोक की घोषणा कर दी थी। सन् 2005 के बाद अमेरिका में बसे भारतीयों ने कई सम्मेलन किए,जिसमें मोदी मुख्य अतिथि थे,लेकिन उसमें वे भाग नही ले सके थे,क्योकि अमेरिकी … [Read more...] about अमेरिका का कौड़ी-पलट
Archives for November 2013
दलाली की परम्परा गहरी!
नया इंडिया, 15 नवंबर 2013 : आजकल आत्मकथाएं इतनी छप रही हैं और उनमें ऐसी-ऐसी बातें लिखी जा रही हैं कि उन पर विश्वास करें या न करें। एक अफसर ने लिखा है कि नेहरु ने पटेल को ‘घोर सांप्रदायिक’ कहा और मेरे सामने कहा। इस कथन को पुष्ट करने के लिए न तो नेहरु हमारे साथ हैं और न ही पटेल! इसी तरह अभी एक अन्य आत्मकथा प्रकाशित हुई है, एक पुराने सीबीआई के निदेशक की! डा. ए.पी. मुखर्जी की इस … [Read more...] about दलाली की परम्परा गहरी!
जनता के मूड की समझ!
नया इंडिया, 10 नवंबर 2013 : कांग्रेस के नेता जनता के मूड को समझ रहे हैं या नहीं? महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और कांग्रेस के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार राहुल गांधी की सभाओं में जिस तरह हंगामा हुआ, वह किस बात का सूचक है? इन नेताओं की सभाओं में सुरक्षा का कड़ा इंतजाम होता है और इनमें उनके अनुयायियों की संख्या सैकड़ों-हजारों में होती है। हंगामा करने वालों का पता होता … [Read more...] about जनता के मूड की समझ!
अब न तो नेहरू चाहिए, न ही पटेल
दैनिक भास्कर, 9 नवंबर 2013 : कांग्रेस और भाजपा, दोनों ही पार्टियां आजकल एक छद्म-युद्ध में उलझी हुई हैं। इस वाक्युद्ध का मुद्दा है, ‘जवाहरलाल नेहरू बनाम सरदार वल्लभभाई पटेल! कांग्रेस इन दोनों नेताओं पर अपना कब्जा दिखाना चाहती है और भाजपा सरदार पटेल को नेहरू के मुकाबले बड़ा बताना चाहती है। पटेल गुजराती थे और नरेंद्र मोदी भी! यदि पटेल को बड़ा बनाया जाए तो उसका सीधा फायदा मोदी को … [Read more...] about अब न तो नेहरू चाहिए, न ही पटेल
मनमोहन का विदाई-संदेश
नया इंडिया, 9 नवंबर 2013 : दुनिया भर में हमारे जितने भी राजदूत हैं, उनका एक सम्मेलन दिल्ली में हर साल होता है। इस सम्मेलन में डा. मनमोहन सिंह को बोलने का मौका आखिरी बार मिला है। उन्होंने सोचा कि इस बार क्यों चूके? विदेश नीति के इतिहास में अपना नाम दर्ज क्यों न करवा दिया जाए? एक बार प्रधानमंत्री पद से गए कि फिर कहीं के नहीं रहेंगे। सो उन्होंने मौके का फायदा उठाया। उन्होंने कहा … [Read more...] about मनमोहन का विदाई-संदेश
दो मंत्रियों की दास्तान
नया इंडिया, 08 नवंबर 2013 : दो मंत्रियों की मजे़दार दास्तान सामने आई हैं। एक हैं, उत्तरप्रदेश के मंत्री आजम खान और दूसरे हैं, रेल्वे मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे! कोई आदमी मंत्री बन जाए तो क्या उसके सुरखाब के पर लग जाते हैं? किसी और लोकतंत्र में लगें या न लगें, भारत में तो लग ही जाते हैं। मंत्री की शपथ लेते ही आदमी समझता है कि वह अतिमानव बन गया है। इसमें उसकी गल्ती जितनी है, उससे … [Read more...] about दो मंत्रियों की दास्तान
देश में बढ़ता मोदी-मोह
नया इंडिया, 06 नवंबर 2013 : लता मंगेशकर ने नरेंद्र मोदी के बारे में जो कहा, उससे कांग्रेसी खेमे में खलबली मचना स्वाभाविक है। लताजी राजनीतिक मामलों में कभी कुछ बोलती नहीं हैं। इसीलिए उनका यह बोलना कि नरेंद्र मोदी को वे अपना भाई मानती हैं और वे कामना करती हैं कि वे प्रधानमंत्री बनें, कांग्रसी खेमे में भूकंप के झटके की तरह महसूस किया गया। यह बिल्कुल सच है कि लताजी के बयान में से … [Read more...] about देश में बढ़ता मोदी-मोह
अंधेर नगरी और चौपट राजा
नया इंडिया, 1 नवंबर 2013 : ‘अंधेर नगरी और चौपट राजा’ की कहावत आजकल किस देश पर लागू होती है? भारत पर! कैसे? शास्त्रों में कहा है, ऐसा देश जहां अपूज्यों की पूजा और पूज्यों की अपूजा होती है, वहां मानिए कि सब कुछ चौपट हो रहा है। आज की सरकार के राज में यही हो रहा है। उन्नाव के डोंडियाखेड़ा में एक साधु को सपना क्या आया, 1000 टन सोना खोदने के लिए हमारी सरकार पागल हो उठी। सिर्फ केन्द्र … [Read more...] about अंधेर नगरी और चौपट राजा