Dainik Bhaskar, 31 March 2004 :किसी भी सत्तारूढ़ दल का चुनाव घोषणा-पत्र या मन्तव्य-पत्र (विज़न डॉक्यूमेंट) जब प्रकाशित होता है तो विरोधी दल अक्सर उस पर टूट पड़ते हैं लेकिन इस बार भाजपा के मन्तव्य-पत्र पर कांॅग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की जो प्रतिक्रियाऍं आईं, वे उबासीभरी जम्हाइयों के अलावा क्या थीं? यदि देश के अन्य दलों के पास भाजपा की टक्कर का कोई और मन्तव्य होता … [Read more...] about भारतीय राजनीति का गड्डमड्डवाद !
Archives for March 2004
भारत का बगलें झॉंकना
NavBharat Times, 24 March 2004 : जैसी मजबूरी में भारत आजकल फॅंसा हुआ है, पहले कभी नहीं फॅंसा| पाकिस्तान को गैर-नाटो प्रमुख-सहयोगी का रुतबा मिल जाए और हमारे होंठ सिले रहें, हमें मारने के लिए वह दूरमारक प्रक्षेपास्त्र बनाए और हम बगलें झॉंकते रहें, ए.क्यू. खान रंगे हाथ पकड़ा जाए और हम दुनिया में कोई बवाल खड़ा न करें, मुशर्रफ फिर से राग-कश्मीर अलापे और हम अनसुनी कर दें| ऐसा तो पहले … [Read more...] about भारत का बगलें झॉंकना
स्पेन में हारे बुश और ब्लेयर
नवभारत टाइम्स, 18 मार्च 2004। स्पेन-जैसे देश में होनेवाले चुनाव पर कौन ध्यान देता है? खबरों की दुनिया में कभी स्पेनी-गृहयुद्घ को याद किया जाता था| वह कई दशकों पुरानी बात हो गई| लेकिन पिछले हफ्ते के चुनावों ने स्पेन को एक बार फिर खबरों के शीर्ष पर पहॅुंचा दिया है| यह स्पेनी चुनाव अन्तरराष्ट्रीय राजनीति का छोटा-मोटा भूकम्प ही है| पहले यह देखें कि वहॉं हुआ क्या है? स्पेन में … [Read more...] about स्पेन में हारे बुश और ब्लेयर
खाला के घर कठपुतली-संग्रह
NavBharat Times, 10 March 2004 : आखिर राजनीति में कोई क्यों जाता है? यह सवाल अगर आप किसी भी राजनेता से पूछें तो उसका जवाब तपाक से आएगा कि देशभक्ति के लिए, लोक-सेवा के लिए| सबको पता है कि असलियत क्या है| अगर ऐसा है तो बेचारे फिल्मी सितारों ने क्या बिगाड़ा है| उनके राजनीति में आने पर इतनी उंगलियॉं क्यों उठ रही हैं| जितने और जैसे गुप्त इरादे नेताओं के होते हैं, वैसे तो फिल्मी … [Read more...] about खाला के घर कठपुतली-संग्रह
रूस में पूतिन और स्पेन में ज़पातेरो
दैनिक भास्कर, मार्च 2004: इस हफ्ते यूरोप में दो महत्वपूर्ण चुनाव हुए, जिनका प्रभाव विश्व राजनीति पर पड़े बिना नहीं रहेगा| रूस में व्लादीमीर पूतिन और स्पेन में समाजवादी पार्टी के नेता जोस लुइस रोडि्रग्ज़ ज़पातेरो की विजय हुई| चुनाव जीतते ही दोनों ने अमेरिका पर तीर चलाए| पूतिन ने अमेरिकी विदेश मंत्री कोलिन पॉवेल को आड़े हाथों लिया| पॉंवेल ने कह दिया कि पूतिन को प्रचंड बहुमत तो … [Read more...] about रूस में पूतिन और स्पेन में ज़पातेरो
चुनाव आयोग का पोल-खोल अभियान
