नया इंडिया, 30 सितंबर 2014: न्यूयार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो भाषण दिए, एक तो संयुक्तराष्ट्र महासभा में और दूसरा मेडिसन चौराहे पर, इसमें उन्होंने भारत के राष्ट्रहितों को काफी बल प्रदान किया है। दोनों भाषण हिंदी में देकर मोदी ने यह सिद्ध किया कि वे परदेस के मुकाबले देश को ही प्राथमिकता देते हैं। जो राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री विदेश जाकर अंग्रेजी में बोलते हैं, देश का … [Read more...] about मोदी के दो प्रेरक भाषण
Archives for September 2014
‘कोर इश्यू’ या ‘बोर इश्यू’?
नया इंडिया, 29 सितंबर 2014: संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दे उठाए लेकिन भारतीय अखबारों और चैनलों ने सबसे ज्यादा उनके पाकिस्तान संबंधी बयान को उछाला| वह बयान सिर्फ दो-ढाई मिनट का था, लेकिन उसके इतने उछलने की वजह क्या थी? सिर्फ एक थी| मोदी के एक दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मियां नवाज़ शरीफ महासभा में बोले थे और उन्होंने वहां राग कश्मीर छेड़ा … [Read more...] about ‘कोर इश्यू’ या ‘बोर इश्यू’?
मोदी तय करें भारत-अमेरिकी राह
दैनिक भास्कर, 27 सितंबर 2014: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली अमेरिका-यात्रा प्रारंभ हो गई है। यह यात्रा इस अर्थ में असाधारण है कि जिस मोदी को सालभर पहले तक अमेरिका वीजा देने को तैयार नहीं था, उसी मोदी की अगवानी में अमेरिकी राष्ट्रपति पलक-पांवड़े बिछाए हुए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए सितंबर-अक्टूबर का महीना ऐसा होता है, जिसमें वे विदेशी राष्ट्रपतियों और प्रधानमंत्रियों से … [Read more...] about मोदी तय करें भारत-अमेरिकी राह
महाराष्ट्र और हरियाणा के संकेत
नया इंडिया, 27 सितंबर 2014: महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनावों के परिणाम क्या होंगे और उनका असर इन प्रदेशों और देश की राजनीति पर क्या होगा? इन दोनों प्रदेशों में चुनाव अगले माह होंगे। लोकसभा चुनावों के बाद ये पहले प्रांतीय चुनाव होंगे। ये उप-चुनाव नहीं हैं। उप-चुनावों में तो भाजपा का बाजा बज गया लेकिन यह कोई बड़ी बात नहीं है। यदि इन दोनों प्रांतीय चुनावों में भी वही होता है, जो … [Read more...] about महाराष्ट्र और हरियाणा के संकेत
अमेरिका तो जाएंगे लेकिन करेंगे क्या?
नया इंडिया, 25 सितंबर 2014 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा सिर्फ इसलिए भी महत्वपूर्ण कही जा सकती है कि यह वही अमेरिका है, जिसने 12 साल पहले मोदी को अंतरराष्ट्रीय अछूत बनाने की कोशिश की थी। अब वही अमेरिका मोदी की अगवानी के लिए पलक-पांवड़े बिछाए हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा उनसे न केवल संयुक्त राष्ट्र अधिवेशन के दौरान न्यूयार्क में मिलेंगे, बल्कि वाशिंगटन … [Read more...] about अमेरिका तो जाएंगे लेकिन करेंगे क्या?
मोदी की विदेश नीति पर ग्रहण?
नया इंडिया, 24 सितंबर 2014 : मोदी सरकार की विदेश नीति अधर में लटकती दिखाई पड़ रही है। वह इतनी जल्दी मोहभंग को प्राप्त होगी, इसका अंदाजा नहीं था। भारत-जापान संबंधों में तो कभी कोई गंभीर बाधा नहीं थी। सो, उनको आगे बढ़ाना भी सहज सिद्ध हुआ। लेकिन जिन संबंधों में कुछ अटक थी, असली परीक्षा तो वहीं है। उन्हें हम आगे बढ़ा पा रहे हैं या नहीं? जिस शी चिनफिंग की यात्रा पर हमारी सरकार महिने … [Read more...] about मोदी की विदेश नीति पर ग्रहण?
काबुल से खुश-खबर
नया इंडिया, 23 सितंबर 2014: अफगानिस्तान से आने वाली यह खबर बहुत अच्छी है कि डॉ. अशरफ गनी और डॉ. अब्दुल्ला के बीच समझौता हो गया है। चार माह पहले हुए राष्ट्रपति के चुनाव-परिणाम का भी फैसला हो गया है। फैसला यह हुआ है कि गनी तो राष्ट्रपति होंगे लेकिन अब एक प्रधानमंत्री की तरह मंत्री-प्रमुख भी होगा। उसका निर्णय अब्दुल्ला करेंगे। वे चाहें तो स्वयं भी बन सकते हैं या अपने किसी … [Read more...] about काबुल से खुश-खबर
झूला कूटनीति पर आपत्ति
नया इंडिया, 20 सितंबर 2014: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिन फिंग का अहमदाबाद में जो भाव-भीना स्वागत किया, उससे कुछ लोग चिढ़े हुए हैं। उनका चिढ़ना स्वाभाविक है। वे लोग न तो अन्तरराष्ट्रीय राजनीति के जानकार हैं और न ही सोचने-विचारने वाले लोग हैं। वे पूछे रहे हैं कि उधर लद्दाख में चीनी सैनिक हमारी सीमा में घुसे जा रहे हैं और हमारा प्रधानमंत्री है कि चीनी … [Read more...] about झूला कूटनीति पर आपत्ति
बहुरुपिए चीन की पैंतरेबाजी
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत-यात्रा कैसी रही, इसका जवाब मैं यह देता हूं कि वह भारत-यात्रा नहीं, दक्षिण एशिया-यात्रा थी। इसमें पाकिस्तान, मालदीव और श्रीलंका पहले थे और भारत सबसे बाद में था। शी पाकिस्तान इसलिए नहीं जा पाए कि वहां जन-आंदोलन ने काफी अव्यवस्था फैला रखी थी। नेपाल और बांग्लादेश में भी आंतरिक समस्याएं हैं, वरना चीनी राष्ट्रपति लगे हाथ इन देशों में भी हो आते … [Read more...] about बहुरुपिए चीन की पैंतरेबाजी
भारत चुप क्यों रहे?
नया इंडिया, 19 सितंबर 2014 : चीनी राष्ट्रपति भारत पहुंचने के पहले मालदीव और श्रीलंका गए। मालदीव और श्रीलंका दोनों भारत के पड़ौसी राष्ट्र हैं। दोनों संप्रभु और स्वतंत्र राष्ट्र हैं। दोनों को अधिकार है कि वे अपने यहां जिसको चाहें, बुलाएं और हर राष्ट्र को अधिकार है कि वह उनके यहां जाए। इन पड़ौसी राष्ट्रों को इस मामले में भारत से अनुमति लेने की जरुरत नहीं है। लेकिन प्रश्न यह है कि जब … [Read more...] about भारत चुप क्यों रहे?