Nav Bharat Times, 17 Dec 2002 : गुजरात में जैसी प्रचंड विजय भाजपा को मिली, वैसी पिछले कई दशकों में किसी पार्टी को नहीं मिली| भाजपा-जैसी पार्टी में कोई प्रांतीय नेता नरेन्द्र मोदी की तरह राष्ट्रीय स्तर पर उभरा हो, यह भी अपूर्व है| फिर भी यह प्रश्न क्यों कि गुजरात में कौन जीता ? गुजरात में क्या हिन्दुत्व जीता है ? क्या नरेन्द्र मोदी जीते हैं ? क्या भाजपा जीती है ? जवाब … [Read more...] about गुजरात में कौन जीता ?
2002
भारत रूस: जबानी जमा-खर्च
नवभारत टाइम्स, 07 दिसंबर 2002, दो साल पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब भारत आए थे, तब भी उन्होंने आतंकवाद की भर्त्सना तो की थी लेकिन तब वे जरा ठिठके हुए दिखाई पड़ रहे थे| उन्होंने पाकिस्तान नामक शब्द को अपने होठों या कलम पर नहीं आने दिया था लेकिन इस बार संयुक्त वक्तव्य और पत्रकार-परिषद्, दोनों में ही पाकिस्तान का खुलकर जि़क्र हुआ| इसीलिए पुतिन की इस भारत-यात्रा का … [Read more...] about भारत रूस: जबानी जमा-खर्च
पुतिन की यात्रा: असली मुद्दा पाकिस्तान है !
3 Dec. 2002 : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दूसरी बार भारत आए हैं| पिछली बार आने में और इस बार आने में काफी फर्क है| जब अक्तूबर 2000 में वे भारत आए थे, तब तक न न्यूयॉर्क का ट्रेड टॉवर गिरा था, न भारत की संसद पर आतंकवादी हमला हुआ था और न ही मास्को के थियेटर ने रक्त-स्नान किया था| पिछले दो वर्ष के अन्तराल में घटी इन तीन घटनाओं ने सारी दुनिया का परिदृश्य तो बदला ही है, असली … [Read more...] about पुतिन की यात्रा: असली मुद्दा पाकिस्तान है !
क्या हिन्दुत्व और भारतीयता एक ही है
राष्ट्रीय सहारा, 1 दिसंबर 2002 … [Read more...] about क्या हिन्दुत्व और भारतीयता एक ही है
ब्लेड की धार पर जमाली
नवभारत टाइम्स, 27 नवंबर 2002: जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने अपनी फौजी चेहरे पर लोकतंत्र का मुखौटा जमा लिया है| जमाली के ज़रिए जमा लिया है| मुस्लिम लीग (क़ायदे-आज़म) के नेता मीर जफरुल्ला खान जमाली को आखिरकार उन्होंने प्रधानमंत्री बनवा ही दिया| वे बनवाते, इसकी बिल्कुल भी जरूरत नहीं थी| कोई भी प्रधानमंत्री अपने आप बन जाना चाहिए था| लेकिन कोई कैसे बनता ? किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं … [Read more...] about ब्लेड की धार पर जमाली
माओ के ताबूत पर पूंजीवादी जिन्न
दैनिक भास्कर, 23 नवंबर 2002, चीन की तुलना यूरोपीय विचारकों ने महादैत्य से की है| उनका कहना है कि यदि वह सोता है तो उसे सोने दो| यदि वह जाग गया तो वह दुनिया को हिला देगा| इस दैत्य ने कभी दुनिया को सचमुच हिला दिया था| चीनी क्रांति 1949 में हुई| लगभग तीन दशक तक ‘लंबा संघर्ष’ चलता रहा| न सिर्फ चीन में लाखों लोग मारे गए बल्कि भारत, वियतनाम, कोरिया, ताइवान, जापान और यहाँ तक कि … [Read more...] about माओ के ताबूत पर पूंजीवादी जिन्न
स्वप्न-लोक से भूतल पर आती काँग्रेस
R Sahara, 15 Nov. 2002 : पंचमढ़ी की काँग्रेस के मुकाबले माउंट आबू की काँग्रेस कितनी अलग है| माउंट आबू में न तो काँग्रेस महासमिति का अधिवेशन था और न ही कार्यसमिति की बैठक ! सिर्फ 14 राज्यों के काँग्रेसी मुख्यमंत्री वहाँ मिले थे लेकिन इस मिलन का महत्त्व किसी भी अधिवेशन से कम नहीं है| जो काँग्रेस कभी केन्द्र में अकेले ही सरकार बनाने के सपने देखती थी, उसने अब ज़मीन पर चलना शुरु कर … [Read more...] about स्वप्न-लोक से भूतल पर आती काँग्रेस
सद्दाम को नरम पड़ने दिया जाए
Nav Bharat Times, 14 Nov. 2002 : समझ में नहीं आ रहा कि इसे किसकी विजय कहा जाए ? सुरक्षा परिषद् की या अमेरिका की या एराक की ? या तीनों की ? सुरक्षा परिषद् ने अपना प्रस्ताव सर्वानुमति से पारित किया है| पन्द्रह में से एक राष्ट्र ने भी इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया| सीरिया ने भी नहीं| माना यह जा रहा था कि सीरिया पश्चिमी राष्ट्रों का साथ नहीं देगा| एराक के विरुद्घ आनेवाले किसी भी … [Read more...] about सद्दाम को नरम पड़ने दिया जाए
साढ़े चार साल में बुढ़ा गई सरकार
Hindustan, 1 Nov 2002 : सबसे पहला प्रश्न तो यही है कि भाजपा-गठबंधन सरकार की उम्र क्या मानें ? तीन साल या साढ़े चार साल ? इस सरकार ने अक्तूबर में अपनी तीन-वर्षीय अवधि का उत्सव मनाया| प्रधानमंत्री लंदन में थे और रात देर से लौटनेवाले थे, इसलिए 13 अक्टूबर की शाम को ही उप-प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी ने पत्रकार-परिषद्र बुलाई और अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया| उन्होंने तीन … [Read more...] about साढ़े चार साल में बुढ़ा गई सरकार
धर्म-परिवर्तन नहीं, मर्म-परिवर्तन !
Nav Bharat, 29 Oct. 2002 : जयललिता ने धर्म-परिवर्तन विरोधी अध्यादेश जारी क्या किया, जैसे मुर्गियों के दड़बे में बिल्ली घुस गई | पादरी और मुल्ला इस क़दर चिल्ला रहे है, मानो क़यामत आ गई हो| विरोधी दल कह रहे हैं कि भाजपा की खुशामद का यह नायाब तरीका है| जयललिता अपने मुकदमे जीतना चाहती हैं और केन्द्र सरकार में भागीदारी भी ! वे कावेरी मुद्दे से भी लोगों का ध्यान हटाना चाहती हैं| … [Read more...] about धर्म-परिवर्तन नहीं, मर्म-परिवर्तन !