नया इंडिया, 10 फरवरी 2014: आम आदमी पार्टी की सरकार आजकल जिस तरह काम कर रही है, उससे यह लगता है कि उसकी सुई अटक गई है। वह अभी भूतकाल में जी रही है। उसने अभी तक अपने आप को सत्तारुढ़ दल की तरह बदला ही नहीं है। इसका अर्थ यह नहीं कि वह भारत के अन्य दलों की तरह लुंज-पुंज हो जाए या भ्रष्टाचार करे या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करे। लेकिन अभी तक उसे यह भान ही नहीं हुआ है कि अब वह शुद्ध … [Read more...] about ‘आप’ की रामलीला
Archives for February 2014
मोहन भागवत पर बेतुका विवाद?
नया इंडिया, 08 फरवरी 2014 : एक अंग्रेजी पत्रिका में छपी भेंट-वार्ता के आधार पर कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवन ने असीमानंद को आतंकवाद फैलाने का आशीर्वाद दिया था। इस पत्रिका का दावा है कि उसके एक संवाददाता ने जेल में स्वामी असीमानंद से कई बार भेंट-वार्ताएं की थीं और उसके पास असीमानंद का टेप है, जिसमें उन्होंने उक्त बात कही थी। पहली बात तो यह कि किसी … [Read more...] about मोहन भागवत पर बेतुका विवाद?
तीसरा मोर्चाः सम्राट बनने का सपना
नया इंडिया, 07 फरवरी 2014: ग्यारह पार्टियों ने मिलकर संसद में एकजुट होना तय किया है। क्या खूब? एकजुट होना भी तय किया तो किस वक्त? जब संसद खुद ही पूरी होने वाली है। अब संसद कितने दिन चलेगी? संसद का यह आखिरी सत्र 15दिन से ज्यादा चलने वाला नहीं है। यह पंद्रह दिन की एकजुटता क्या तीसरा मोर्चा तैयार करवा सकेगी? अगले 15 दिन में ये 11 दल किस मुद्दे पर एक हो रहे हैं? उनके सामने फिलहाल … [Read more...] about तीसरा मोर्चाः सम्राट बनने का सपना
आरक्षण: जय हो जनार्दन!
नया इंडिया, 06 फरवरी 2014: लगता है, कांग्रेस के महामंत्री जनार्दन द्विवेदी की कुंडलिनी जागृत हो गई है। इस उम्र में आकर अब उन्हें सच बोलने की हिम्मत आ गई है। कहते हैं कि ‘इश्के-बुतां में जिंदगी गुजर गई मोमिन! अब आखिरी वक्त क्या खाक मुसलमां होंगे?’ लेकिन वे अब ईमान की बात बोल रहे हैं तो उनका स्वागत होना चाहिए। जब वे नौजवान थे तो अक्सर डॉ. राममनोहर लोहिया और राजनारायणजी के घर पर … [Read more...] about आरक्षण: जय हो जनार्दन!
कौन हैं, महामहिम: सेवक बन गए मालिक
नया इंडिया, 05 फरवरी 2014: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश कभी-कभी कमाल कर देते हैं। उनकी मामूली-सी टिप्पणी देश की मनोदशा बदलने के लिए काफी होती है। हाल ही में बड़े लोगों की कार पर लालबत्ती का मामला दुबारा अदालत के सामने आया। सरकारी वकील ने अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए महामाननीय (हाई डिग्निटरीज़) लोगों का जिक्र किया तो न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा ने पूछा, कौन है, इस देश में महामाननीय? … [Read more...] about कौन हैं, महामहिम: सेवक बन गए मालिक
इटली: दर्द और दवा, दोनों तुम्हारे!
नया इंडिया, 04 फरवरी 2014: अभी तक इटली की अदालतों को सिर्फ ये प्रमाण मिले हैं कि भारतीय नेताओं, अफसरों और उनके रिश्तेदारों को 360 करोड़ रु की रिश्वत दी गई है। अभी तक देश के किसी बड़े नेता का नाम साफ तौर पर सामने नहीं आया था। अब जो ताजा दस्तावेज इटली की सरकार ने पकड़े हैं, उनमें सोनिया गांधी, मनमोहनसिंह, प्रणब मुखर्जी, वीरप्पा मोइली, अहमद पटेल आदि के नाम प्रकट हुए हैं। इतालवी अदालत … [Read more...] about इटली: दर्द और दवा, दोनों तुम्हारे!
ज़हर की खेती: काट करे कोई?
नया इंडिया, 03 फरवरी 2014: सोनिया गांधी ने कुछ सबक नहीं सीखा। 2007 में नरेंद्र मोदी के लिए ‘मौत का सौदागर’ शब्द का प्रयोग उन्होंने कर दिया था। गुजरातियों ने चुनाव में कांग्रेस को अघमरा कर दिया। अब वे पता नहीं कहां से ‘जहर की खेती’ ले आई हैं? कौन सी खेती है, जिसमें जहर पैदा होता है? जहर जैसी चीज की खेती भारत में तो हमने कभी सुनी नहीं। हां, इटली में होती हो तो सोनिया जी जानें … [Read more...] about ज़हर की खेती: काट करे कोई?
भ्रष्टाचार की सजा
नया इंडिया, 2 फरवरी 2014 : मध्यप्रदेश के लोकायुक्त को बधाई कि उन्होंने भ्रष्टाचार के अनेक अपराधियों को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है। इन अपराधियों में राजस्व विभाग के छोटे-मोटे अफसर और स्थानीय सरकारों के अधिकारी तो हैं ही, कुछ उप-कुलपति और शिक्षा संस्थानों के निदेशक भी हैं, जिन पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने छापे डाले हैं। इन अधिकारियों के घर से करोड़ों रु. की चल-अचल संपत्ति बरामद … [Read more...] about भ्रष्टाचार की सजा
पार्टियों में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार
दैनिक भास्कर, 1 फरवरी 2014: सूचना के अधिकार का मतलब है- सरकार के सच को जानने का अधिकार! यह अधिकार 2005 के पहले तक सांसदों, विधायकों और पार्षदों तक सीमित था। वे सदन में खड़े होकर प्रश्नोत्तर काल में सरकार को आड़े हाथों ले सकते थे, लेकिन जनता बिलकुल निहत्थी थी। यदि किसी आम आदमी को सरकार के किसी विभाग से कोई जानकारी चाहिए होती थी तो वह नहीं मिल सकती थी यानी सरकार केवल सांसदों और … [Read more...] about पार्टियों में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार