नया इंडिया, 31 दिसंबर 2013 : नरेंद्र मोदी ने अपने ब्लाग में 2002 के रक्तपात पर जो पश्चाताप व्यक्त किया है, उसे ‘मगर के आंसू’ कहना कहां तक ठीक है? कहावत का मगर आंसू तो बहाता है लेकिन वह मछलियों को निगलना बंद नहीं करता लेकिन 2002 के रक्तपात के बाद क्या गुजरात में कोई ऐसी घटना घटी है, जिसकी तुलना हम गोधरा या गुलबर्ग से कर सकें? लगता है कि गुजरात से मानो सांप्रदायिक हिंसा सदा के … [Read more...] about मोदी का पश्चाताप: मगर के आंसू?
Archives for December 2013
एक चाबी भरे गुड्डे का नाच
नया इंडिया, 29 दिसंबर 2013 : ऐसा लगता है कि कांग्रेस सरकार की दुर्दशा के बारे में जो कुछ लिखा-पढ़ा जा रहा है उसे राहुल गांधी के सलाहकार ठीक से हृदयंगम कर पर रहे हैं। राहुल गांधी खुद सारे अखबार पढ़ें और उनमें लिखी बातों को समझ सकें, ऐसी क्षमता का परिचय उन्होंने नहीं दिया है लेकिन उनके सलाहकारों को बधाई कि आजकल वे ठीक किस्म की चाबी भर रहे हैं। राहुल अगर इसी तरह अपनी केंद्र और … [Read more...] about एक चाबी भरे गुड्डे का नाच
मोदी की पगड़ी में सुरखाब का पंख
दैनिक भास्कर, 28 दिसंबर 2013: नरेंद्र मोदी की पगड़ी में सुरखाब का एक पंख और लग गया है। अभी उनके दाहिने हाथ अमित शाह बरी हुए ही थे कि अब उन पर लगे आरोपों को अहमदाबाद की मेट्रोपॉलिटन अदालत ने भी रद्द कर दिया। दूसरे शब्दों में गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी निर्दोष हैं, उन्होंने 2002 में गुलबर्ग सोसायटी में हत्या नहीं करवाईं और उन्होंने दंगे रोकने में लापरवाही नहीं की, इस बात पर अब … [Read more...] about मोदी की पगड़ी में सुरखाब का पंख
भारत-पाक संवाद: नई आशा
नया इंडिया, 26 दिसंबर 2013: भारत और पाकिस्तान के सैन्य महानिदेशकों की बैठक से कुछ आशा बंधने लगी है। दोनों पड़ौसी देशों के संबंधों में इधर जो ठंडापन पैदा हो गया था, उसमें गर्माहट आती-सी लग रही है। पाकिस्तान में मियां नवाज शरीफ की नई सरकार ने भारत से संबंध सुधारने की कई घोषणाएं की थीं लेकिन एक तो संयुक्त राष्ट्र में नवाज ने जो भाषण कश्मीर के बारे में दिया और दूसरा कब्जाए हुए … [Read more...] about भारत-पाक संवाद: नई आशा
सैफई महोत्सव का उदघाटन वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने किया
26 दिसंबर 2013: ऐतिहासिक सैफई महोत्सव का रंगारंग आगाज गुरुवार से हो गया है। सपा मुखिया मुलायम सिंह, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व अभिनेत्री और सांसद जया बच्चन की मौजूदगी में 2100 स्कूली बच्चों के ‘एक सुर एक ताल’ कार्यक्रम से शुरू हुआ और इस कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि और वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने किया था। यह कार्यक्रम 8 जनवरी तक चलेगा। समारोह के मुख्य अतिथि और … [Read more...] about सैफई महोत्सव का उदघाटन वरिष्ठ पत्रकार डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने किया
असाधारण प्रधानमंत्री थे अटलजी
नया इंडिया, 25 दिसंबर 2013 : भारत में पिछले 66 साल में दर्जन भर से ज्यादा प्रधानमंत्री हो गए लेकिन मेरी राय में सिर्फ चार प्रधानमंत्री अभी तक ऐसे हुए हैं, जिन्हें देश लंबे समय तक याद करेगा। ये हैं – जवाहरलाल नेहरु, इंदिरा गांधी, पीवी नरसिंहराव और अटलबिहारी वाजपेयी! इन चारों प्रधानमंत्रियों ने अपनी पूर्ण अवधि तक राज किया और भारत के इतिहास-पटल पर ऐसी गहरी लकीरें खींच दी हैं कि … [Read more...] about असाधारण प्रधानमंत्री थे अटलजी
भिश्ती बादशाह की ताजपोषी!
नया इंडिया, 25 दिसंबर 2013: दिल्ली में जो नाटक हो रहा है, वह अभूतपूर्व है। ‘आप’ के नेता अरविंद केजरीवाल ऐसी परिस्थितियों में मुख्यमंत्री बनने को तैयार हो गए हैं, जैसी भारत में पहले किसी प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के सामने नहीं थी। प्रयोगों में पहले भी दो-चार दिनवाले मुख्यमंत्री हुए हैं लेकिन उनके बनने और हटने के कारण काफी अलग थे। दिल्ली का मामला सबसे अजूबा है। जिस पार्टी को हम … [Read more...] about भिश्ती बादशाह की ताजपोषी!
पूंछ अब शेर को हिला रही है!
नया इंडिया, 21 दिसंबर 2013 : आम आदमी पार्टी के तथाकथित नेताओं को कांग्रेस ने बुद्धू बना दिया है। शेर पूंछ को हिलाता, इसके बजाय अब पूंछ शेर को हिला रही है। कहां 8 और कहां 28? लेकिन 8 सदस्यों वाली कांग्रेस ‘आप’ पार्टी को नाच नचा रही है। उप-राज्यपाल उसे छूट पर छूट दिए जा रहे हैं। दो हफ्ते पूरे होने वाले हैं लेकिन दिल्ली में कोई सरकार नहीं है। शून्य है। राज्यपाल कह रहे हैं, आप … [Read more...] about पूंछ अब शेर को हिला रही है!
अ-नेताओं ने गाए अ-मुद्दे
नया इंडिया, 20 दिसंबर 2013: कांग्रेस संसदीय दल को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने जो कुछ कहा, क्या उसे सुनकर किसी कांग्रेसी सांसद को संतोष हुआ होगा? उसके घावों पर मरहम लगा होगा? जितने सांसद वहां बैठे हुए थे, उनमें से तीन-चैथाई को पता है कि वे अगली संसद का मुंह नहीं देख पाएंगें लेकिन वे बेचारे क्या करें? मुंह पर पट्टी बांधकर बैठे रहना उनकी मजबूरी है। उनमें से … [Read more...] about अ-नेताओं ने गाए अ-मुद्दे
दब्बू नेता और इतनी हिम्मत?
नया इंडिया, 19 दिसंबर 2013 : हमारी बाबुओं की सरकार में इतनी हिम्मत अचानक कहां से आ गई? उसने बुलडोजर भेज दिए और चाणक्यपुरी के अमेरिकी दूतावास के आस-पास लगी सीमेंट की बाड़ गिरा दी। उसने अमेरिकी वाणिज्य-दूतावास के अधिकारियों के वे ‘पास’ भी वापस मंगा लिए, जिन्हें दिखाकर वे हवाई अड्डों पर विशेष सुविधाओं के हकदार बन जाते थे। इससे भी बड़ी बात यह कि अमेरिकी दूतावास में काम कर रहे स्थानीय … [Read more...] about दब्बू नेता और इतनी हिम्मत?