R Sahara, 25 March 2005 : विनोबा भावे की प्रेरणा से 1975 में नागरी लिपि परिषद् की स्थापना हुई थी| 1974 में विनोबाजी ने वर्धा में देश के चुने हुए हिंदीप्रेमियों का सम्मेलन किया था, उसमें जैनेद्रजी, भवानी बाबू, श्री मन्नारायणनजी, प्रो. शेरसिंह, शंकरदयालसिंहजी आदि अनेक सज्जन थे| उनमें सबसे छोटा मैं ही था| परिषद् को बने तीस साल हो गए, इसके ज्यादातर संस्थापक सदस्य दिवंगत हो गए लेकिन … [Read more...] about नागरी आंदोलन चलाऍं
Archives for March 2005
मुशर्रफ के तीसरे भाई
R Sahara, 19 March 2005 : जनरल परवेज़ मुशर्रफ की माताजी ज़रीन और भाई जावेद आजकल भारत आए हुए हैं| अखबारों के मुखपृष्ठ उनकी खबरों से भरे हुए हैं| उनके आने के पहले अखबारों में खबर छपी थी कि डॉ. नावीद याने जनरल मुशर्रफ के सबसे छोटे भाई आ रहे हैं| डॉ. नावीद मुशर्रफ शिकागो के पॉश मोहल्ले ओकबु्रक में रहते हैं| मैंने उनके फोन पर संदेश छोड़ दिया| कल सुबह उनका फोन आया और लगभग 40 मिनिट … [Read more...] about मुशर्रफ के तीसरे भाई
चटर्जी को गुस्सा क्यों आता है
Nav Bharat Times, 17 March 2005 : लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को गुस्सा क्यों आया? शायद इसीलिए कि वे विधानपालिका की प्रतिष्ठा के सबसे बड़े रक्षक हैं| उन्हें लगा कि झारखंड के बारे में उच्चतम न्यायालय ने जो आदेश जारी किया है, वह संसद और विधानसभा के काम-काज में सीधा हस्तक्षेप है| लक्ष्मण-रेखा का उल्लंघन है| उन्होंने इस उल्लंघन का सामना करने के लिए सभी दलों को बुलाया लेकिन अब वे … [Read more...] about चटर्जी को गुस्सा क्यों आता है
भाण्डाफोड़ पत्रकारिता
Dainik Bhaskar, 17 March 2005: भाण्डाफोड़ पत्रकारिता को एकदम रद्द कैसे किया जाए? उसे निन्दनीय क्यों माना जाए? सत्य का उद्रघाटन जो भी करे, जैसे भी करे, उसका तो स्वागत ही होना चाहिए| नए-नए यंत्रों ने इस प्रक्रिया को बहुत ही सरल बना दिया है| टेप रिकार्डर, माइक्रोचिप, गुप्त केमरे आदि की सहायता से पहले सत्य को हस्तगत करें और फिर उसे टी वी के पर्दे पर चढ़ाकर करोड़ों ऑंखों को परोस दें … [Read more...] about भाण्डाफोड़ पत्रकारिता
आर्यसमाज पर कब्जा
Nai Vidha, Neemech, 15 March 2005 : आर्यसमाज की स्थापना लगभग सवा सौ साल पहले हुई थी| महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित इस संस्था ने भारतीय समाज और स्वाधीनता संग्राम के लिए जितना बड़ा योगदान किया है, शायद किसी भी गैर-राजनीतिक संस्था ने नहीं किया है लेकिन इस संस्था को भी राजनीति के रोग ने पकड़ लिया है| सारे विश्व में फैले लगभग 10 हजार आर्य समाजों की शिरोमणि संस्था है, … [Read more...] about आर्यसमाज पर कब्जा
आपात्काल की आहट
Nav Bharat Tims, 11 March 2005 : जैसा झटका आपात्काल ने इंदिरा गॉंधी की प्रतिष्ठा को दिया था, लगभग वैसा ही अब सोनिया को लगा है| पिछले दिनों गोवा और झारखंड में जो कुछ हुआ, वह आपात्काल के मुकाबले काफी मामूली घटना है और मूलत: प्रादेशिक मामला है लेकिन उसका असर सारे देश में हो रहा है| यह अपेक्षाकृत मामूली और सीमित घटना लोगों पर इतना गंभीर असर क्यों डाल रही है? इसका कारण भी स्वयं … [Read more...] about आपात्काल की आहट
आपात्काल की आहट
Nav Bharat Tims, 11 March 2005 : जैसा झटका आपात्काल ने इंदिरा गॉंधी की प्रतिष्ठा को दिया था, लगभग वैसा ही अब सोनिया को लगा है| पिछले दिनों गोवा और झारखंड में जो कुछ हुआ, वह आपात्काल के मुकाबले काफी मामूली घटना है और मूलत: प्रादेशिक मामला है लेकिन उसका असर सारे देश में हो रहा है| यह अपेक्षाकृत मामूली और सीमित घटना लोगों पर इतना गंभीर असर क्यों डाल रही है? इसका कारण भी स्वयं … [Read more...] about आपात्काल की आहट
बुश और पूतिन के साझे-स्वार्थ
Nav Bharat Times, 3 March 2005 : पिछले हफ्ते ब्रातिस्लावा में हुई जॉर्ज बुश और व्लादिमीर पूतिन की मुलाकात यदि असफल हो जाती तो अन्तरराष्ट्रीय राजनीति में काफी खलल पैदा हो सकता था| उसका असर सिर्फ मध्य एशिया के पुराने सोवियत गणतंत्रों पर ही नहीं पड़ता, ईरान, अफगानिस्तान, एराक़ और फलस्तीन जैसे मुद्दे भी प्रभावित होते| भारत, चीन और रूस के नए गठजोड़ की अफवाहें फैलने लगतीं और यूरोप … [Read more...] about बुश और पूतिन के साझे-स्वार्थ
दक्षेस के तीन त्रिभुज
Nai Dunia, 9 March 2005 : ‘दक्षेस’ को बने 20 साल हो गए लेकिन अब तक उसके केवल 12 शिखर सम्मेलन ही हुए| 8 नहीं हुए| क्यों नहीं हुए? उन्हें प्रतिवर्ष होना ही चाहिए था, क्योंकि दक्षेस के घोषणा-पत्र में वैसा लिखा गया है| ऐसा नहीं है कि जब-जब भी शिखर सम्मेलन स्थगित हुआ, उसके पहले तूफान या भूकम्प ही आया हो| ऐसा भी हुआ है कि किसी देश में अचानक तख्ता-पलट हो गया, किसी देश में राज-परिवार … [Read more...] about दक्षेस के तीन त्रिभुज
अमेरिका में नया विचार
R Sahara, 5 March 2005: मज़हब के नज़रिए से देखें तो अमेरिका ईसाई राष्ट्र है| यह पुराना विचार है| आजकल वहॉं एक ‘नया विचार आंदोलन’ जोर पकड़ रहा है| यह नया विचार क्या है? संक्षेप में कहना चाहें तो कह सकते हैं कि यह ईसाइयत के गढ़ में बगावत का झंडा है| अमेरिका के 30 करोड़ लोगों में से लगभग चार-पॉंच करोड़ लोग इस नई धारा में बह रहे हैं| ये लोग अपने संगठनों के नाम ‘युनिटी चर्च’ या … [Read more...] about अमेरिका में नया विचार