Dainik Bhaskar, 4 March 2004 : देश में इस समय कोई ऐसा नेता या दल नहीं, जो अपने दम पर चुनावों को पाक-साफ कर सके| वह आदर्शवाद अब हवा हो चुका है, जो 1952 के चुनावों में दिखाई पड़ता था| अब तो चुनाव-प्रक्रिया ही राजनीतिक गंदगी का उद्रगम-स्थल बन गई है| राजनीति चुनावों को चलाती, इसके बजाय चुनाव राजनीति को चला रहे हैं| हर राजनीतिज्ञ का अब एक मात्र लक्ष्य यही है कि येन-केन-प्रकारेण … [Read more...] about चुनाव आयोग का पोल-खोल अभियान
रूस में पूतिन और स्पेन में ज़पातेरो
Bhaskar, March 2004 : इस हफ्ते यूरोप में दो महत्वपूर्ण चुनाव हुए, जिनका प्रभाव विश्व राजनीति पर पड़े बिना नहीं रहेगा| रूस में व्लादीमीर पूतिन और स्पेन में समाजवादी पार्टी के नेता जोस लुइस रोडि्रग्ज़ ज़पातेरो की विजय हुई| चुनाव जीतते ही दोनों ने अमेरिका पर तीर चलाए| पूतिन ने अमेरिकी विदेश मंत्री कोलिन पॉवेल को आड़े हाथों लिया| पॉंवेल ने कह दिया कि पूतिन को प्रचंड बहुमत तो मिला … [Read more...] about रूस में पूतिन और स्पेन में ज़पातेरो
सोनिया को कैसे बनाऍं प्रधानमंत्री
पंजाब केसरी, 03 मार्च 2004। पहला प्रश्न तो यही है कि यदि सोनिया गॉंधी विदेशी नहीं होतीं तो भी क्या वे इस लायक होतीं कि भारत की प्रधानमंत्री बनतीं? भारत जैसे विशाल और जटिल राष्ट्र के प्रधानमंत्री बनने के लिए जो न्यूनतम गुण किसी व्यक्ति में होने चाहिए, क्या वे भी सोनिया गॉंधी में हैं? यहॉं सोनिया गॉंधी की कमजोरियॉं गिनाने का ओछा काम करना मुझे उचित नहीं लगता लेकिन वे राजीव गॉंधी … [Read more...] about सोनिया को कैसे बनाऍं प्रधानमंत्री
सोनिया को कैसे बनाऍं प्रधानमंत्री
Panjab Kesri, 3 March 2004 : पहला प्रश्न तो यही है कि यदि सोनिया गॉंधी विदेशी नहीं होतीं तो भी क्या वे इस लायक होतीं कि भारत की प्रधानमंत्री बनतीं? भारत जैसे विशाल और जटिल राष्ट्र के प्रधानमंत्री बनने के लिए जो न्यूनतम गुण किसी व्यक्ति में होने चाहिए, क्या वे भी सोनिया गॉंधी में हैं? यहॉं सोनिया गॉंधी की कमजोरियॉं गिनाने का ओछा काम करना मुझे उचित नहीं लगता लेकिन वे राजीव गॉंधी … [Read more...] about सोनिया को कैसे बनाऍं प्रधानमंत्री
सत्ता की हरारत और राजनीति के त्रिदोष
नभाटा, 01 मार्च 2004। भाजपा के साधारण कार्यकर्ता बड़े अचम्भे में हैं| उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि उनके नेताओं को क्या हो गया है| कभी वे वरुण गॉंधी को उनके सिर पर बैठा रहे थे तो कभी डी.पी. यादव को और कभी हेमा मालिनी को ! ये तीनों व्यक्ति नहीं, प्रतीक हैं| त्रिदोष के प्रतीक ! राजनीति के तीन दोष ! वंशवाद, अपराधवाद और झटपटवाद ! क्या भाजपा का कॉंग्रेसीकरण हो रहा है ? क्या चाल, … [Read more...] about सत्ता की हरारत और राजनीति के त्रिदोष