नया इंडिया, 14 मार्च 2014: मैं अन्ना पर कुरबान जाता हूं। उनकी सादगी पर कौन ना मर जाए, या खुदा! उनके धोती-कुर्ता-टोपी जितने सादे हैं, उनका दिमाग उनसे भी ज्यादा सादा है। उनके दिमाग में लहर उठी कि ममता बेनर्जी का समर्थन करना चाहिए तो वे रालेगण से उड़े और कोलकाता पहुंच गए। समर्थन क्यों करना चाहिए, क्योंकि उनके 17 सूत्री पत्र का जवाब सिर्फ ममता ने दिया था। बाकी सब नेताओं ने उस पत्र … [Read more...] about अन्ना: बिना रस का गन्ना
Archives for March 2014
नमो-नमो नहीं करने का अर्थ
नया इंडिया, 13 मार्च 2014 : संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने बेंगलुरु की प्रतिनिधि सभा के दौरान कह दिया कि ‘हमारा काम नमो-नमो करना नहीं है।’ उनके इस कथन को कांग्रेस ले उड़ी। डूबते जहाज को मानो सहारा मिल गया। मोदी का विरोध अगर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ही करने लगे तो फिर क्या है? कांग्रेस की चांदी ही चांदी है। देश की सारी मोदी-विरेाधी ताकतों के मन में मोदक (लड्डू) फूटने लगे। कुछ … [Read more...] about नमो-नमो नहीं करने का अर्थ
बच निकलना ज़रा मुश्किल
नया इंडिया, 12 मार्च 2014 : हमारे सांसद और विधायक ऐसे कानून तो खुशी-खुशी बना डालते हैं, जिनसे उन्हें फायदे मिलते हों। उनके वेतन, भत्ते, सुविधाएं, चुनाव-क्षेत्र-राशियों के बारे में उनके मतभेद कभी होते ही नहीं। इस तरह के कानून झटपट पास होते हैं और सर्वसम्मति से होते हैं लेकिन सारा देश आश्चर्य करता है कि वे ऐसे कानून खुद क्यों पास नहीं करते, जिनसे भ्रष्ट और अपराधी जन-प्रतिनिधियों … [Read more...] about बच निकलना ज़रा मुश्किल
अपने दस्तखत अपनी भाषा में करें
नया इंडिया, 11 मार्च 2014 : भारत में भाषाई गुलामी इतनी गहरी पैठी हुई है कि अंग्रेजी को हटाने का आज कोई नाम तक नहीं लेता। आज देश के सभी राजनीतिक दल और नेता अंग्रेजी के गुलाम बने हुए हैं। अंग्रेजी के इस वर्चस्व के विरूद्ध देश को लंबी लड़ाई लड़नी है। यह सच्ची स्वाधीनता की लड़ाई होगी। इस लड़ाई के बहुत से आयाम है लेकिन मैंने अभी सिर्फ एक प्रारंभिक कदम सोचा है, जिसे हजारों लोग एकदम … [Read more...] about अपने दस्तखत अपनी भाषा में करें
भाजपा में यह क्या ?
नया इंडिया, 10 मार्च 2014 : भाजपा के शीर्ष नेता अब धीरे-धीरे खुलने लगे हैं। उनके मन में दबा आक्रोश मुखर हो उठा है। नरेंद्र मोदी के विरुद्ध लगभग सभी शीर्ष नेता कुछ न कुछ बोलने में लगे हैं। लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज आदि ऐसे नेता हैं, जिनमें प्रधानमंत्री बनने की पूर्ण योग्यता है लेकिन फिर भी उनकी जगह भाजपा ने नरेंद्र मोदी को तय किया है। नरेंद्र मोदी को इसलिए … [Read more...] about भाजपा में यह क्या ?
औरतों की पार्टी : नई आशा
नया इंडिया, 09 मार्च 2014 : भारत की राजनीति में आजकल कई अजूबे हो रहे हैं। एक ऐसा अजूबा है, जो शायद दुनिया की राजनीति में आज तक कभी सुनने में नहीं आया। भारत में अब एक औरतों की पार्टी बन गई है। सभी राजनीतिक दलों में मर्दों का दबदबा रहता है। यदि किसी पार्टी में कोई इंदिरा या सोनिया गांधी निकल आए या ममता बेनर्जी या मायावती या जयललिता नेता बन जाएं तो भी उन पार्टियों में वर्चस्व तो … [Read more...] about औरतों की पार्टी : नई आशा
आप’ के लिए तो नौटंकी ही भली
दैनिक भास्कर, 8 मार्च 2014 : आम आदमी पार्टी का आचरण क्या आम आदमी जैसा है? यह बुनियादी प्रश्न उनके नेताओं ने पहले दिन से ही स्वयं खड़ा कर रखा है। अब गुजरात और दिल्ली की ताजा घटनाओं ने यह सिद्ध किया है कि ‘आप’ के नेताओं और उसके कार्यकर्ताओं ने अपनी पिछली विफलताओं से कोई सबक नहीं सीखा है। खिड़की गांव में अफ्रीकी महिलाओं के साथ धींगामुश्ती करना और फिर रेल भवन के सामने धरना देकर … [Read more...] about आप’ के लिए तो नौटंकी ही भली
गुलाम विश्वविद्यालय
नया इंडिया, 8 मार्च 2014: हमारे देश में लगभग 250 विश्वविद्यालय हैं और कई नए विश्वविद्यालय खुलते जा रहे हैं। लेकिन उनकी स्थिति क्या है? उनका स्तर क्या है? क्या उनके स्तर को नापने का कोई पैमाना हमारे है? बस एक ही पैमाना है। वह यह है कि कितने छात्र उसकी परीक्षाओं में बैठते हैं और उनमें से कितने पास होते हैं। यह पैमाना इतना लचीला है कि जो विश्वविद्यालय जितना चाहे इसे झुका लेता है। … [Read more...] about गुलाम विश्वविद्यालय
मोदी-पार्टी बनाम मां-बेटा पार्टी?
नया इंडिया, 7 मार्च 2014 : राहुल गांधी में आजकल कौन चाबी भर रहा है, पता नहीं। आजकल कोई उनको उल्टी पट्टी पढ़ा रहा है। वह राहुल पर राहुल से ही आक्रमण करवा रहा है! औरंगाबाद की एक सभा में राहुल ने कह दिया कि भाजपा की सारी सत्ता एक व्यक्ति के हाथ में केंद्रित होती जा रही है। नाम लिये बिना उन्होने नरेंद्र मोदी का नाम ले लिया। लगभग यही बात, ऐसा माना जाता है कि एक अंतरंग बैठक में … [Read more...] about मोदी-पार्टी बनाम मां-बेटा पार्टी?
माले मुफ्त, दिले-बेरहम
नया इंडिया, 6 मार्च 2014 : राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्री लोग कितनी बेरहमी से जनता का पैसा पानी में बहाते हैं, इसका ताज़ा उदाहरण आज भी मिला। बर्मा में हो रहे पड़ौसी देशों के सम्मेलन (बिम्सटेक) में हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक विशेष विमान (बोइंग-147) ले गए। उनके साथ तथाकथित प्रतिनिधिमंडल में 100 लोग थे। इस बारात में 37 पत्रकार भी शामिल थे। इसमें कई दर्जन सुरक्षाकर्मी, … [Read more...] about माले मुफ्त, दिले-बेरहम